गीले पैरों वाला होकर भोजन करें, पर गीले पैर सोये नहीं, प्रस्तुति - पंडित बनवारी चतुर्वेदी

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  • Jeevan Mantra

हस्तपादे भुखे चैव 

           पन्चाद्रों भोजनं चरेत्

पन्चार्द्रकस्तु भुन्जान: 

           शतं वर्षाणि जीवति

पद्म पुराण सृष्टि ० ५१/८८

 

दोनों हाथ दोनों पैर और मुख इन पांच अंगों को धोकर भोजन करना चाहिए ऐसा करनेवाला मनुष्य दीर्घ जीवी होता है।

आर्द्रपादस्तु भुन्जीत

         नार्द्रपादस्तु संविषेत्

आर्द्रपादस्तु भुन्जानो

          दीर्घमायुरवाप्नुयात्

मनुस्मृति ४/७६

अत्रिस्मृति ५/२५/२६

 

गीले पैरोंवाला होकर भोजन करें पर गीले पैर सोये नहीं गीले पैरों वाला होकर भोजन करने वाला मनुष्य लम्बी आयु को प्राप्त करता है।

 

नाभक्ताशिष्टाशुचिक्षुधितपरिचरो

चरक संहिता सूत्र ० ८/२०

 

अपने में प्रेम न रखने वाले अपवित्र और भूख से पीड़ित नौकर आदि के लाये हुए भोजन को नहीं करना चाहिए।

पं बनवारी चतुर्वेदी

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