मथुरा जिला न्यायालय की नई व्यवस्था नियत

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जनपद न्यायालय मथुरा 17 अप्रैल 2021

कोविड-19 के दृष्टिगत माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार दिनांक 17.04.2021 से संपादित न्यायिक कार्य

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा जिला न्यायालयों के संचालन हेतु नवीन दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं, जिनके अनुपालन में माननीय जनपद न्यायाधीश मथुरा श्री यशवंत कुमार मिश्र द्वारा जनपद न्यायालय मथुरा में न्यायिक कार्य किए जाने हेतु गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं जिसके अंतर्गत समस्त न्यायालयों के संचालन हेतु निम्नलिखित व्यवस्था की गई है :-

जनपद न्यायालय मथुरा में दिनांक 17.04.2021 से न्यायालय जनपद न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय), न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एस.सी.एस.टी. एक्ट), न्यायालय विशेष न्यायाधीश (ई.सी. एक्ट), न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), न्यायालय विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट), न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एन.डी.पी.एस एक्ट), मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सिविल जज (सीनियर डिविजन) तथा सिविल जज (जूनियर डिविजन) न्यायालयों में ही मामलों की सुनवाई की जाएगी।

जमानत प्रार्थना पत्र, अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र तथा अन्य आवश्यक प्रार्थना पत्रों को दाखिल करने हेतु ईमेल mathurafiling@gmail.com सृजित की गई है, जिसके माध्यम से अधिवक्तागण उक्त प्रार्थना पत्रों को दाखिल कर सकेंगे।

उपरोक्त संचालित न्यायालयों द्वारा लंबित/नवीन जमानत प्रार्थना पत्र, लंबित और नवीन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र, आवश्यक आपराधिक प्रकीर्ण प्रार्थना पत्रों का निस्तारण, आवश्यक सिविल प्रार्थना पत्रों का निस्तारण जैसे व्यादेश के मामले, विचाराधीन बंदियों से संबंधित न्यायिक कार्य/रिमांड, ऐसे सभी मामले जिन्हें माननीय न्यायालय द्वारा समयबद्व सीमा के अंतर्गत शीघ्रता से निस्तारित करने हेतु निर्देशित किया गया है तथा अन्य ऐसे मामले जिन्हें जनपद न्यायाधीश एवं प्रधान न्यायाधीश (परिवार न्यायालय) आवश्यक या उचित समझें, के मामलों की सुनवाई जहां तक संभव हो की जाएगी।

अधिवक्ताओं, वादकारियों एवं अन्य स्टेक होल्डर द्वारा प्रेषित नवीन मामलों/प्रार्थना पत्रों (सिविल/क्रिमिनल) को प्राप्त करने हेतु न्यायिक सेवा केंद्र (केंद्रीयकृत फाइलिंग काउंटर) का प्रयोग किया जाएगा। ऐसे समस्त मामले/प्रार्थना पत्र को सी.आई.एस. पर पंजीकृत किया जाएगा तथा ऐसे प्रार्थना पत्रों एवं मामले पर अधिवक्ता/वादकारी का विवरण, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी उल्लेखित करना होगा। किसी प्रकार की त्रुटि होने पर संबंधित अधिवक्ता को सूचित किया जाएगा। जमानत/अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रों की प्रति अभियोजन/डी.जी.सी. को प्राप्त कराई जाएगी। अभियोजन द्वारा अपना उत्तर प्रावधानों के अनुसार निर्धारित अवधि के अंतर्गत दाखिल किया जाएगा। ई-मेल से प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों को कंप्यूटर अनुभाग द्वारा डाउनलोड कर सूची तैयार कर संबंधित न्यायालय को प्रेषित की जाएगी।

न्यायालय कक्ष में उचित दूरी पर अधिवक्ताओं के लिए मात्र चार कुर्सी की व्यवस्था की जाएगी तथा न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों द्वारा मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाएगा। प्रत्येक न्यायालय कक्ष के दरवाजे पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी तथा पेशकार, लिपिक आदि सामाजिक/भौतिक दूरी से संबंधित दिशानिर्देशों का अनुपालन करेंगे। केवल वही अधिवक्ता व वादकारी न्यायालय परिसर में आयें, जिनके केस मामले लिस्ट किए गए हो तथा जैसे ही उनके केस मामलों की सुनवाई पूरी हो जाती है वह न्यायालय परिसर को छोड़ दें। न्यायालयों के रीडर, लिपिक, अन्य कर्मचारीगण, अधिवक्तागण, तथा पक्षकारगण "सोशल डिस्टेंसिंग" के दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।

उपरोक्त जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा की सचिव सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा बताया गया कि न्यायालय की कार्यप्रणाली हेतु अधिवक्ताओं व अधिकारियों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर पैनल अधिवक्ता श्री अरशद हुसैन रिज़वी मोबाइल नंबर 7409781733 तथा पराविधिक स्वयंसेवकगण श्री देवकीनंदन शर्मा मोबाइल नंबर 9837855330 श्री लक्ष्मीकांत शर्मा मोबाइल नंबर 8630304693 से किसी कार्य दिवस में प्रातः 10:00 बजे से सायँ 5:00 बजे तक आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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