बंदरों के आतंक के चलते स्वच्छता योजना का नहीं हो पा रहा सही ढंग से क्रियान्वयन

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रसिक चतुर्वेदी 

टीटीआई न्यूज़ मथुरा 12 अगस्त 2021

नगर निगम क्षेत्र की छोटी गलियों में स्वच्छता कर्मचारियों में सामंजस्य न होना भी जनता के लिए बन रहा समस्या

कचरे की थैलियों और नालियों में तलाशते हैं बंदर अपना भोजन

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में शहर की गलियों में नही हो पा रहा सामंजस्य

मथुरा वृंदावन नगर निगम के गठन के पश्चात नगर निगम का जोर शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में उच्च स्थान प्राप्त करने का सदैव रहा है ,नगरीय क्षेत्र के विस्तार के कारण अनेको उपकरण और साधन नगर निगम क्षेत्रो को स्वच्छ रखने के लिए निगम द्वारा जुटाए गये है। और हजारों नये कर्मचारी संविदा पर रखे गये है 

डोर टू डोर कूड़ा कलैक्शन की योजना का बड़े स्तर पर विस्तार किया गया है लेकिन योजना में सरकारी और प्राईवेट कर्मचारियों में सामंजस्य न होने से मथुरा वृंदावन की कुंज गलियो एवं ऊचाई वाले क्षेत्रो में आज भी समस्या बनी हुई है 

बंदरों के बढ़ते आतंक में स्वच्छता योजना का सही रूप में क्रियान्वयन न होना सबसे बड़ा कारण बन रहा है ।

शहर की घनी बस्तियो के मुख्य मार्ग तक सरकारी सफाई कर्मचारी कार्य करते है छोटी गलियो में यजमानी वाले प्राईवेट कर्मचारी कार्य करते है ।

और प्रायः हर मौहल्ले में यह पाया जाता है कि कूड़ा निस्तारण में इनका आपसी सामंजस्य न होना भी सबसे बड़ी समस्या बन रहा है ।

क्योंकि कूड़ा कलैक्शन का नियत समय न होने से जनता भी लापरवाही से इनको दोषित करते हुए दिन भर गलियो में कचरा डालती है ।

सरकारी कर्मचारी अपने समय से सफाई करकें चले जाते है प्राईवेट कर्मचारियों का कोई समय नही है वह अपने अनुसार कुछ घरो से कूड़ा कलैक्शन कर छोटी गलियो से लेकर मुख्य मार्ग के किसी कौने में चुपचाप डाल देते है । आगे जाकर यह रूकता है और बंदर नालियो में भोजन खोजते है । कूड़े की थैलियों से भोजन खोजते है । इस स्थिति से निजात पाने और बंदरो के आतंक को नियंत्रित करने के लिए क्षेत्र में लक्ष्य के अनुरूप स्वच्छता वातावरण नियत करने के लिए ,

 हदृय स्थल क्षेत्र के वार्ड 57 के पार्षद रामदास चतुर्वेदी और 48 की पार्षद श्री मती ऋचा रामकृष्ण चतुर्वेदी ने अलग अलग पत्र लिखकर निगम महापौर और आयुक्त महोदय को बंदरो की समस्या में सहायक बन रहे कचरे के निस्तारण करने के लिए कहा है ।साथ ही नगर निगम अधिनियम की धारा 115 उपधारा 22 के अनुसार निगम के स्वविवेकाधिकार के अन्तर्गत दिये गये अधिकार जिसमें जन सामान्य के प्रति अपदूषण उत्पन्न करने वाले पशु, पक्षी,जानवरो को नियंत्रित करने का प्रावधान है उसके अनुसार इन्हे शहरी क्षेत्रो में नियंत्रित किया जाये क्योंकि यह स्थानीय नागरिकों के अलावा पर्यटकों के लिए जान लेवा सिद्ध हो रहे है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण गत दिनो हुई घटनाएं है ।

ज्ञात रहे निवर्तमान नगर आयुक्त रवीन्द्र मांदण जी ने सरकारी सफाई कर्मचारियों और छोटी गलियो में का्र्यरत प्राईवेट सफाई कर्मचारियों को बैठाकर आपस में समस्या  कराने एवं ऐसे गम्भीर विषय का वास्तविकता के साथ निस्तारण के आदेश भी अपने क्षेत्रीय निरीक्षण के दौरान दिये थे लेकिन धरातल पर आज भी अधिकारी समाधान नही खोज पाये है ।

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