चतुर जब चतुराईयां करते हैं तो सोचते हैं कि उन्हें कोई नहीं देख रहा जबकि देखने वाला उन्हें हजार आंखों से देख रहा!
आज का विचार - जिसके दिल में सच्चाई होती है, किसी बात से नहीं डरता, जिसके दिल में चोर होता है, हर बात से डरता है!
खुशामद करनी है तो उसकी करो, जिसकी सब खुशामद में हैं, उनकी क्या खुशामद करते हो, जो खुद खुशामद में हैं!
सरकार से क्या कहते हो, सरकारें तो सारी बिहारी जी के चरणों में आकर शरणागत होती हैं, बिहारी जी से कहो!
सरकार से क्या कहते हो, अलबेली सरकार से कहो, सरकार से कहा टल सकता है, अलबेली सरकार से कहा नहीं टलता
बशर्ते अलबेली सरकार को उसमें सभी का हित नज़र आए, करने/कराने वाला वही है, देखने पर चाहे जो नज़र आए!
किसका सगा, किसका नहीं बंसीवारा? सच का सौ फीसदी सगा, नहीं करता भूल कर भी दगा, सबका प्यारा बंसीवारा!
गीत- यमुना की लहरें, वंशी वट की छैंया, किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया, कौन नहीं सांवरे की धुन का गुलाम?
जब तुझसे न सुलझें तेरे उलझे हुए धंधे, भगवान के इंसाफ़ पे सब छोड़ दे बंदे, खुद ही तेरी मुश्किल को वो आसान करेगा!
करी गोपाल की सब होय, जो रच राखी नंद नंदन नै, मैट सकै नहीं कोय, जो अपनौ पुरुषार्थ मानै, अति झूठौ है सोय!
अखिल ब्रह्मांड में वही होता है, जो भगवान श्री कृष्ण ने रचा होता है, कोई अपना पुरुषार्थ मानता है तो वह महा झूठा है!
बिहारी जी चाहेंगे तो बनकर रहेगा कॉरिडोर, मचाते रहो लाख शोर, जो नहीं चाहेंगे, नहीं बनेगा, लगे चाहे जितना जोर!
जिनको हो बिहारी जी पर सच्चा भरोसा, सब छोड़ दें उन पर, बिहारी जी की मर्जी के बगैर पत्ता नहीं हिल सकता!
कोई न सोचे, कॉरिडोर सरकार लाई या सुप्रीम कोर्ट ने किया फाइनल? जिससे जो कराना होता, कराकर रहता बंसीवारा!
मथुरा के जवाहर बाग़ से आततायी हटने का नाम नहीं ले रहे थे, बंसी वारे ने रचाई लीला, जान बचाने के पड़े लाले!
पैरोडी गीत- कुछ ऐसे यहां पर बंदे हैं, मुंह गोरा काले धंधे हैं, इस देश के सब गद्दारों को, बंसीवारा स्वयं सबक सिखाएगा!
लीलाधर की लीला, कॉरिडोर सबके असली चेहरे ला रहा सामने, कहने की जरूरत नहीं, सबको सब नज़र आ रहा!
वृंदावन कॉरिडोर के भारी शोर के बावजूद प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं, लूट के ठेके जारी!
वृंदावन ही नहीं बरसाना में भी कॉरिडोर की दरकार, बृज के सभी प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए सुव्यवस्था जरूरी!
देख रहा देश, देख रहे देशवासी, कौन कर रहा विरोध, 'वृंदावन कॉरिडोर' नाम से आ रही किस-किस को उबासी?
श्रद्धालुओं से पूछा, आया वही जवाब- क्यों सुव्यवस्था नहीं होनी चाहिए, धक्का मुक्की, लूट मार बनी रहनी चाहिए?
कहीं ऐसा न हो, ठाकुर जी खुद ही भक्तों के साथ चले जाएं, कॉरिडोर का विरोध करने वाले लूटमार पर नहीं बोले कभी?
खौलते तेल वाली कढ़ाई में डालने को तैयार बैठा बंसीवारा, जिन्हें आभास, बुरी तरह छटपटाएं नहीं तो और क्या करें?
मन में मलीनता हो तो बड़े-बड़े अनुष्ठान निष्फल हो जाते हैं, भाव जन कल्याण का हो तो मनोकामना पूर्ण हो जाती है!
जिसे बचाना होता, तिनके का सहारा देकर भी बचा देता, जिसे डुबोना होता, लाख तैराक हो, डुबोकर ही दम लेता!
हरि क्या करते? बंसीवारा किसी को ज़हर नहीं देता, वह सिर्फ इतना करता है कि वक्त पर दवा नहीं मिलने देता है!
जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है, धर्म की आड़ में अधर्म करने वालों की धर्म कभी रक्षा नहीं करता है!
आज का शेर - जो कोई नहीं जानता, मैं वह इक बात जानता हूं, वह बात यह है- "मैं कुछ नहीं जानता हूं!"
सब में प्रभु- ओ भगवान को भजने वाले, क्या भगवान को जाना है, पास-पड़ोस, दुःखी-दीनों में, क्या उसको पहचाना है?
राम सुमिर के रहम करे ना, कृष्ण सुमिर के करम करे ना, फिर कैसे सुख पाएगा, मन की कही पे चलने वाले, यूं ही जग से जाएगा!
प्रदीप का भजन- काहे मनवा धीरज खोता, काहे तू नाहक रोए, अपना सोचा कभी नहीं होता, भाग्य करे सो होए!
भजन - कोई लाख करे चतुराई, करम का लेख मिटे ना रे भाई, चाहे हो राजा, चाहे भिखारी, ठोकर सभी ने यहां खाई रे
कर्म फलदायी- 'कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि, सो तस फल चाखा' जो जैसा करेगा, वैसा फल प्राप्त करेगा!
भजन- कौन है राजा, कौन भिखारी, एक बराबर तेरे सारे पुजारी, तूने सबको दर्शन देके अपने गले लगाया शेरावालिए
लुटेरे लूट के अड्डों पर आते हैं तो किसी को नहीं छोड़ते हैं, बंसीवारा दंड देने पर आता है तो किसी को नहीं देखता है!
कल क्या होगा, ये कोई न जाने, क्या जानें यह संत-सयाने? कल क्या होगा, ये कोई नहीं जानता, जानता बस बंसीवारा!
ये संसार करम की खेती, जो बोए वही पाए- जैसे गेहूं बोने पर गेहूं ही उगते हैं, वैसे ही कर्मों के फल सुनिश्चित होते हैं!
नेट केबल के जरिए घर-घर पहुंचता है मगर कुछ कनेक्शन ऐसे भी होते हैं, जिनको छतरी के जरिए सिग्नल मिलता है
श्री प्रेमानंद जी महाराज के केलि कुंज आश्रम में आते कितने श्रद्धालु, सुनी कभी धक्का मुक्की, चेन स्नेचिंग?
कॉरिडोर बनाना ही नहीं काफी, मंदिरों में श्रद्धालुओं के मध्य दो गज की दूरी और मास्क हो जरूरी, बने नियम!
किसी बंसी वारे का चेन तुड़वाना कोई हंसी-मज़ाक का खेल नहीं, हलख में हाथ डालकर बंसीवारा निकालता हर चैन!
बंसी वारे तू एक बात बता, तुझे यह कौन देता बता कौन कितना बेचैन? हिय में बैठा बंसीवारा, बताता और कौन?
बंसी वारा जब जन्मा भी नहीं था, कंस उससे पहले ही बेचैन हो गया था, मथुरा के लुटेरों में कंस से अधिक बेचैनी?
जो तुड़वाते औरों का चैन, वह रहेंगे सदैव भारी बेचैन, श्री कृष्ण नगरी के एक बाल भक्त शुभ चतुर्वेदी का संकल्प!
जब से टीटीआई न्यूज़ के उद्देश्य की बात पता चली, श्री कृष्ण नगरी के लुटेरों में मची आज तक भारी खलबली!
आपका अपना नेटवर्क जगन्नाथ रथ यात्रा की अभी सिर्फ एक झांकी, झांकियों की पूरी श्रृंखला आनी अभी बाकी!
Today's Thought - Everything is in hands of God, Nothing is in our hands.
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन पापियों के नाश और धर्म के प्रकाश को यह ज्योत जली, टीटीआई न्यूज़ चली!
आज का प्रासंगिक भजन - पतवार के बिना ही मेरी नाव चल रही है, हैरान है ज़माना, मंज़िल भी मिल रही है!
आपसे मिले प्यार का आभार, यह आपकी ही बदौलत कि टीटीआई न्यूज़ आज सम्पूर्ण बृज क्षेत्र का नंबर वन नेटवर्क
सत्य- घोर कलयुग चल रहा है, जो कुकर्म कर रहा है, बचेगा नहीं, जो भगवान से डर रहा है, किसी के मारे, मरेगा नहीं!
साइबर एक्सपर्ट्स के जरिए लुटेरे ठेकेदारों और लुटेरी सरकारों ने नहीं कराया होगा क्या-क्या, विचारणीय प्रश्न?
देखना होगा कौन सी सरकार इस मामले में ठोस कार्यवाही करती है और कौन सी सरकारें आंख-मुंह बंद कर लेती हैं?
दुनिया की आबादी आठ अरब, 16 अरब पासवर्ड हुए लीक, किसका लीक होने से बचा होगा, क्या-क्या न हुआ होगा?
इतिहास की सबसे बड़ी चोरी, सोशल मीडिया के 16 अरब ईमेल पासवर्ड लीक, किसने किए, कौन कराता यह सब?
जब सब कुछ खुला-खुला हो जाएगा तो धक्का मुक्की में होने वाला खेल, कैसे हो पाएगा, बड़े परेशान कौन?
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