आज का मनभावन बड़ा प्यारा भजन- न मैं तपसी, न ज्ञानी, न मैं योगी, न ध्यानी, तुम मात-पिता मेरी,
मैं बालक अज्ञानी, मैया मेरे दोषों पर, मत ध्यान दिया करना, जब याद तेरी मां आए, दर्शन देने की कृपा करना!
सच्चे तपस्वियों के पास पावरफुल पुण्य ही होता है, जो सोच लेते हैं, वही होता है, किसी के टाले नहीं टलता है
पावरफुल पुण्य के बल पर ही तपस्वी दे देते, जब किसी को आशीर्वाद अथवा श्राप, भगवान भी उसे टाल नहीं पाते हैं!
"लुटेरों को अनाप-शनाप दौलत खर्च करने पर भी जो नहीं मिलता, वह बंसीवारा बंसीवारों को मुफ़्त में मिलता है!"
ट्रेन में सफर करते बच्चे से शिक्षक ने पूछा- पैसा कहां से आता है? बच्चे ने दिया जवाब- "पैसा श्रम से आता है!"
अर्थात् श्रम से आया पैसा कोई भी आराम से हज़म नहीं कर सकता है, हज़म करने के लिए पैसा बड़ा श्रम करा लेता है!
लुटेरों को कौन लूटता है? लुटेरों को भगवान लूटता है, पीसकर रख देता है, कोई लुटेरा लुटने से नहीं छूटता है!
लीलाधर की लीलाएं विचित्र, हर कोई समझ नहीं पाता है, जब लगती चोट, तब आता होश, पहले समझ नहीं पाता है
पैसे-पैसे में अंतर होता है, मेहनत का पैसा बड़ा पावरफुल होता है, किसी का ऐसा पैसा जिसने भी ऐंठा, बड़ा रोता है
पैसे कैसे भी, कोई कितने भी इकट्ठे कर ले मगर नोट करके रख ले- "पाप के पैसों से एक अदद पुण्य नहीं मिलता है!"
पैसे पर मरने वालों के लिए पंक्तियां- "पैसे की जरूरत से इनकार नहीं है, पैसा ही मगर सब कुछ सरकार नहीं है!"
पैसे से तुम क्या-क्या खरीदोगे, दिल खरीदोगे के जां खरीदोगे, इन ज़मीनों का मोल हो शायद, आसमानों का मोल क्या दोगे?
पीने-खाने के बाद मदमस्त लुटेरे गाते यह गाना- "क्या पैसा-पैसा करती है? पैसे की लगा दूं ढेरी, जो तू हो जाए, मेरी!"
कुछ लोग होते ऐसे, जिनके लिए होते सब कुछ पैसे, कहते- मैं पैसे के लिए कुछ भी कर सकता हूं, बंसीवारे होते विपरीत
बंसीवारे पैसे के लिए कुछ भी नहीं कर सकते हैं, पैसे बगैर वह कुछ भी कर गुज़र जाते हैं, हैं? हैं नहीं, जी या यस सर
अब बस कर बहुत पढ़ लीं तेरी फालतू की बातें, कुछ यह भी कहने वाले होते, नासमझ नहीं समझते जीवनोपयोगी बातें
ऐसे नासमझों से बंसीवारे के जरिए यह कह रहा बंसीवारा- "समझ-समझ के समझ को समझो,
समझ समझना भी एक समझ है, समझ-समझ के भी जो ना समझे, मेरी नज़र में वो नासमझ है!"
सच्चे बालक शुभ चतुर्वेदी ने लूटा बंसीवारे का दिल, बोला- "चेन तोड़ने वालों को, मैं ज़िंदगी भर चैन नहीं लेने दूंगा!"
सच्ची कहानी- आंधी-तूफ़ान, बारिश-बाढ़, सब तपस्वियों के खिलौने हैं, प्रभु से प्रार्थना कर, चाहे जब मंगवा लेते हैं!
अभी यमुना में आई थी बाढ़, पहुंचते रहे सिर्फ आरती वाले, लुटेरे नहीं पहुंचे किनारे, उन्हें ले जाने को भी आई थी बाढ़?
तूफ़ान को रोकने की कोशिश मत करना, तूफ़ान आकर खुद चला जाता है, उसे जो करने भेजा जाता है, करके जाता है!
रोकने की कोशिश की तो, तूफ़ान हमारा क्या कर लेगा? अच्छा सवाल, उत्तर- प्रभु साथ न हुए तो बहा ले जाएगा!
अगर हृदय में सच्चा विश्वास हो और तेरा प्रभु तेरे साथ हो तो बिल्कुल मत घबराना, तूफ़ान बिना रोके, रुक जाएगा!
भले और भोले लोगों को कभी चतुराई मत दिखाना, भले और भोले लोगों के साथ रहते भगवान, खाल नोंच लेते हैं!
उल्लू कौन होते हैं? उल्लू वह होते हैं, जिन्हें रात में ही नज़र आता है, प्रभु की मर्जी न हो तो रात में भी नहीं देख पाते!
सफर रेल का हो या हवाई जहाज का, यातायात संचालन के नियम होते हैं, प्लेटफ़ार्म से छूटी गाड़ी वापस नहीं लौटती है
सत्य वचन- उल्लुओं या अंधेरों के चाहने से कुछ नहीं होता, अंधेरा तब तक ही रहता है, जब तक उजाला नहीं हो जाता!
भगवान सबको देते हैं, अंधेरों और उल्लुओं को भी पूरी रात देते हैं, फिर भी कुछ न कर पाएं तो भगवान का क्या दोष?
कुछ बावरे होते ऐसे, जो कहते, हम यह ट्रेन नहीं चलने देंगे, जो आउटर पर आ गई, प्लेटफ़ार्म पर आने से नहीं रुकती!
मन को समझाओ सत्य- अपना सोचा कभी नहीं होता, राम करे सो होय, काहे मनवा धीरज खोता, काहे तू नाहक रोय!
अगर शक्तिशालियों के चाहने से ही सब कुछ हो जाता तो कंस के हाथों अखिल ब्रह्मांड नायक का मर्डर न हो जाता?
मथुरा के भले लोग और श्रद्धालु बनते माध्यम, कुत्तों तक का पेट सुबह ही भरवा देते भगवान, लुटेरों का नहीं भरता
लूटने/लुटवाने वालों, भले तुड़वा डाले हों लाखों नहीं, करोड़ों मंगलसूत्र, सब मिलकर एक की क़ीमत नहीं दे पाओगे!
एक मंगलसूत्र की क़ीमत क्या होती है, लुटेरों तुम नहीं जान पाओगे, शनि देव मांग रहे एक की जगह तीन, दे पाओगे?
गुरुओं का गुरु महागुरु बंसीवारा, नहीं चाहता कि टूटे अब किसी का भी मंगलसूत्र, नहीं तो होगा अमंगल ही अमंगल
सत्य वचन- जिसके साथ गुरु का भाव प्रबल, उसमें कितना बल? किसी के व्दारा अनुमान नहीं लगाया जा सकता है!
मंगल सूत्र तुड़वाने वालों का बंसीवारा कैसे कर सकता मंगल, अभी क्या देखा है, आगे देखना, क्या दिखाता है?
श्री कृष्ण नगरी मथुरा का लुटेरा गिरोह करता इज़रायली ऐप का जमकर इस्तेमाल, कोई रोक सके तो रोक कर दिखाए?
यह गिरोह आईजी/डीआईजी किसी को कुछ नहीं समझता है, किसी का भी मोबाइल हैक कर सकता है, ध्यान रखना!
जिनके साथ होते श्री कृष्ण, उनकी नाव पतवार के बिना भी चलती है, जिन्हें श्री राम रखाते, वे पर्वत पर भी हरियाते हैं!
भजन- मैया तेरे भरोसे मेरा संसार है, तू ही मेरी नाव की मांझी, तू ही पतवार है, यमुना मैया तेरे भरोसे मेरा संसार है
बंसी वारे का बाप बंसीवारा, मैया कौन? जिसने डूबने नहीं दिया, पार उतार दिया, उस मॉं यमुने से कहता- यमुना मैया
जन्म देने वाली ही नहीं, रक्षा करने वाली भी मैया ही होती है मगर "मथुरा की हर मैया" बंसी वारे को "भैया" मानती है
वास्तव में रक्षा करने वाली बहन ही होती है, रक्षा सूत्र वही बांधती है, यमुना मैया भी भाई दूज के लिए मानी जाती हैं
हम भाई के आदमी हैं, भाई के आदमी हो तो क्या बस लूट कराने ही मेरे तट पर आओगे, बाढ़ से फैली कितनी गंदगी?
कभी गंदगी साफ करने भी आओगे, मेरी सीढ़ियों पर जमी मिट्टी हटाओगे, आए बड़े भाई के आदमी -मेरी मॉं यमुना
हेमंत बृजवासी से जो गवाया था, वह गाना भूल गए, गाने में यमुना जल शुद्ध कराने की सौगंध थी, वह सौगंध भूल गए?
तू करता वह है, जो तू चाहता है, होता वह है, जो मैं चाहता हूं! मैं ऐसा कहां करता हूं? बंसी वारे ने झल्ला कर कहा!
बंसीवारा बोला- तेरी बात नहीं कर रहा हूं मैं, मैं और सब की बात कर रहा हूं, उनके लिए आज तुझे यह संदेश दे रहा हूं-
तू वह कर, जो मैं चाहता हूं, फिर होगा वही, जो तू चाहता है! बंसीवारे के मुख से निकला- हैं? हैं नहीं, जी या यस सर बोल
राजा की आई चला चली की बेला, अब तो खोल जाओ, जो आपने बोला, आज तक नहीं खोला, मंगल सूत्र का खेला?
यहां चौड़ी छाती वीरों की, और भोली शक्लें हीरों की, यहां नित-नित मेले लगते हैं, नित ढोल और तासे बजते हैं, ओहो
प्रसाद की टोकरी में कुछ और भी आए तो स्वीकारना मत लेना, पुण्य नहीं, महापाप होगा, न जाने कब उदय हो जाए?
एक मंदिर के महंत ने बंसी वारे से कहा- "फलां-फलां मंदिरों में ऐसा होता है, तह में जाकर देखा तो सब सच निकला!"
सत्य- अफ़सर होते ऐसे-ऐसे, मुख्यमंत्री के पास भेज दिया मंत्री का कच्चा चिट्ठा, मंत्री का चला गया पद और रसूख
सच्ची कहानी- मंत्री का भाई डाल रहा था दबाव, अफ़सर ने पीए से कहा- "गाड़ी मंगा कर इन्हें जल्दी से घर भिजवा दो!"
बंसीवारे से बोला बंसीवारा, मेरी तरफ से सबसे कहो- "मेरी तरह करना सीखें, जो दबाव डाले, गाड़ी से घर भिजवा दें!"
जिनकी सुननी होती, बिना उनके कहे सुन लेता, हर हाल में सुख देता, जिनकी नहीं सुननी होती, नहीं सुनता, दु:ख देता
गुप्तचरों से पता चल जाएगा, 99% से अधिक पुरोहित लूट विरोधी, सरकार विचार कर ले, फायदे या घाटे का ठेका?
दुष्यंत कुमार की पंक्तियां- हो गई है पीर पर्वत सी, पिघलनी चाहिए, सिर्फ हंगामा खड़ा करना, मेरा मक़सद नहीं,
मेरी कोशिश है ये सूरत बदलनी चाहिए, तेरे सीने में हो या कि मेरे सीने में, हो कहीं भी, मगर आग जलनी चाहिए!
आज का विचार- अपनी पद प्रतिष्ठा का कभी घमंड न करें, अधिक से अधिक सदुपयोग कर जन-जन की पीर हरें
जो जन-जन की पीर हरने के लिए कार्य करते हैं, जन-जन की प्रार्थनाएं उनके साथ रहती हैं, प्रभु उनकी कद्र करते हैं
शेर- है समय इक दरिया, जिसमें किनारे भी डूब जाया करते हैं, है समय बड़ा तूफ़ान, जिसमें पर्वत भी ढह जाया करते हैं
जो बंसी वारों की राहों में कांटे बिखेरते हैं, बंसीवारा उनके लिए शूल बिखेर देता है, मत मानो, बिखरने वालों से पूछो
मथुरा होने के लिए बड़े-बड़े दंश झेलने पड़ते हैं, कंस झेलने पड़ते हैं, बड़े-बड़े नर्क कुंडों से होकर निकलना पड़ता है!
मथुरा में जन्म लेकर जब बंसीवारा खुद इतना झेला, क्या हुआ जो बंसीवारे से लुटेरों का गठबंधन थोड़ा-बहुत खेला
बंसीवारे ने ग्राउंड जीरो पर उतर लोगों की बात ही नहीं सुनी, उनके चेहरे भी पढ़े, सीने में जलन और आंखों में तूफ़ान था
मथुरा धर्मभूमि मगर कुछ विधर्मियों ने इस भूमि पर अपना बड़ा जाल फैला रखा है, जिसमें अब उनको ही फंसना है
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता सुशील कुमार सिंह के अनुसार कलयुग 2039 में हो जाएगा समाप्त, उसके बाद सतयुग आएगा
मथुरा के कुछ मठाधीश सरकार की छाती पर इसलिए रहे मूंग दल कि उनके पास सोशल मीडिया सेल, हो गया फेल
सोशल मीडिया पर टिप्पणियां करने वाले पाते धनराशि, सत्तारूढ़ दल अपने पक्ष में टिप्पणियां कराने में अव्वल
इसलिए देशवासियों अब आप सभी जाओ संभल, किसी शातिर के शब्दों संग न बहना, है पैसों से लिखी हर भाषा
ज़मीं वही, आस्मां भी वही है, डार्क वही, लाइट भी वही है, स्काई वही, काइट भी वही है, रोज़ देता बाइट भी वही है
जिसे गुरु ने दे दिया आशीर्वाद जय हो, उसकी हार नहीं होती, बंसी वारे के साथ महागुरु, गुरुओं का गुरु बंसीवारा!
बाढ़ की विभीषिका से जो जूझे, उन्हें अनुदान देना राम जी, हौंसले से घोंसले का फिर निर्माण करें, वरदान देना राम जी!
श्राद्ध का प्रथम दिन था, बंसी वारे ने सोचा यमुना मैया के दर्शन कर आऊं, और लगे हाथ पितृ तर्पण भी कर आऊं
बंसीवारा सब जान रहा था, बोला चल, मैं भी चल रहा हूं तेरे साथ, मैं भी अपनी पटरानी यमुना महारानी से मिल आऊंगा
बंसी वारे के साथ था बंसीवारा, तभी तो सड़क तक स्वागत को आईं श्री श्याम सुंदर यमुने महारानी, लाईं सच्ची कहानी-
आप ही देख लो, मैं तो सभी देवी-देवताओं के लिए बाढ़ के रूप में लाई शुद्ध पानी, उसमें भी मिल रहा सीवर का पानी
क्या कहता बंसीवारा- "आप चिंता मत करो यमुने महारानी, निकम्मों को मैं देखूंगा, अभी इनको कर लेने दो मनमानी!"
बृजवास कर रहे सर्व देवी-देवताओं के स्नान को बाढ़ बन आई यमुना मैया, नाकामियों ने मिलाया सीवर का पानी
सच्चा फ़िल्मी गीत- आजा-आजा मेरे मिट्ठू मियां, तुझे पिंजरे में बंद कर लूं, मिट्ठू मियां से मीठी-मीठी, बातें मैं चंद कर लूं
सच्ची कहानी- लुटेरों ने पाल रखे लैंगिक/समलैंगिक तोते/तोतियां, सोशल मीडिया चैटिंग से सेटिंग, फिर ब्लैकमेलिंग
बंसी वारे ने ग्राउंड जीरो पर उतर जाना- "लोग मीडिया को दे रहे थे उलाहना, जनता का दर्द किसी से नहीं जाता जाना!"
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