महर्षि पाराशर का आज 16 फरवरी 2021 का राशिफल पंचांग सहित

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  • Jeevan Mantra

जय श्री राधे ||***

महर्षि पाराशर पंचांग 

अथ पंचांगम् 

****ll जय श्री राधे ll****

 

 

दिनाँक -: 16/02/2021,मंगलवार

पंचमी, शुक्ल पक्ष

माघ

"""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)

 

तिथि ----------पंचमी 29:45:36         तक

पक्ष ----------------------------शुक्ल

नक्षत्र -----------रेवती 20:55:21

योग ---------------शुभ 25:47:39

करण -------------बव 16:37:31

करण ----------बालव 29:45:36

वार -----------------------मंगलवार

माह -----------------------------माघ

चन्द्र राशि -------मीन 20:55:21

चन्द्र राशि --------------------- मेष

सूर्य राशि   ------------------- कुम्भ

रितु --------------------------शिशिर

आयन --------------------उत्तरायण

संवत्सर -----------------------शार्वरी

संवत्सर (उत्तर) ------------प्रमादी

विक्रम संवत ----------------2077

विक्रम संवत (कर्तक)------2077

शाका संवत ----------------1942

 

वृन्दावन

सूर्योदय ----------------06:56:48

सूर्यास्त -----------------18:10:02

दिन काल -------------11:13:13

रात्री काल -------------12:45:56

चंद्रोदय ----------------09:41:42

चंद्रास्त -----------------22:22:01

 

लग्न ----- कुम्भ 3°27' , 303°27'

 

सूर्य नक्षत्र -----------------धनिष्ठा

चन्द्र नक्षत्र --------------------रेवती

नक्षत्र पाया --------------------स्वर्ण

 

पद, चरण  

 

दो ----रेवती 07:37:51

 

----रेवती 14:15:45

 

ची ----रेवती 20:55:21

 

चु ----अश्विनी 27:36:30

 

ग्रह गोचर  

 

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

========================

सूर्य= कुम्भ 03°52 '    धनिष्ठा,    3    गु

चन्द्र = मीन 22°23  ' रेवती   ,  2     दो

बुध = मकर 18°37'   श्रवण '      3   खे

शुक्र= मकर 23 ° 55,   श्रवण '   1   गा

मंगल=मेष  26°30 '     कृतिका ' 1   अ

गुरु=मकर  19°22 '    श्रवण  ,    3   खे

शनि=मकर 12°43 '     श्रवण   ' 1   खी

राहू=(व)वृषभ 22°20 'मृगशिरा ,   4  वु

केतु=(व)वृश्चिक  22°20 ज्येष्ठा   , 2  या

 

शुभा$शुभ मुहूर्त

 

राहू काल 15:22 - 16:46 अशुभ

यम घंटा 09:45 - 11:09 अशुभ

गुली काल 12:33 - 13:58  अशुभ

अभिजित 12:11 -12:56 शुभ

दूर मुहूर्त 09:11 - 09:56 अशुभ

दूर मुहूर्त 23:17 - 24:02* अशुभ

 

गंड मूल अहोरात्र अशुभ

 

पंचक 06:57 - 20:55 अशुभ

 

चोघडिया, दिन

रोग 06:57 - 08:21 अशुभ

उद्वेग 08:21 - 09:45 अशुभ

चर 09:45 - 11:09 शुभ

लाभ 11:09 - 12:33 शुभ

अमृत 12:33 - 13:58 शुभ

काल 13:58 - 15:22 अशुभ

शुभ 15:22 - 16:46 शुभ

रोग 16:46 - 18:10 अशुभ

 

चोघडिया, रात

काल 18:10 - 19:46 अशुभ

लाभ 19:46 - 21:22 शुभ

उद्वेग 21:22 - 22:57 अशुभ

शुभ 22:57 - 24:33* शुभ

अमृत 24:33* - 26:09* शुभ

चर 26:09* - 27:44* शुभ

रोग 27:44* - 29:20* अशुभ

काल 29:20* - 30:56* अशुभ

 

होरा, दिन

मंगल 06:57 - 07:53

सूर्य 07:53 - 08:49

शुक्र 08:49 - 09:45

बुध 09:45 - 10:41

चन्द्र 10:41 - 11:37

शनि 11:37 - 12:33

बृहस्पति 12:33 - 13:30

मंगल 13:30 - 14:26

सूर्य 14:26 - 15:22

शुक्र 15:22 - 16:18

बुध 16:18 - 17:14

चन्द्र 17:14 - 18:10

 

????होरा, रात

शनि 18:10 - 19:14

बृहस्पति 19:14 - 20:18

मंगल 20:18 - 21:22

सूर्य 21:22 - 22:25

शुक्र 22:25 - 23:29

बुध 23:29 - 24:33

चन्द्र 24:33* - 25:37

शनि 25:37* - 26:41

बृहस्पति 26:41* - 27:44

मंगल 27:44* - 28:48

सूर्य 28:48* - 29:52

शुक्र 29:52* - 30:56

नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान---------------------उत्तर

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा  गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l

भोजनं वसनं…

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