21 से 24 जुलाई तक श्रावण मास के चार दिन अत्यंत महत्वपूर्ण

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उच्च राशि के चंद्रमा में मनाया जाएगा श्रावण का द्वितीय सोमवार
21 से 24 जुलाई तक श्रावण मास के चार दिन अत्यंत महत्वपूर्ण

पं. सौरभ शास्त्री चतुर्वेदी  टीटीआई न्यूज़ मथुरा 20 जुलाई 2025 चातुर्मास में मथुरा पुरी में शिव आराधना का विशेष महत्व रहता है। श्रावण मास का द्वितीय सोमवार 21 जुलाई को उच्च राशि के चंद्रमा में मनाया जाएगा। यह दिन रोहिणी नक्षत्र एवं वृध्दि योग होने के कारण विशेष फलदायक होगा। इस संबंध में श्री दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान की विद्वत गोष्ठी में संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि 21 जुलाई सोमवार को एकादशी एवं द्वादशी का संयोग रहेगा शिव जी के पूजन एवं अभिषेक करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक चतुर्वेदी ने कहा कि स्कंद पुराण के अनुसार श्रावण मास सोमवार को शिव मन्दिर में दीपदान करने से परिवार में सुख समृद्धि और एश्वर्य की प्राप्ति होती है।
गोष्ठी में संस्कृत भारती के अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने कहा कि श्रावण मास में 21, 22, 23, 24 जुलाई चार दिन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। 21 को श्रावण मास का द्वितीय सोमवार है, 22 को श्रावण मास के प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, 23 जुलाई बुधवार को श्रावण मास की शिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा। इस दिन शिव आराधना एवं अभिषेक करना विशेष फलदायक होता है। 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या देव पितृ कार्य अमावस्या होने के कारण शिव मन्दिर में दीपदान अवश्य करें, जिससे पूर्वजों को आत्मशांति होगी।
इस अवसर पर साहित्याचर्य शरद चतुर्वेदी एवं ज्योतिषाचार्य पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि सोमवार श्रावण मास की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है इस दिन भगवान विष्णु श्रीधर की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार गौदान एवं वाजपेई यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
संस्कृत भारती के महानगर प्रचार प्रमुख पंडित रामदास चतुर्वेदी शास्त्री के अनुसार चातुर्मास में मथुरा पुरी में शिव आराधना का विशेष महत्व है, क्योंकि कि श्री हरि विष्णु के योग निद्रा में शयन के समय, श्री शिवजी द्वारा श्रृष्टि का संचालन किया जाता है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अखिल कोटि ब्रह्माण्ड के सभी तीर्थ और देवताओं का निवास मथुरा पुरी बृजमंडल चौरासी कोस तीर्थ क्षेत्र में रहता है, भगवान शिव भूतेश्वर महादेव, मथुरा पुरी में सदैव कोतवाल के रूप में निवास करते हैं, इसलिए श्रावण माह में और विशेष महत्व रहता है, शिव आराधना का मथुरा पुरी में।
इस अवसर पर पंडित सौरभ शास्त्री, गंगाधर अरोड़ा, नारायण प्रसाद शर्मा, रामदास चतुर्वेदी शास्त्री, तरुण नागर, हरस्वरुप यादव, संदीप चौधरी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रावण मास शिव उपासना का सबसे श्रेष्ठ माना गया है। प्रत्येक सोमवार को जलाभिषेक कर बिल्वपत्र शंकर जी पर चढ़ाने से सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं। Also Watch Video 

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