उत्तर प्रदेश : वृंदावन के लक्ष्मण शहीद स्मारक को व्यावसायिक रूप दिए जाने पर आपत्ति

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राधिका गोस्वामी 

वृंदावन मथुरा 3 सितंबर 2020

लक्ष्मण शहीद स्मारक 28 अगस्त 1942, 9 अगस्त 1942 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने पूरे देशवासियों से आह्वान किया अंग्रेजों भारत छोड़ो, देश भर में क्रांति हो गई। आगरा मंडल के एकमात्र शहीद वीर लक्ष्मण इसमें आगे आए और वह शहीद हो गए।

ब्रिटिश  सरकार ने राष्ट्रद्रोह लगाकर वृंदावन के लोगों पर सामूहिक जुर्माना लगाया 28000, वह राजकोष में जमा किया गया। ब्रिटिश सरकार ने 15 अगस्त 1947 तत्कालीन सांसद और चेयरमैन प्रोफ़ेसर कृष्ण चंद्र संयोजक थे उत्तर प्रदेश के माननीय श्री गोविंद बल्लभ पंत।

इस स्मारक का उद्घाटन करने आए थे। इस स्मारक को लगभग 70 वर्ष हो चुके हैं। मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिना पब्लिक नोटिस में लाए इस प्राचीन स्मारक को धराशाही कर दिया और दूसरे इसमें लगी मटेरियल को कबाड़ियों को कई लाख रुपयों में बेच दिया।

वृंदावन में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन प्राचीन लाल पत्थर का श्री गोविंद देवजी मंदिर इस इस स्मारक के 100 मीटर क्षेत्र में आता है। बिना भारतीय पुरातत्व की परमिशन के मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण 100 मीटर संरक्षित एरिया में कैसे निर्माण कर सकता है?

आज स्मारक को व्यावसायिक रूप दिया जा रहा है, कमर्शियल बनाया जा रहा है। क्या देश के  महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर बने स्मारक को इस तरह ध्वस्त किया जा सकता है।

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