बंसी वारे ने ग्राउंड जीरो पर उतरकर जानी सच्चाई, कोई नेता/अफ़सर पास नहीं था, जब जनता संकट में घिरी पाई
श्री कृष्ण नगरी का ग़रीब ऑटो चालक भी यह जानता कि लूट के ठेके कौन उठाता, यही उठाते और कौन उठाता है?
श्री कृष्ण नगरी का ग़रीब रिक्शा वाला भी यह जानता है कि मथुरा के नेता नोट छापने में लगे हैं, इन्हें चाहिए बस कैश
काम किसी का हो या ना हो, अफ़सर तवज्जो दे या ना दे, नेता के पीए से चुनाव में सपोर्ट करने वाला भी लुट जाता
सत्य- ऐसे नेताओं को ओढ़े या कि बिछाए जनता, जिनके पीए किसी को सिर्फ फोन कराने के 20-20 हज़ार ले लेते हैं
चैनल आपका, सिस्टम आपका, मोबाइल आपका, चलाता कोई और है, सावधान इसका कोई उपाय अवश्य करें
पहले कब मुमकिन था, कौन है तो यह मुमकिन है,
सुरक्षा की आड़ में जा रहे खेले खोटे खेल!
सच्चे पत्रकार दाई होते हैं, उनसे किसी के पाप छुपते नहीं, एक-एक खेल की जानकारी, बंसी वारा सब दिखा देता है!
याद रहे तानाशाह सरकारों, भारत के सभी लोग गुलाम तो अंग्रेजों और मुगलों के भी नहीं हुए थे, तुम्हारे क्या होंगे?
प्रासंगिक देश भक्ति गीत- अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं, सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
राजकीय अधिकारियों/कर्मचारियों को नहीं भूलना चाहिए, पोस्टिंग भले कोई करे, सैलरी जनता की कमाई से मिलती है
राजकीय संसाधनों, कर्मचारियों और अधिकारियों का राजनीतिक इस्तेमाल, यह सबसे बड़ा मुद्दा, विपक्ष दे ध्यान!
जनता का ज्वलंत सवाल- क्या जनप्रतिनिधि सिर्फ नोट और वोट बटोरने के लिए बने हैं, जल भराव कौन दूर कराएगा?
क्या कोई ऐसी समस्या है जिसके लिए प्रयास सच्चे मन से किया जाए और उसका निदान न हो, जनता की गालियां
आज का शेर - सच्चाई छुप नहीं सकती कभी बनावट के उसूलों से, ख़ुशबू आ नहीं सकती कभी कागज़ के फूलों से
देश की आजादी में सिर्फ नेताओं का ही नहीं, सच्चे पत्रकारों का भी अहम योगदान, लोकतंत्र के चार आधारभूत स्तंभ
विधायिका अपने को सर्वशक्तिमान न समझे, माना कि उसने तीन अन्य स्तंभों को दबा लिया है मगर हमेशा दबे नहीं रहेंगे
ऐलान-ए-जंग- हर जोर ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है, जो छीनेगा रोजी-रोटी, उसकी काट लेंगे बोटी-बोटी
मॉनिटरिंग सेल की आड़ में सरकार रुकवा रही ख़बरें, जिससे लोगों तक शासन-प्रशासन की नाकामियां न पहुंचें
समूचा पत्रकार जगत सरकार की इस कुत्सित मंशा का कड़ा विरोध करता है, जनता इसका जवाब अवश्य देगी
श्री कृष्ण नगरी मथुरा में जरा सी बारिश के बाद आज फिर भयंकर जल भराव की स्थिति, मेयर को पड़ रही गालियां!
कह रहे लोग ईमानदारी से जीता होता तो कुछ करता, आला अफसरों को तबादले की धमकी दिलाकर जीता क्या करेगा?
प्रधानमंत्री के 9 मिनट में संसद सत्र छोड़कर जाने को लेकर उठ रहे सवाल, विदेशों के लिए समय, देश के लिए नहीं?
जब देखा कि अब बरसात होने वाली हैं, झोला उठाया और चल दिए, फिर संसद का मानसून सत्र क्यों लगवाया?
सारी विदेश यात्राएं वह खुद करते हैं, अक्सर विदेश दौरों पर रहते हैं, समझ नहीं आता कि विदेश मंत्री किसलिए होते हैं?
जो बंसी वारे को डुबवाने डोल रहे थे, जिन्होंने तुड़वाया चेन, जबसे चला पता, जिंदा बचकर वे भी नहीं जाने वाले, बेचैन!
नोट कर ले- जब काया ही साथ नहीं देगी तो माया को कहां ले जाएगा? खाली हाथ आया था तू, खाली हाथ ही जाएगा!
आज का पैरोडी भजन - तूने जो लूटा और लुटवाया है, वह दूसरा ही खाएगा, खाली हाथ आया था, खाली हाथ जाएगा
विनाश और विकास में सिर्फ एक अक्षर का अंतर है, चतुर विनाशकारी विनाश करके, उसे विकास का नाम दे देते हैं
कर्मन की गति न्यारी, मूरख राजा राज करैं, विद्वान बने फिरैं भिखारी, अच्छे कर्म से मूर्ख राजा, बुरे से विद्वान भिखारी बन जाते हैं
साम-दाम-दंड-भेद और भ्रष्टाचारी साथ लेकर अगर तुमने कोई चुनाव जीता तो क्या जीता? ऐसी जीत से हार अच्छी!
आज का बब्बर शेर - तेरी ही हुक़ूमत में तुझसे जंग का ऐलान है, मेरी मौत चाहने वाले, तू चंद पलों का मेहमान है!
शनि के प्रतिनिधि श्रमिक, जो करते श्रम, शनि रखते नज़र, कोरोना काल में कोसों पैदल चलवाए गए श्रमिक परिवार?
पैदल चलने में भी श्रमिकों की भलाई थी, उनके परिश्रम में जो कोर कसर बाकी रह जाती, श्री कृष्ण ने पूरी कराई थी!
मैं फिर कहता डंके की चोट पर, लिखकर रख लेना, न्याय कर्ता शनिदेव 6 माह के अंदर तहस-नहस करके रख देंगे
जिन्होंने किए/कराए होंगे खोटे कर्म, उनके किए का उन्हें मिलेगा तीन गुना दंड, अच्छे कर्म करने वालों को पुरस्कार
6 महीने के अंदर जिसका हो जाए सत्यानाश, समझ लेना था वो कुकर्मों का विकास, जो फले-फूले, समझना सत्यवान
आज का विचार - जो निर्बल को सताता है, वह भस्म हो जाता है, जो बलवान से टकराता है, बलवान हो जाता है
बदल रही देश की राजनीति, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपना स्वास्थ्य खराब बताते हुए अपने पद से दिया इस्तीफा
शनि देव के वक्री होने का देखो दिखने लगा असर, बड़े नेताओं पर संकट के बादल, विदेश निकलने वाले मोदी
कोई ग़रीब अगर ₹2 का बिस्कुट का एक पैकेट भी लेता है तो पता है उस ग़रीब का करीब ₹1 टैक्स में चला जाता है!
आप ही सोचिए और समझिए कि यह सरकार ग़रीबों को नि:शुल्क खाद्यान्न दे रही है या उनका दाना-पानी ले रही है?
जनता के पास आती हराम की कमाई, शायद यही सोच रही भारत की नरेंद्र मोदी सरकार, देश में करों की कर दी भरमार
₹1 का आता था बीड़ी का बंडल, आज 22 रुपए कीमत, ₹1 का आता था गोल्ड मोहर गुटखा, चल रही ₹5 कीमत!
मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में ही नहीं पूरे भारत में मची लूट, 5000 में आने वाली विक्की जैसा ओला सवा लाख का!
विदेश में टेस्ला कार 32 लाख की, मोदी सरकार ने लगाया इतना टैक्स कि भारत में हो गई 64 लाख रुपए कीमत!
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी, नए दौर में लिखेंगे हम, फिर से नई कहानी, हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी!
नया ख़ून है, नई उमंग है, फिर से नहीं जवानी, आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं, सबसे अच्छा-प्यारा हिंदुस्तान बनाएं
मथुरा कोतवाली पुलिस से 3 साल में बरामद नहीं हो सकी एक चेन, ठेकेदार के लुटेरे आज भी रहे छाती पर मूंग दल!
आजकल न्याय के देवता शनि देव की चल रही अंतरराष्ट्रीय अदालत, अच्छे को तिगुना अच्छा, बुरे को तिगुना बुरा फल!
भारत सिद्धों और सीध्दियों का देश, स्वार्थियों ने समझा सिद्धियों को खेल, जो खेले, सिद्धियां रहीं अब उनसे खेल!
किसी मंदिर में अगर कोई महिला दे बैड टच, छाती से मारे टक्कर, बचाना चेन-कुंडल, पर्स-मोबाइल, स्नैचर्स होंगे घेरे!
श्रद्धालुओं के चेन-कुंडल-पर्स-मोबाइल खिंचवाने के लिए बाहर से बुलाए जाते स्पेशलिस्ट महिला-पुरुष, बच्चे-बुजुर्ग
आज जबकि मंदिर में खड़ा बाप बेटे से, कुमार्गी अपने कंधे पर लिए बच्चे से तुड़वा रहा चेन, इसे ही सुशासन कहते हैं?
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