पुरुषोत्तम मास में कोविड-19 की वजह से भक्त और भगवान के बीच की दूरी कब होगी खत्म

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मनीष अग्रवाल

टीटीआई न्यूज़

कोसी 19 सिंतबर 2020

3 साल बाद और 32 दिन के इस अधिक मास में कहा जाता है जो भी भक्त इन दिनों अगर कोई भी दान करें  है उसका दुगना पुण्य मिलता है परंतु कोविड-19  की वजह से भक्त और भगवान के बीच कहीं ना कहीं दूरी नजर आ रही है हम भी चलते हैं।

आपको श्री धाम बरसाना जहां पर हर दिन हजारों और लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल जाती थी लेकिन कोविड-19 के चलते यहां पर भक्तों की भीड़ में बहुत ज्यादा कमी देखने को मिली आप देख सकते हो इक्का-दुक्का ही भक्त हैं जो राधा रानी के मंदिर की तरफ जा रहे हैं और इन सिड़ियों को देखें जिस वक्त यहां श्रद्धालुओ की इतनी भीड़ होती थी के यहां पर पैर रखने को जगह भी नहीं मिलती थी कहीं ना कहीं कोविड-19 की वजह से भक्त और भगवान की बीच काफी दूसरी देखने को मिल रही है।

इस अधिक मास  को भगवान ने अपने भक्तों का उद्धार करने के लिए बनाया जैसा कि  हिरना कश्यप को एक वरदान मिला था।

वह साल के 12 महीनों में कभी नहीं मरेगा और ना ही उसे कोई मार सकता है भगवान ने हिरना कश्यप को मारने के लिए अपने द्वारा एक पुरुषोत्तम मास बनाया जिसमें भक्तों की रक्षा करने के लिए  हिरना कश्यप का वध किया और कहा जाता है। इस पुरुषोत्तम मास में जो भी भक्त अपने मन से दान करेगा उसको उसका दोगुना फल मिलेगा।

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