संस्कृति विवि में संस्कारयुक्त और शोधपरक शिक्षा सराहना की पात्र

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संस्कृति विवि के दीक्षांत समारोह में डिग्रियां, पदक पाकर खुश हुए सभी छात्र।

श्वेतांक

मथुरा 9 जनवरी 2021

संस्कृति विश्वविद्यालय में सत्र 2019 में उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने विवि के मेधावी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और भारतीय शिक्षा ने हमेशा दुनिया को रास्ता दिखाया है ताकि इसे जीने के लिए बेहतर जगह मिल सके। 

उन्होंने कहा कि हम कोविड- 19 के कठिन दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हमारे नए ऑनलाइन मिश्रित शिक्षण और अध्ययन ने हमें शिक्षा में परिवर्तन के एक नए डिजिटल युग में ला दिया है और भारत ने इस कठिन परिस्थिति को आशावादी रूप से पार कर लिया है क्योंकि हमारे पास दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में युवा विद्यार्थी हैं। मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि सन 2016 में शुरू संस्कृति विश्वविद्यालय ने एक नवोदित विश्वविद्यालय के रूप में खुद को समयानुसार विकसित करते हुए कर मल्टी डिस्पिलिनरी एजूकेशन और रिसर्च युनिवर्सिटी (एमईआरयूएस) के रूप में स्थापित कर लिया है, जिसमें देश के लगभग सभी हिस्सों से आने वाले 6000 से अधिक विद्यार्थी, मथुरा में अपने आदर्श स्थान पर नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह खुशी की बात है कि विश्वविद्यालय के पास स्वास्थ्यवर्धक, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने वाले परिवेश के लिए एक सतत और सामाजिक रूप से जिम्मेदार पूर्ण योगदान के लिए निरंतर प्रयास करने की दृष्टि है। यह देश में वैश्विक मानकों के सर्वश्रेष्ठ बहु आयामी शिक्षा के मॉडल के रूप में स्थापित हो सकता है।

उन्होंने स्नातकों को बधाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में दीक्षांत समारोह एक महत्वपूर्ण दिवस है और आपके विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह उन सभी डिग्री धारकों, पदक और पुरस्कार विजेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के दम पर यह सफलता अर्जित की है। उन्होंने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए प्रगतिशील सोच आवश्यक है।

इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी मेधावी और मेधावी डिप्लोमा, यूजी और पीजी छात्रों को असाधारण शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया। 

इस मौके पर गेस्ट ऑफ ऑनर पद्म भूषण शरजत शर्मा ने उपाधियां प्राप्त करने वाले व पदकों से सम्मानित होने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और अपने अनुभवों को साझा करते हुए उनको आगे बढ़ने और देश को ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर, चांसलर सचिन गुप्ता ने छात्रों को बधाई दी और कहा “संस्कृति विश्वविद्यालय युवा पीढ़ी को उपयुक्त मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है जो उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण और आवश्यक है। इसके साथ ही संस्कृति विवि देश और समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को जीवनभर सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।

कुलपति प्रोफेसर सीएस दुबे ने स्वागत भाषण दिया और विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने दीक्षांत समारोह के दौरान उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों, स्नातक, शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों, अभिभावकों, छात्रों और सभी सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने सभी सफल छात्रों को बधाई दी और कहा कि "स्नातकों को आजीवन सीखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और उन्हें गतिशील दुनिया के साथ अनुकूलन करने के लिए नवीनतम तकनीकों को सीखना जारी रखना चाहिए।

समारोह के दौरान एमएसएमई भारत सरकार के मुख्य निदेशक पन्नीरसेलवम एवं प्रख्यात ज्योतिषी पंडित आर.के. शर्मा को  मानद उपाधियों से सम्मानित किया गया।  विश्वविद्यालय के सलाहकार अनिल माथुर, कार्यकारी निदेशक पीसी छाबड़ा, विशेष कार्याधिकारी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा और सीओई राजेश टंडन के अलावा विवि के वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके सभी कैरियर प्रयासों में सफलता की कामना की। शीर्ष रैंकधारकों को प्रमाणपत्र के साथ स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। परिवार और दोस्तों ने अपने बच्चों और साथियों की अद्भुत उपलब्धि पर खुशी और गर्व व्यक्त किया। विद्यार्थियों के लिए यह दिन याद रखने लायक था।

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