करें योग रहें निरोग : अधोमुख श्वानासन : जानिए योग क़ी इस विधि के लाभ, तरीका व सावधानियां

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  • Jeevan Mantra

Dr Rao P Singh

अधोमुख स्वान आसन एक कुत्ते (श्वान / स्वान) की तरह सामने की ओर झुकने का प्रतिकात्मक है इसलिए इसे अधोमुख स्वान आसन कहते हैं।

अधोमुख श्वान आसन के लाभ

 यह आसन छाती की मांसपेसियो को मजबूती प्रदान करता है

यह आसन यह आसन शरीर को ऊर्जा देता है और आपको तारो-ताज़ा करता है।

यह पूरे शरीर को शक्ति प्रदान करता है। विशेषकर हाँथ, कंधे और पैरों को।

यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है ।  

फेफड़े की क्षमता को बढ़ाता है।

मांसपेसियों को सुदृढ़ करता है और मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाता है।

मन को शांति प्रदान करता है एवं सरदर्द, अनिंद्रा, थकान आदि में भी अत्यंत लाभदायक है।

अधोमुख श्वान आसन क़ी विधि

सर्व प्रथम एक शांत साफ और समतल स्थान पर आसन बिछाकर उस पर आप उल्टा लेट जावे 

घुटनों और हाथो के पंजों के बल अपने शरीर को स्थिर कर उठाए 

तत्पश्चात अपने हाथों और पैरों को सीधे करते हुए पीठ से मोड़कर शरीर को ऊपर उठाए 

इस क्रिया में दोनों हाथ समान दूरी पर एक सीध में और पांव परस्पर पास पास रहेंगे 

पाँवों और हाथों क़ी दूरी शरीर क़ी लंबाई के हिसाब से लगभग आधी रखते हुए शरीर को एक मेज़ की स्थिति में ले आयें।

आपकी पीठ मेज़ की ऊपरी हिस्से की तरह हो और दोनों हाथ और पैर मेज़ के पैर की तरह।

साँस छोड़ते हुए कमर को ऊपर उठाएं। अपने घुटने और कोहनी को मजबूती देते हुए सीधे करते हुए) अपने शरीर से उल्टा v-आकार बनाएं।

हाथ कंधों से जितने दूरी पर हों। पैर कमर के दूरी के बराबर और एक दूसरे के समानांतर हों। पैर की उंगलिया बिल्कुल सामने की तरफ हों।

अपनी हथेलियों को जमीन पर दबाएँ, कंधों के सहारे इसे मजबूती प्रदान करें। 

गले को तना हुआ रखते हुए कानों को बाहों से स्पर्श कराएं।

लम्बी गहरी श्वास लें, अधोमुख स्वान की अवस्था में बने रहें।

 

अपनी नज़रें नाभि पर बनाये रखें।

श्वांस छोड़ते हुए घुटने को मोड़े और वापस मेज़ वालीस्थिति में आ जाएँ। विश्राम करें।

इस प्रकार आसन पूर्ण करें ।

इस योगासन को करने की प्रक्रिया बहुत आसान है और कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसने योगाभ्यास करना शुरू ही किया है, यह आसान कर सकता है। यह योगासन अत्यंत लाभदायक है और इसे प्रतिदिन के योगाभ्यास में अवश्य जोड़ना चाहिए।

अधोमुख श्वान आसन की सावधानियाँ

यह आसन करने से पहले अपने पैर की मांसपेसियो और हाथों को अच्छी तरह से तैयार कर लें।

अधोमुख स्वान आसन करने से पहले धनुरासन या दण्डासन करें।

यह आसन सूर्य नमस्कार के एक अंश के रूप में भी किया जा सकता है।

 

तीव्र ज्वर रक्तचाप और गंभीर रोग से पीड़ित रोगी इस आसान को ना करें 

 

आँखों की कोशिकाएँ कमजोर और सिर में भारीपन है तो योग करने से बचे 

 

जोड़ो में ज्यादा दर्द य़ा कंधे की चोट य़ा हाल ही में सर्जरी कराए व्यक्ति इस आसन से परहेज करें 

 

उल्टी दस्त से पीड़ित हैं तो यह आसन न करें

 

गर्भवती स्त्री य़ा अन्य व्यक्ति इस आसन को उचित विशेषज्ञ क़ी देखरेख व सलाह से ही करें !

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