प्रसाद की टोकरी में अगर कुछ और भी आए तो स्वीकारना मत, पुण्य नहीं, महापाप होगा, न जाने कब उदय हो जाए?
एक मंदिर के महंत ने बंसी वारे से कहा- "फलां-फलां मंदिरों में ऐसा होता है, तह में जाकर देखा तो सब सच निकला!"
सच्ची कहानी- अफ़सर से बोले चाटू, बंसीवारा जो कर रहा है, सही कर रहा है? अफ़सर ने कहा- क्या ग़लत कर रहा है?
मैं खुद यह चाहता हूं कि मेरे परिक्षेत्र की जानकारी मुझे रहे, मैंने खुद उससे कहा था- यार मेरे, तू ऐसा करता रहा कर!
सत्य- अफ़सर होते ऐसे-ऐसे, मुख्यमंत्री के पास भेज दिया मंत्री का कच्चा चिट्ठा, मंत्री का चला गया पद और रसूख
आजकल के नेता ऐसे, जो सारे कुकर्म कार्यपालिका और अपराधियों से कराना चाहते, जिससे उन्हें कोई दोष न लगे
सच्ची कहानी- मंत्री का भाई डाल रहा था दबाव, अफ़सर ने पीए से कहा- "गाड़ी मंगा कर इन्हें जल्दी से घर भिजवा दो!"
बंसीवारे से बोला बंसीवारा, मेरी तरफ से सबसे कहो- "मेरी तरह करना सीखें, जो दबाव डाले, गाड़ी से घर भिजवा दें!"
जिनकी सुननी होती, बिना उनके कहे सुन लेता, हर हाल में सुख देता, जिनकी नहीं सुननी होती, नहीं सुनता, दु:ख देता
अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान से मन ही मन कह रहे लुटेरे- क्या कर रहे हो प्रभु? बंसीवारे ने किसी की न सुनी
सत्य वचन- बुरे कर्म जन्म-जन्मांतर तक पीछा नहीं छोड़ते, पिता मह भीष्म को सौ जन्मों के बाद मिला था दंड!
बंसीवारे का स्वर- नहीं मालिक, मेरी हर चंद कोशिश रहती कि मैं कभी घमंड न करूं, कभी हो तो आप होने मत देना!
गुप्तचरों से पता चल जाएगा, 99% से अधिक पुरोहित लूट विरोधी, सरकार विचार कर ले, फायदे या घाटे का ठेका?
जब जरूरत होती, तभी तुझे जगाता हूं, तू तो मस्ती से सोया रहता है, तुझे क्या पता, तेरी कौन-कौन रखवाली करता है?
दुष्यंत कुमार की पंक्तियां- हो गई है पीर पर्वत सी, पिघलनी चाहिए, सिर्फ हंगामा खड़ा करना, मेरा मक़सद नहीं,
मेरी कोशिश है ये सूरत बदलनी चाहिए, तेरे सीने में हो या कि मेरे सीने में, हो कहीं भी, मगर आग जलनी चाहिए!
बंसीवारे से बोला बंसीवारा- कभी मत सोचना कि मेरा कोई काम करता है, तुझे नहीं पता, मैं तेरे कितने काम करता हूं?
सच्ची कहानी- बंसी वारे के सर पर ऐसे आकर बैठ जाता बंसीवारा, क्लर्क के पास आकर बैठ जाए जैसे अफ़सर
आज का विचार- अपनी पद प्रतिष्ठा का कभी घमंड न करें, अधिक से अधिक सदुपयोग कर जन-जन की पीर हरें
जो जन-जन की पीर हरने के लिए कार्य करते हैं, जन-जन की भावनाएं उनके साथ रहती हैं, प्रभु उनकी कद्र करते हैं
शेर- है समय इक दरिया, जिसमें किनारे भी डूब जाया करते हैं, है समय बड़ा तूफ़ान, जिसमें पर्वत भी ढह जाया करते हैं
आज का व्यंग्य- अबे ओए छोरा यमुना किनारे वारे, हां, अबे कछु लायौ? हां मालिक, आज तौ बिल्कुल इमरती जैसी हैं
जो बंसी वारों की राहों में कांटे बिखेरते हैं, बंसीवारा उनके लिए शूल बिखेर देता है, बिखरने वालों से पूछ कर मान लो
जिन्होंने अपने फ़र्ज़ के साथ किया दगा, उनका कैसे हो सकता बंसीवारा सगा, दगाबाजों को मिलने दगे ही दगे
पैरोडी शेर- सवाल ज़हर का नहीं है, वह तो बंसी वारा पी गया, तकलीफ़ उन्हें इस बात से है, कैसे बंसीवारा जी गया?
लुटेरों को ज़्यादा ख़बर, बंसी वारे में भरा कितना ज़हर, देने वालों को क्या पता- "पी गया बंसीवारे का ज़हर बंसीवारा!"
सज गया, जैसा सजना था लुटेरों का विमान, चाहे कराओ सजावट या करो मंदिर का उद्घाटन, कुछ नहीं बदलने वाला
ठाकुर हमरी यमुना मैया, हम हैं यमुना मैया के, भला कहो के हमें बुरा कहो, हम हो चुके यमुना मैया के -श्री शरणानंद जी महाराज
सच्ची कहानी- यह जो बड़े-बड़े पदों पर आसीन लोग देखते हो न, बंसी वारे के खिलौने हैं, जब चाहता, बनाता/मिटाता!
बंसीवारा क्यों फॉर्म में नहीं आएगा, भारत में फैला भ्रष्टाचार, व्यभिचार, अत्याचार, धर्म की आड़ में अधर्म, काफ़ी नहीं?
बंसीवारे के पास कहां से आई ऐसी शब्दावली? बंसीवारा ही लिखवाता और कहता- 'लिख, जो मैं कह रहा हूं, वह लिख!'
देश के सब गद्दारों को, बंसीवारा ऐसा सबक सिखाएगा, बंसीवारे को भूल न पाएंगे, बंसीवारा आएगा? गया कहां था?
जिनके नेत्रों को नहीं मिली ज्योति, उनको नहीं आता नज़र बंसीवारा, सबके रोम-रोम में ही नहीं, कण-कण में बंसीवारा
देख रहा देश रखवालों को, देख रहा पहरेदारों को, देख रहा चाटुकारों को, करते कैसी रखवाली, पहरेदारी, चाटुकारिता?
बंसी वारे का मिलना, मानो फौज में भर्ती होना, सालों दौड़ लगानी पड़ती, मिनी सेकंड भी लेट हो गए तो धक्का मिलता
दिल्ली कुछेक बार लुटी होगी, मथुरा रोज़ लुटता है, नहीं कोई इसका इतिहास लिखता है, मथुरा इतिहास रचता है!
मथुरा होना मामूली बात नहीं, यहां का राजा अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान को मारने की नियत रखता था
मथुरा होने के लिए बड़े-बड़े दंश झेलने पड़ते हैं, बड़े-बड़े कंस झेलने पड़ते हैं, नर्क कुंडों से होकर निकलना पड़ता है
मथुरा में जन्म लेकर जब बंसीवारा खुद इतना झेला, क्या हुआ जो बंसीवारे से लुटेरों का गठबंधन थोड़ा-बहुत खेला
अब नहीं जाएगा झेला, बंसीवारा खोलकर देखेगा सबका झोला, जो बचेंगे, वह देखेंगे भविष्य में बंसीवारे का खेला
प्रासंगिक पंक्तियां- मैं धर्म भूमि, कर्म भूमि, कृष्णा की जन्मभूमि, विश्व में पहचान रखता हूं, मैं मथुरा हूं!
मैं न्याय हूं, विश्वास हूं, मैं दुखियों की आवाज हूं, हर इक दिल में वास करता हूं, मैं मथुरा हूं, मैं मथुरा हूं!
बंसीवारे ने ग्राउंड जीरो पर उतर लोगों की बात ही नहीं सुनी, उनके चेहरे भी पढ़े, सीने में जलन और आंखों में तूफ़ान था
सत्य कि मथुरा धर्म भूमि, कुछ विधर्मियों ने इस भूमि पर अपना जाल फैला रखा है, जिसमें अब उनको ही फंसना है
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता सुशील कुमार सिंह के अनुसार कलयुग 2039 में हो जाएगा समाप्त, उसके बाद सतयुग आएगा
मथुरा के कुछ मठाधीश सरकार की छाती पर इसलिए रहे मूंग दल कि उनके पास सोशल मीडिया की टीम, अब फेल
सोशल मीडिया पर टिप्पणियां करने वाले पाते धनराशि, सत्तारूढ़ दल अपने पक्ष में टिप्पणियां कराने में अव्वल
इसलिए देशवासियों अब आप सभी जाओ संभल, किसी शातिर के शब्दों संग न बहना, है पैसों से लिखी हर भाषा
कोई लूट का ठेका लिए बैठा, कोई पार्किंग का, मीडिया और सोशल मीडिया के भी ठेकेदार, सब ठेकेदारों का गठबंधन
आंख वही, चश्मा भी वही है, जिसे दिखाना चाहता जैसा, ऑंखों पर उसकी वैसा चश्मा चढ़ा देता है, ऐसा बंसीवारा
ज़मीं वही, आस्मां भी वही है, डार्क वही, लाइट भी वही है, स्काई वही, काइट भी वही है, रोज़ देता बाइट भी वही है
जिस किसी बंसी वारे का हो जाता सच्चे दिल से बंसीवारा, नहीं रहने देता जीवन में उसके अंधेरा, कर देता उजियारा!
टीटीआई न्यूज़ पर आती सच्ची कहानियां हैं, तभी सर्व समाज इनको पढ़ता है, क्यों न पढ़े, ज्ञान जो मिलता है
बड़ा दयालु ही नहीं, बड़ा निर्मम भी बंसीवारा, नहीं भाता जब, पलट कर रख देता खेल सारा, खेलने वाले अब खेल!
जिसे गुरु ने दे दिया आशीर्वाद जय हो, उसकी हार नहीं होती, बंसी वारे के साथ महागुरु, गुरुओं का गुरु बंसीवारा!
देश-दुनिया से मथुरा आते जो बंसी वारे, बंसीवारा लाता है, सेवा करने की बजाय जो लुटवाता, प्रभु को नहीं भाता है!
श्री कृष्ण जन्मभूमि मिली है तो बंसी वारे और उसके प्यारों से लव कर लो, जितना कर सकते हो पुण्य, यहीं सब कर लो
बंसी वारों के साथ जो खेले जाते खेल, बंसी वारे जाते झेल, बंसीवारा नहीं करता बर्दाश्त, निलंबित नहीं, करता बर्खास्त
ओ रे भाई कल की चिंता, जगत पिता पर छोड़ो, स्वार्थ बिना प्रीत जोड़ो, क्या होनी है, क्या अनहोनी, सबका उसको ध्यान
बाढ़ की विभीषिका से जो जूझे, उन्हें अनुदान देना राम जी, हौंसले से घोंसले का फिर निर्माण करें, वरदान देना राम जी!
श्राद्ध का प्रथम दिन था, बंसी वारे ने सोचा यमुना मैया के दर्शन कर आऊं, और लगे हाथ पितृ तर्पण भी कर आऊं
बंसीवारा सब जान रहा था, बोला चल, मैं भी चल रहा हूं तेरे साथ, मैं भी अपनी पटरानी यमुना महारानी से मिल आऊंगा
बंसी वारे के साथ था बंसीवारा, तभी तो सड़क तक स्वागत को आईं श्री श्याम सुंदर यमुने महारानी, लाईं सच्ची कहानी-
आप ही देख लो, मैं तो सभी देवी-देवताओं के लिए बाढ़ के रूप में लाई शुद्ध पानी, उसमें भी मिल रहा सीवर का पानी
क्या कहता बंसीवारा- "आप चिंता मत करो यमुने महारानी, निकम्मों को मैं देखूंगा, अभी इनको कर लेने दो मनमानी!"
बृजवास कर रहे सर्व देवी-देवताओं के स्नान को बाढ़ बन आई यमुना मैया, नाकामियों ने मिलाया सीवर का पानी
सच्चा फ़िल्मी गीत- आजा-आजा मेरे मिट्ठू मियां, तुझे पिंजरे में बंद कर लूं, मिट्ठू मियां से मीठी-मीठी, बातें मैं चंद कर लूं
सच्ची कहानी- लुटेरों ने पाल रखे लैंगिक/समलैंगिक तोते/तोतियां, सोशल मीडिया चैटिंग से सेटिंग, फिर ब्लैकमेलिंग
हर प्राणी की आत्मा परमात्मा की पावर से संचालित, लोग सोचते सब कुछ वह कर रहे, वास्तव में सब कुछ परमात्मा
आत्मा परमात्मा का प्रतिबिंब, प्राणी के अंदर जो आत्मा, उसका परमात्मा से मोबाइल टावर और सिग्नल जैसा संबंध
अनुभूति- जिस किसी बंसी वारे का बंसीवारा साथ देता है, अखिल ब्रह्मांड की सारी शक्तियां उसका साथ देने लगती हैं
आज का शेर- न मैं गिरा, न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे, मुझे गिराने की कोशिशों में कुछ लोग मेरी नज़रों से जरूर गिरे!
बंसी वारे ने की थी प्रार्थना- हरि कर दो दूर अंधेरे, गुरुदेव सांवरिया मेरे, हरि ने दिखा दिए, मेरे इर्द-गिर्द कितने लुटेरे?
गुनगुनाती पंक्तियां- क्या भेंट करूं तुमको, क्या चीज़ हमारी है? यह दिल भी तुम्हारा है, यह जां भी तुम्हारी है?
कहते हैं प्रभु सत्य वचन कि तेरे पास अपना कुछ भी नहीं, तेरा सिर्फ "अहंकार" है, वह भेंट कर, वही मेरा भोजन है!
निर्मल मन जन, सो मोहि पावा, मोहि कपट छल छिद्र न भावा अर्थ स्पष्ट है कौन प्रभु को पाते, कौन-कौन नहीं भाते!
बंसी वारे के जरिए जो कहता बंसीवारा, समझदार समझते सत्य है यह सब सारा, 24 कैरेट सोने से ऊपर वाला बिठूर
बंसी वारे ने ग्राउंड जीरो पर उतर जाना- "लोग मीडिया को दे रहे थे उलाहना, पीड़ितों का दर्द किसी से नहीं जाता जाना!"
लीलाधर की सब लीला, वही लीला सबके सर देता धर, जिनके जरिए हो लीला, कभी न सोचें, वह रहे कुछ कर
राधे तू बड़भागनी कौन तपस्या कीन, तीन लोक तारन तरन, सो तेरे आधीन? हमारो धन राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा
अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय मगर 100% सच्ची, बंसी वारे की सच्ची कहानी, बंसीवारा कहता खुद अपनी ज़ुबानी!
सच्ची कहानी- श्री कृष्ण नगरी के मंदिरों में लगती लुटेरों की ड्यूटी, लुटेरों और लूट पर सरकारी कर्मचारी रखते नज़र!
बंसीवारे का चेन नहीं बरामद करा सके, लुटवा डाले श्रद्धालु असंख्य, ऐसे लुटेरों को ओढ़े या बिछाए, खुद देखे जनता?
देश-दुनिया वासियों को श्री राधा अष्टमी की हार्दिक बधाई, स्वीटी सुपारी, एमआर ग्रुप मथुरा निदेशक सुनील अग्रवाल
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