मुख्यमंत्री योगी ने ब्रज को 133 करोड़ की परियोजनाओं की दी सौगात
बंसी वारे को समर्पित पैरोडी गीत- जिधर देखूं तेरी तस्वीर नज़र आती है, मेरे ख़्वाबों की तू जागीर नजर आती है।
है बहुत सरल योगी होना, मगर है बहुत कठिन योगी रहना, देश को श्री शक्ति देने के लिए, पड़ता भारी कष्ट भी सहना!
हिंदू-मुसलमान कार्ड अब नहीं चलेगा, लोकसभा में नहीं चला तो विधानसभा में क्या चलेगा, जन-जन की पीर हरो!
सिख बुरा ना ईसाई बुरा है, हिंदू बुरा ना मुसलमान बुरा है, समझो यह- आ गई बुराई जिसमें, बस वही इंसान बुरा है।
मोदी-योगीराज में चहुंओर लूट ही लूट, बेईमानी से नहीं रहा उत्तर प्रदेश का पल्ला छूट, ऐसे लुटेरों को हम क्या नाम दें?
घर के अंदर होती घुटन, घर से बाहर निकलो चालान, चार कदम पर चालान, सड़क पार करते चालान, भीड़ में चालान
योगी जी, एक बात पूछूं, सच-सच बतलाओगे- यूपी की जनता को कितना और किस-किस तरह से लुटवाओगे?
यातायात पुलिस से वापस लिया जाए वाहनों के चालान चालान का अधिकार, नाहक उत्पीड़न से बदनाम सरकार
यातायात नियमों का पालन सहायक संभागीय परिवहन विभाग की जिम्मेदारी, यातायात पुलिस का काम व्यवस्था
सीएम के दौरे के दौरान जनता रहे हलकान, कौन सुनाता ऐसा फरमान, सुरक्षा के लिए लगे पुलिस, न काटे चालान
सरकार को दिखता रिवेन्यू, लूट के ठेके में रिवेन्यू, चालान में रिवेन्यू, खुफिया तंत्र देगा जानकारी- 'घट गई कितनी वैल्यू?'
सीएम योगी ने ब्रज तीर्थ विकास परिषद में विकास कार्यों की बैठक ली और श्री कृष्ण जन्म स्थान के दर्शन किए
मथुरा से सीएम योगी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिलने के लिए फरह स्थित परखम के लिए प्रस्थान किया
न सड़क, न सुरक्षा, न यातायात व्यवस्था, हर ओर अव्यवस्था ही अव्यवस्था, आम जनता के लिए एक ही तोहफा चालान
सीएम का मथुरा दौरा, टूटी सड़कें करें प्रणाम, कोई आए, कोई जाए, जनता को तो भुगतना सबका दुष्परिणाम!
सीएम योगी आए मथुरा, यातायात पुलिस ने आम जनता को दिया इनाम, चालान का कोटा पूरा, धड़ाधड़ कटे चालान
आम जनमानस के सरोकारों से नहीं इनका कोई सरोकार, हर जगह एक ही ख़बर, पाठक/दर्शक सोचने को मजबूर?
गोदी मीडिया पर लॉरेंस बिश्नोई की ब्रांडिंग करा रहा कौन, कहां गए आए दिन एनकाउंटर करने वाले, सरकारें मौन?
मेरी होगी जीत- भाग कर कहां कोई चला जाएगा रण से, ज़िंदगी का युद्ध तो लड़ना ही पड़ेगा, प्राण और पण से।
मौत का क्षण वह देखिए, सामने ही आकर खड़ा है, ज़िंदगी हमको चुरानी है, बस इसी एक क्षण से।
सरकार को समर्पित भजन- ऐसी तो ज़माने में कहीं-कोई सरकार नहीं होगी, पूरा है भरोसा, मेरी हार नहीं होगी!
बंसी वारे को समर्पित गीत- तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है, जहां भी जाऊं, यह लगता है, तेरी महफ़िल है!
बंसी वारे की माया का ना पाया कोई पार, पिछले न जाने कितने जन्मों के पुण्यों के फल स्वरुप देता मनुष्य जीवन
परीक्षक द्वारा दी जाने वाली उत्तर पुस्तिका की तरह देता जीवन, देखता- किया क्या काला-पीला, फिर देता फल!
साधु ने अकबर को सुई दी, कहा- इससे अपने फटे कपड़े सी लेते हैं, ऊपर मिलो तो दे देना, हम नहीं ले जा सकते!
अकबर- साधु जी, कैसी बात कर रहे हो? वहां तो कोई कुछ नहीं ले जा सकता है। साधु- यही हमें आपको समझाना था!
लूट उजागर करने को लुटेरों की बुद्धि भ्रष्ट कर बंसी वारे ने लुटवाया भक्त का चेन, भिजवाया संदेश- नहीं लेने दूंगा चैन!
आज का बब्बर शेर- मैं हर हाल में खुश रहता हूं, मैं दरिया की तरह बहता हूं! (प्रभु की जिस पर मेहर, ऐसा ही रहता)
लिखने वाले कब का लिख गए गुनगुनाता सच्चा फिल्मी गीत- बुरे काम का बुरा नतीजा, क्यूॅं भई चाचा, हां भतीजा!
सब कुछ गोदी मीडिया पर नहीं आता, कुछ ख़ास टीटीआई न्यूज़ पर भी है आता, जो कहीं और नज़र नहीं आता- सत्य!
फ़र्ज़- जिसको जो पद और अधिकार मिला है, वास्तव में वह प्रभु प्रदत्त है, माध्यम कोई भी रहा हो, अपना फ़र्ज़ निभाओ!
अंतर्रात्मा कहती- बुरा तो बुरे का भी नहीं करना चाहिए, बुरा करके कभी हमको अपना कर्म खराब नहीं करना चाहिए!
प्रकृति का नियम- किसी सच्चे और अच्छे व्यक्ति का कोई बुरा नहीं कर सकता, करता है तो उसका ही बुरा होता है।
सत्य वचन- जो किसी का बुरा नहीं करता, सबका अच्छा चाहता है, उसका बुरा सोचने पर भी बुरा होने लगता है।
उत्तर प्रदेश पुलिस करने लगी अब गैर मुस्लिम एनकाउंटर, मोहित शर्मा को मिली मथुरा पुलिस की गोली, साथी फरार
जिन्होंने असंख्य हाथों से हरि भक्तों को लूटा और लुटवाया, हरि उनको कितने हाथों से लुटवाएंगे, सोचो तो ज़रा भाया?
हम न सोचें कि हमें क्या मिला है, हम यह सोचें- किया क्या है अर्पण, जिसने दिया जीवन, करो उसकी आराधना हर क्षण!
आज का विचार- आज जिसे देखो, वही ज्ञान बांट रहा है, ज्ञान बांटने से पहले अर्जित किया जाता है, तब बंटता है।
गुरु शिक्षा- किसी का बुरा न करें, सदैव अच्छों का संग करें, बुरे लोग आपकी ओर आएं तो उनसे कोसों दूर हो जाएं!
भगवान की सच्ची कहानी- भगवान के घर देर तो लगती है मगर उसके दर से कभी अन्याय नहीं होता, न्याय ही करते।
पूछ लिया बंसी वारे ने तो दे पाओगे जवाब- मेरी मथुरा में मेरे भक्तों की लुटवाई कितनी लेन, फिर भी तुम भी बेचैन?
मथुरा में चला आ रहा अंधा विकास, पुरानी सड़क उखाड़ी नहीं जाती, नई दी जाती बिछा, नीचे होते जाते सब मकान
सच्ची कहानी- संसार में कुछ भी स्वत: नहीं होता, सब कुछ किया अथवा कराया जाता, क्रिया की ही प्रतिक्रिया होती है।
बंसी वारे की लीला कुछ ऐसी- जो उसके भक्त को घिरवाता, उसे असंख्य मुसीबतें आ घेरतीं, फिर वह निकल नहीं पाता।
आज का ज्ञान- कुछ पढ़ाने-लिखाने वाले समझते खुद को ज्ञानी, भले-बुरे का जिनको ज्ञान नहीं, सबसे बड़े अज्ञानी!
कोई बोला इन की ख़बरों को तुम ख़बरें मत मानना, फिर क्या मानना- पढ़कर समझना, जो समझ आए, वह मानना!
मैं प्रेम हूं, विश्वास हूं, मैं दुखियों की आवाज़ हूं, मैं श्रद्धा का सैलाब हूं, मैं कंसों का संहार करता हूं, मैं मथुरा हूं, मैं मथुरा हूं!
ग़रीबों की सुनो का मतलब यह कदापि नहीं कि आप भ्रष्टाचार कर ग़रीबों को दो और पुण्य की कामना रखो, उल्टा होगा!
बंसी वारे से किसी ने यूं ही नहीं कहा- भूले हुओं को रस्ता दिखाना ही होगा, जलवा एक बार फिर से दिखाना ही होगा।
इसमें दो राय नहीं कि साधकों के पास शक्तियां होती हैं मगर उनका दुरुपयोग होने पर साधक की बड़ी दुर्गति भी होती है।
आज का भजन- मोकू कहां ढूंढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास रे, ना मैं नभ में, ना में थल में, ना मैं जल में, मैं तो तेरे पास पास रे
आज का शेर- दीपक की चमक में आग भी है, शम्मां ने कहा परवाने से, परवाने मगर यह कहने लगे, हम आग में जलकर देखेंगे।
एक बड़ी पुरानी कहावत है, जो आज भी हो रही चरितार्थ- गीदड़ की जब मौत आती है तो वह शेर की ओर भागता है।
रावण का जब अंत आया तो उसने प्रभु श्री राम से और कंस का जब काल आया तो उसने भगवान श्री कृष्ण से पंगा लिया
मथुरा की गली-गली में आजकल यह चर्चा कि महाविद्यालय प्राचार्य 50 लाख में लाया डकैती का लाइसेंस, डालेगा नहीं?
हरि कौ सब ऐसौ ही खेल, यों पंछिन में ढेल- पक्षियों के झुंड में जैसे ही कोई कंकड़ी आकर गिरती है, सब पक्षी फुर्र हो जाते हैं।
मां पार्वती से बोले भोले- "उमा कहऊं मैं अनुभव अपना, सत हरि भजन जगत सब सपना।" अर्थात् हरि नाम स्मरण सत्य, शेष सब सपना है।
पथ प्रदर्शक-पथ पर लाने वाले, ज़्यादातर हो गए पथभ्रष्ट, कुछ ही डाल रहे पथ पर प्रकाश, बचे-कुचे हो गए निकृष्ट!
यह पशु प्रवृत्ति है, आप-आप ही चरे, है मनुष्य वही, जो मनुष्य के लिए मरे, अर्थ यह नहीं कि सारे मिलकर घूस चरें!
सरकारी भ्रष्टाचारियों पर देश की अदालतें अब नहीं रहीं असरकारी, सरकार करती उनकी पैरोकारी और पहरेदारी!
सरकारी दलबल के साथ सरेआम-खुलेआम डकैती डाल रहे जो, उनके विरुद्ध ऊपर वाले की कोर्ट में दर्ज होता मुकदमा!
कोई भी सच्चा पत्रकार किसी के बारे में यूं ही नहीं कुछ भी बोलता है, जो नहीं कह पाता जनमानस, वही वह बोलता है!
मथुरा के एक महाविद्यालय का नया-नवेला प्राचार्य स्टाफ के चंद लोगों संग गिरोह बध्द होकर जमकर कर रहा भ्रष्टाचार!
प्रश्न- नए-नए ज्ञानियों को ज्ञानी भला कैसे समझाए, तुम जिस विद्यालय से आए, उसमें वह दशकों पूर्व पढ़ा आए!
लोग ढूंढते-फिरते सारा जहां, सच्चा ज्ञान आज मिलता कहां, सच्चे की कीमत नहीं होगी कम, झूठ से भर जाए चाहे जहां!
आपका अपना नेटवर्क, टीटीआई न्यूज़- जगन्नाथ रथयात्रा, अभी तो सिर्फ झांकी है, पूरी पिक्चर आनी अभी बाकी है!
“सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप” सत्य बोलने से बड़ी कोई तपस्या नहीं, झूठ से बड़ा कोई पाप नहीं- कबीर
कंकड़ी गिरते ही पंछी फुर्र- अपने पद, धन और यौवन का कभी अभिमान न करें, यह तीनों एक क्षण में चले जाते हैं।
मथुरा के भ्रष्टाचारियों ने ओढ़ रखी भ्रष्टाचार की मोटी लोई, अलबेली सरकार भूले, सिर्फ सरकार याद, क्या करेगा कोई?
जो चलवाते जुए के खुले अड्डे, कराते सट्टे की खाई बाड़ी, ब्लैकमेलिंग और श्रद्धालुओं से लूटमार, कब धरे जाएंगे?
देहाती और मेवाती ही नहीं शहर के कुछ सफेद पोश भी साइबर अपराधी, नेट और सिम एजेंसी वाले भी लिप्त?
मथुरा में कौन कर/करा रहा इजराइल के ऐप का इस्तेमाल, जन-जन को जानकारी, आज तक हुई किसी की गिरफ्तारी?
देश के धनी-मानी लोगों के मोबाइल हैक कराता कौन, ब्लैकमेल कराता कौन, पूछा जाता सवाल, सभी मौन?
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