गौर करें- जो भी लुटेरों, उनके सरदारों, ठेकेदारों को जानते हों, उनके चेहरों को पढ़ना, उतरे हुए चल रहे हैं या नहीं?
भजन- मत होना मन बावरे उदास, सांवरा जरूर आएगा, ओहोओ, मन में रखना विश्वास, ये सांवरा जरूर आएगा!
तेरी लाज नहीं जाने देगा, इतना तू जानना, कसौटी पे डटे रहना, हार नहीं मानना, सच्चे प्रेमी नहीं होते हैं निराश
सांवरा जरूर आएगा, मीरा पी गई थी विष प्याला, इसी विश्वास पे, दर पे सुदामा आया, बस इसी आस पे!
है रजनी को, है रजनी को भी एहसास, ये सांवरा जरूर आएगा, मत होना मन बावरे उदास, ये सांवरा जरूर आएगा
जिसे थामे एक बार, हाथ उसका न छोड़ता, भक्तों का सांवरा भरोसा नहीं तोड़ता, सोनू दिल में तू रखना आस
श्री कृष्ण नगरी के लुटेरों की बंसी वारे के मारे फटी पड़ी है, फिर भी उनकी फ़ौज, श्रद्धालुओं की सेवा में, अटी पड़ी है!
ठेका है, ठेके का लाइसेंस है, तुम किस से डर रहे हो, मैं बैठा तो हूं! सब बैठे के बैठे ही रह जाएंगे, जब बंसीवारा आएगा!
आज का पैरोडी गीत- कोई महिला कदम पहले बढ़ाती नहीं, लुटेरा गिरोह जब तक उसके पीछे न हो, वो पास आती नहीं
बंसी वारा बंसी और बांस दोनों रखता है, बंसी बांस से ही बनती है, चाहो तो मधुर धुन सुन लो, चाहो तो बांस करा लो
जब-जब इस धरती पर, धर्म की हानि और अधर्म का प्रावल्य हो जाता है, तब-तब ही मैं जन्म लेता हूं- श्री कृष्ण!
अब भी नहीं होगा तो कब चूर होगा कंसों का घमंड? गोरक्ष पीठाधीश्वर को "गोपाल भूमि" की रक्षा करानी ही पड़ेगी!
राजीव कृष्ण को श्री कृष्ण जन्मभूमि पर दशकों से काबिज़ कुकर्मियों का कब्ज़ा हटवाना ही होगा, श्री कृष्ण आदेश!
आज का विचार- पाप/महापाप या घनघोर पाप, जिसके भी शासन में रहा/होगा, उसे प्रायश्चित्त हर हाल में करना पड़ेगा
बंसीवारा ऐसा खेल रचाता है? पहले प्यारे को लुटवाता है, फिर लूटने/लुटवाने वालों से, सब धरा पर धरवा लेता है!
बंसी वारा हर पल रहता, हर सच्चे बंसी वारे के आस-पास,
झोंपड़ी गलकटियन के हो पास, फिर भी नहीं रहते उदास!
बृजवासी/बल्लभ सदा मेरे तन-मन-प्राण, इन्हें तनिक न बिसारिहों, मोहे नंद बाबा की आन, यह कहता बंसीवारा
सच्चे बृजवासी/वैष्णव मेरे तन-मन-प्राण हैं, इन्हें मैं ज़रा भी नहीं भूल सकता, मुझे नंद बाबा की सौगंध है- बंसीवारा
अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण को भक्त/बृजवासी बेहद प्रिय, अहित किसी कीमत पर नहीं स्वीकार
जो लूट का माल डकारने में लगे हैं, खुद को भक्त/बृजवासी न समझें, वे बृजभूमि पर बोझ, करेगा मोटा बांस बंसीवारा
भक्तों की सेवा को सच्चे बृजवासी रहते सदैव तत्पर, लगाते प्याऊ और भंडारे, लुटेरे सब मिलकर चलवाते लूट के ठेके
भगवान के घर आने वाले तर जाते हैं मगर लुटेरों को बंसीवारे से बांस के अलावा कुछ और नहीं मिलता है
लुटेरों की पिक्चर का चल रहा एंड, छटपटाहट बता रही है, सरकार ने नहीं किया ठेका बंद तो बंसीवारा करेगा दी एंड!
एंड हर फिल्म का होता है, मारधाड़ वाली हो या पारिवारिक, या फिर कॉमेडी, सर्कस का शो भी तीन घंटे का ही होता है
जहां श्रद्धालुओं से लूट मार के ठेके उठते हों, पुलिस वाले लुटेरों की सुरक्षा में रहते हों, गोदी मीडिया सहभागी हो,
उस देश/प्रदेश का बंसीवारे के सिवाय और कौन रखवाला?
गीत- तुझ बिन मोहन कोई नहीं है मेरे भारत का रखवाला रे
सच्चाई- अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण बंसीवारा, बांस बड़ा रखता है, कंसों में करके ही दम लेता है
मथुरा के महोली रोड की टीचर्स कॉलोनी की चोरी की बड़ी घटना के कोतवाली पुलिस के खुलासे से वादी संतुष्ट नहीं
एक करोड़ की चोरी में एक-दो घड़ियां ही मिलती रहीं दिख, और बरामदगी बताई जा रही अन्य घटनाओं की- पीड़ित
श्री कृष्ण नगरी मथुरा रही डीजीपी राजीव कृष्ण को पुकार, मुक्तिदाता की भूमि को माफिया राज़ से मुक्ति की दरकार!
कमिश्नर थे प्रदीप भटनागर, स्पष्ट रूप से बोले- प्रशासन को कराना चाहिए जवाहर बाग़ खाली, प्रशासन ने करा दिखाया
जिनके नाम के ही आगे लगा कृष्ण, वह डीजीपी मथुरा के कंसों से भली-भांति वाकिफ, कराएं सफ़ाया- बंसीवारा!
मथुरा जैसी भूमि जगत में और नहीं होनी, बहन/बहनोई और भांजे पर अत्याचार करने वाला कंस यहां का राजा था
सच्ची कहानी यहीं खत्म नहीं होती है, कंस ने लाख चाहा, उसका चाहा हो नहीं पाया, आखिरकार झूर-झूर होना पड़ा
जो वक्त की आंधी से खबरदार नहीं हैं, कुछ और ही होंगे, वो कलमकार नहीं हैं, हम चीख हैं, आवाज़ हैं, गूंगी प्रजा की!
आईना हैं समाज का, किसी लुटेरे ठेकेदार के दरबार नहीं हैं, खुद आती हर ख़बर, मत कहना कभी, हम खबरदार नहीं हैं
आज का प्रासंगिक गीत- अपना-अपना हिस्सा है, अपना-अपना किस्सा है, कोई लुट जाता है, कोई लूट जाता है!
गर नोट ही कमाने हैं तो किसी भ्रष्ट नेता के पीए बन जाओ, पत्रकारिता की आड़ में क्या मिल रहा होगा, ख़ज़ाने मिलेंगे!
चाटुकारिता करके चाटुकार न बनते तो नारद बन सकते थे, नारायण भी करते गर मज़ाक, तो उन पर भी तन सकते थे!
श्री कृष्ण नगरी की हवा ही ऐसी, जिसे जब भी मिलती है, मनोकामना पूर्ण होती है, चाहने मात्र से दौलत मिलती है।
कली बेच देंगे, सुमन बेच देंगे, धरा बेच देंगे, गगन बेच देंगे, क़लम के पुजारी जब बिक गए, बेचने वाले वतन बेच देंगे!
बड़े भाई को लुटवाकर अगर लूट का हिस्सा पाया तो क्या कमाया? पाप ही मिला होगा, पुण्य तो कोई देने से रहा!
प्रासंगिक शेर- कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफ़ा नहीं होता! (मज़बूरी, मज़दूरी उठवा लेती है?)
एक मित्र ने कहा- "लो भाई साहब, अब आप उनको चेक से भी पेमेंट नहीं लेने दोगे, कितनी मेहनत करते हैं बेचारे?"
संस्थान वाले कुछ देते नहीं होंगे, लाने को और कहते होंगे, जो लाए आईडी खरीदकर, महीनेदारी देने नहीं जाते होंगे?
बंसी वारे ने कहा, लेने वालों ने तो इलेक्टोरल बॉन्ड्स भी लिए थे, बाद में डिटेल देने से बचते रहे थे मगर देनी पड़ी!
जब चेक भुनाया जाएगा, कहीं तो दर्ज होगा, किसका चेक, किसने भुनाया या बीमे का भुगतान आया? चेक हो जाएगा!
भजन- दरबार तेरा दरबारों में कुछ ख़ास अहमियत रखता है, उसको वैसा मिल जाता है, जो जैसी नियत रखता है!
एक जज ने जब कहा था देश की बर्बादी में गोदी मीडिया का भी योगदान, बड़ा बुरा लगा था, अब सच्चा लग रहा है
बात सही निकली, तब निकला- इक दिन एक फ़कीर ने इक बात कही थी, अब जाके दिल ने माना कि वो बात सही थी!
आज का बब्बर शेर- बर्बाद यूं दर-ओ-दीवार, कभी अपने नहीं होते, दुश्मनों में मिले गर कुछ लोग अपने नहीं होते!
लुटेरे/भ्रष्ट और बेईमान ऐसे ही नहीं बन जाते हैं नवाब, करते बड़ी मेहनत, सब साधकर चलने पड़ते हैं साहब।
ब्रोकिंग/ब्लैकमेलिंग का ऐसा खेल कि जिसमें ब्लैकमेलर भी हो जाते ब्लैकमेल, फिर भी नहीं छोड़ते खेलना खेल!
आज का विचार- अर्थ प्रधान युग में लोग पैसे के लिए पागल हैं, नहीं जानते पाप के पैसों का परिणाम, गरज़ते बादल हैं!
अगर पैसा ही कमाना है तो, लूट मार के और रास्ते हैं बहुत, छोड़ दें पत्रकारिता को कलंकित करना, अब हो गया बहुत।
अपनी आज़ादी की मथुरा, सचमुच तीन लोक से न्यारी, चाटुकारों को चेक, कोई ऐसे ही नहीं बन जाता दरबारी!
फ़र्ज़ से न डिगना कभी, बंसीवारे ने बनाया हो सिपाही या कप्तान, अगली बार इससे ऊपर उठना या गिरना, रहे ध्यान!
आज का सवाल- श्री कृष्ण नगरी में कौन बुलाता ऐसे चोर, जो श्रद्धालुओं की आंखों से काजल तक चुरा कर देते हैं?
ऐसे नेताओं को ओढ़े या बिछाए जनता, जिनके पीए किसी को सिर्फ फोन कराने के 20-20 हज़ार रुपए ले लेते हैं?
राजकीय अधिकारियों/कर्मचारियों को नहीं भूलना चाहिए, पोस्टिंग भले कोई करे, सैलरी जनता की कमाई से मिलती है
देश की आज़ादी में नेताओं का ही नहीं, सच्चे पत्रकारों का भी रहा अहम योगदान, लोकतंत्र के चार स्तंभों में से एक
शनि के प्रतिनिधि श्रमिक, जो करते श्रम, शनि रखते नज़र, कोरोना काल में कोसों पैदल चलवाए गए श्रमिक परिवार?
मैं फिर कहता डंके की चोट पर, लिखकर रख लेना, शनि देव 6 माह में दूध का दूध, पानी का पानी करके रख देंगे
जिन्होंने किए/कराए होंगे खोटे कर्म, उनको मिलकर रहेगा तिगुना दंड, अच्छे कर्म करने वालों को तिगुना पुरस्कार
मथुरा कोतवाली पुलिस तीन साल में नहीं बरामद कर सकी एक चेन, ठेकेदार के लुटेरे, आज भी रहे छाती पर मूंग दल!
आजकल न्याय के देवता शनि देव की चल रही अंतरराष्ट्रीय अदालत, अच्छे को तिगुना अच्छा, बुरे को तिगुना बुरा फल!
किसी मंदिर में अगर कोई महिला दे बैड टच, छाती से मारे टक्कर, बचाना चेन-कुंडल, पर्स-मोबाइल, स्नैचर्स होंगे घेरे!
श्रद्धालुओं के चेन-कुंडल-पर्स-मोबाइल खिंचवाने के लिए बाहर से बुलाए जाते स्पेशलिस्ट महिला-पुरुष, बच्चे-बुजुर्ग
आज जबकि मंदिर में खड़ा बाप बेटे से, कुमार्गी अपने कंधे पर लिए बच्चे से तुड़वा रहा चेन, इसे ही सुशासन कहते हैं?
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