आज‬ का पंचांग, प्रस्तुति - रवींद्र कुमार प्रसिद्ध वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ ज्योतिषी (राया वाले)

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  • Jeevan Mantra

प्रस्तुति - रवींद्र कुमार 

प्रसिद्ध वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ ज्योतिषी (राया वाले)

|।ॐ।|

सुप्रभातम

*आज‬ का पंचांग*

तिथि......... अमावस्या

वार........... बुधवार

पक्ष... .......कृष्ण       

नक्षत्र......... उत्तराषाढा

योग...........हर्षण

राहु काल.....१२:३०--१३:४९

मास............पौष

ऋतु............. हेमंत

कलि युगाब्द....५१२२

विक्रम संवत्....२०७७

13  जनवरी   सं 2021

*लोहिड़ी,मकर संक्रांति, खिचड़ी पर्व

*आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो*

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: #हर_दिन_पावन

*आज का त्योहार*

"लोहड़ी का त्यौहार"

*लोहड़ी माघ महीने की संक्रांति से पहली रात को मनाई जाती है। किसान सर्द ऋतु की फसलें बो कर आराम फरमाता है। इस दिन प्रत्येक घर में मूंगफली, रेवड़ियां, चिवड़े, गजक, भुग्गा, तिलचौली, मक्की के भुने दाने, गुड़, फल इत्यादि खाने और बांटने के लिए रखे जाते हैं।*

"गन्ने के रस की खीर बनाई जाती है और उसे दही के साथ खाया जाता है। ये सारी चीजें इसी मौसम की उपज होती हैं और अपनी तासीर से शरीर को गर्मी पहुंचाती हैं।"

*इस दिन घरों के आंगनों, संस्थाओं, गलियों, मुहल्लों, बाजारों में खड़ी लकड़ियों के ढेर बना कर या उपलों का ढेर बना कर उस की आग जलाते हैं और उसे सेंकने का लुत्फ लेते हैं।*

चारों ओर बिखरी सर्दी तथा रुई की भांति फैली धुंध में आग सेंकने और उसके चारों ओर नाचने-गाने का अपना ही आनंद होता है। लोग इस आग में भी तिल इत्यादि फेंकते हैं।

*घरों में पूरा परिवार बैठकर हर्ष की अभिव्यक्ति के लिए गीत गायन करता है। देर रात तक ढोलक की आवाज, ढोल के फड़कते ताल, गिद्दों-भंगड़ों की धमक तथा गीतों की आवाज सुनाई देती रहती है।*

रिश्तों की सुरभि तथा आपसी प्यार का नजारा चारों ओर देखने को मिलता है। एक संपूर्ण खुशी का आलम।

*इस त्योहार से कुछ दंतकथाएं भी आ जुड़ी हैं। एक कहानी यह है कि दुल्ला भट्टी नाम का एक मशहूर डाकू था। उसने एक निर्धन ब्राह्माण की दो बेटियों -सुंदरी एवं मुंदरी को जालिमों से छुड़ा कर उन की शादियां कीं तथा उन की झोली में शक्कर डाली।*

*इसका एक संदेश यह है कि डाकू हो कर भी उसने निर्धन लड़कियों के लिए पिता का फर्ज निभाया। दूसरा संदेश यह है कि यह इतनी खुशी और उमंग से भरा त्योहार है कि कोई चोर- डकैत जैसा भी अपनी गलत आदतें छोड़ कर दूसरों की खुशी के लिए आगे बढ़ कर आ जाता है।*

लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी को मनाया जाएगा। शादी के बाद जिनकी पहली लोहड़ी होती है या जिनके घर संतान का जन्म होता है उनके लिए लोहड़ी का त्योहार बड़ा खास होता है।

*लोहड़ी को सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण में आने का स्वागत पर्व भी माना जाता है। यह त्योहार पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल एवं कश्मीर में धूम धाम से मनाया जाता है।*

लोहड़ी के मौके पर कन्या के मायके से लड़की की मां कपड़े, मिठाईयां, गजक, रेवड़ी अपनी बेटी के लिए भेजती है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है।

*माना जाता है कि जब दक्ष प्रजापति ने अपने दामाद भगवान शिव का अपमान किया और पुत्री सती का निरादर किया तो क्रोधित सती ने आत्मदाह कर लिया।*

इसके बाद दक्ष को इसका बड़ा दंड भुगतना पड़ा। दक्ष की गलती को सुधारने के लिए ही माताएं लोहड़ी के मौके पर पुत्री को उपहार देकर दक्ष द्वारा किए अपराध का प्रायश्चित करती हैं।

*लोहड़ी के मौके पर होलिका दहन की तरह लकड़ियों एवं उपलों ढ़ेर बनाया जाता है। शाम के समय लकड़ियों को जलाकर सभी लोग आग के चारों ओर नाचते गाते हैं। माताएं अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर लोहड़ी की आग ताप्ती है उनका मनमानना है की इस आग से बच्चों का स्वास्थ्य सबसे बढ़िया रहता है।

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