कोरोना के दृष्टिगत विधिक प्राधिकरण के जेल प्रशासन को निर्देश

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जनपद न्यायालय मथुरा 27 जुलाई 2021

जिला कारागार मथुरा का ऑनलाइन निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश मथुरा श्री यशवंत कुमार मिश्र के निर्देशानुसार आज दिनांक 27 जुलाई 2021 को मध्यान्ह 12:00 बजे से कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए ऑनलाइन निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जनपद न्यायालय मथुरा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कारागार मथुरा में किया गया। इस ऑनलाइन विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता सुश्री सोनिका वर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा द्वारा की गई। इस अवसर पर जिला कारागार मथुरा के डिप्टी जेलर श्री संदीप कुमार तथा बंदीगण उपस्थित रहे।

ऑनलाइन निरीक्षण दौरान डिप्टी जेलर श्री संदीप कुमार द्वारा बताया गया कि आज दिनांक 27 जुलाई 2021 को जिला कारागार मथुरा में 1770 बंदी निरूद्ध है। बंदियों को प्रातः नाश्ते में चाय व चना दिया गया था। दोपहर के भोजन में चना की दाल, आलू-लौकी की सब्जी और रोटी दी गई। रात्रि भोजन में साबुत मसूर की दाल, आलू बैगन की सब्जी व रोटी दी जाएगी।

ऑनलाइन विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित बंदियों को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा तंबाकू से होने वाले हानिकारक प्रभाव तथा स्वास्थ्य पर तंबाकू के प्रभाव के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि धूम्रपान का सेवन करना जीवन को नरक से भी बदतर बनाना है। इससे आर्थिक, शारीरिक और सामाजिक आदि हर स्तर पर नुकसान होता है। एक तरफ से धूम्रपान एवं तंबाकू का सेवन खुशहाल जीवन का अजय शत्रु कहा जा सकता है। एक अनुमान के मुताबिक विश्व में लगभग डेढ़ अरब लोग धूम्रपान करते हैं और लगभग 50 लाख लोग प्रतिवर्ष धूम्रपान के घातक प्रभावों के कारण अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन धूम्रपान करने वालों के संपर्क में रहने के कारण प्रतिवर्ष धूम्रपान न करने वाले 6 लाख अतिरिक्त व्यक्ति भी कॉल की भेंट चढ़ कर जाते हैं।

यह घातक स्थिति तंबाकू में मौजूद अत्यंत हानिकारक तत्व निकोटीन की वजह से है। निकोटीन से कैंसर व उक्त रक्तचाप जैसे गंभीर रोग पैदा होते हैं। तंबाकू का विषैला प्रभाव मनुष्य के रक्त को बुरी तरह दूषित कर देता है। धूम्रपान करने वाले के चेहरे के मुख्य का तेज समाप्त हो जाता है। तंबाकू से हमारी सूंघने की शक्ति, आंखों की ज्योति और कानों की सुनने की शक्ति बहुत प्रभावित होती है। निकोटीन विष के कारण चक्कर आने लगते हैं, पैर लड़खड़ाने लगते हैं, कानों में बहरेपन की शिकायत पैदा हो जाती है, पाचन क्रिया बिगड़ जाती है और कब्ज और अपच जैसी बीमारी का जन्म हो जाता है। निकोटीन से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। रक्त नलियों में रक्त का स्वभाविक संचार मंद पड़ जाता है और त्वचा सुन्न होने लगती है, जिससे त्वचा की अनेक तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं। निकोटीन का धुँआ जीर्ण-खांसी का रोग पैदा कर देता है। खांसी का रोग बढ़ता बढ़ता दमा, श्वास और तपेदिक का भयंकर रूप धारण कर लेता है। सचिव सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा उपस्थित बंदियों से तंबाकू का सेवन न करने की सलाह दी गई जिससे उनका व उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके।

शिविर में उपस्थित बंदीगण व जेल प्रशासन को कोरोना के प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए बताया गया कि इस महामारी के दौर में माननीय उच्च न्यायालय तथा केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना हम सब का कर्तव्य है और सर्वहित के लिए मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें तथा समय-समय पर हाथ धोते रहें। 

आयोजित ऑनलाइन विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित बंदियों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के संबंध में बताया गया। जिला कारागार मथुरा में कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए निर्देशित किया गया कि पॉजिटिव बंदियों को आइसोलेशन वार्ड में मास्क के प्रयोग के साथ उचित दूरी पर रखा जाए तथा चिकित्सीय सलाह के अनुसार बंदियों के स्वास्थ्य अनुरूप भोजन व दवा इत्यादि की व्यवस्था रहे। ऑनलाइन विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित बंदियों से वार्ता की गई तथा उनके द्वारा बताई गई समस्या के समाधान हेतु जेल अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।

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