मीडिया को करना चाहिए विचार- कौन सा समाचार लगे, कौन सा नहीं, यह किसका अधिकार, अधिकार बिकता है?
जो खरीदार है, क्या वह अपना अधिकार विक्रेता को दे सकता है, उसमें किसी का हस्तक्षेप स्वीकार कर सकता है?
पूछने पर एक ग़रीब मजदूर ने कितना प्रेरक जवाब दिया- "बेईमानी अस्पताल में डॉक्टर के सामने नज़र आती है!"
जो बेईमानी कर रहे हैं, उन्हें आज नहीं तो कल डॉक्टर के पास जाना पड़ेगा, सबसे बड़ा डॉक्टर हमारा प्यारा बंसीवारा!
देश काल और परिस्थितियां चाहे जैसी हों, कर्तव्य पालन में आपकी ईमानदारी दिखनी चाहिए, सच्चाई नज़र आनी चाहिए!
मीडिया कभी न भूले- दबे न जो, झुके न जो, मिटे न जो, हम वो इंकलाब हैं, हर ग़रीब, हर शहीद का हम ही तो इंतखाब हैं!
जब-जब इस धरती पर धर्म की हानि और अधर्म का प्रावल्य हो जाता है, तब-तब ही मैं जन्म लेता हूं- योगेश्वर श्री कृष्ण!
खुद को भक्त कहने वाला हर शख्स भक्त नहीं होता, भक्त-भक्त में अंतर होता है, रावण भी शिवभक्त बताया गया था!
राम नाम की चादर ओढ़ कर आया जो, वह इतना बड़ा रावण निकलेगा, हमने सोचा ना था, कभी सोचा ना था!
कोई बात नहीं, रावण अपना रावणत्व नहीं दिखाता तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के हाथों मारा जाता?
भारतीय लोकतंत्र के चार आधारभूत स्तंभ, एक विधायिका ने शेष तीनों स्तंभ खुद किए कमजोर, राजशाही की मंशा!
आज का बब्बर शेर- हम पर दु:ख का पर्वत टूटा, तब हमने दो-चार कहे, उस पर क्या बीती होगी, जिसने शेर हज़ार कहे?
प्रसिद्ध कविता- वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान, निकलकर आँखों से चुपचाप, बही होगी कविता अनजान!
योद्धा होगा पहला कवि, युद्ध से निकला होगा गान,
निकलकर रणक्षेत्र से खुलेआम, बही होगी कविता महान। - सुमित्रानंदन पंत
लीलाधर की लीला- अगर वसुदेव-देवकी को कंस बंदी नहीं बनवाता तो फिर कारागार में श्री कृष्ण अवतार कैसे होता?
हरि ने यह क्या हर लिया, क्या कर डाला, जिसके जरिए छुलवाईं बुलंदियां, उसी मीडिया को छलनी करवा डाला?
अगर किया जाए सर्वेक्षण तो निश्चित तौर पर यही आएगा सामने, भारतीय पत्रकारिता ने ऐसे दिन कभी नहीं देखे होंगे!
विनाश काले विपरीत बुद्धि- "बंसीवारा यह करता है, जिससे नाराज़ होता है, उससे उसका बुद्धि-विवेक हर लेता है!"
मजदूर दिवस वाले मई माह में देश-दुनिया के पत्रकारों के दिलों में ईडी ने लगाई आग़- "दुनियाभर के पत्रकार एक हों!"
देश के जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार के यूट्यूब चैनल पर जाकर देखना न भूलें, गुजरात के होश उड़ाने वाली ख़बर!
आज़ादी से डेढ़ दशक पूर्व के समाचार पत्र गुजरात समाचार के डायरेक्टर को 25 साल पुराने मामले में ईडी ने जेल भेजा
याद आया एक प्रासंगिक गीत- ऐ मेरे दिल ए नादां, तू ग़म से न घबराना, एक दिन तो समझ लेगी, दुनिया तेरा अफसाना!
सच्ची पत्रकारिता का गुजरात समाचार के डायरेक्टर को दिल से सलाम, जिसने जेल जाना मंज़ूर किया, झुका नहीं!
राजा को क्या पता, ईडी की यह कार्यवाही जनता की नज़र में राजा को जनरल डायर बना देगी, लिख कर रख लेना!
आज की सच्चाई यही है कि आज कोई नहीं बयां कर रहा सच्चाई, सब डर रहे, "बयां करने पर हो न जाए कार्रवाई?"
अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा सोशल मीडिया का हीरो युवा, ठनका नज़र आता माथा, देखें क्या रिजल्ट आता?
भ्रष्ट नेताओं से ही नहीं, गोदी मीडिया से भी भारी ख़फ़ा देश का युवा, सच्चाई को नहीं रखा सामने, झूठ ही रहा परोसता!
बंसी वारे ने ग्राउंड जीरो पर उतर कर जानी जन-जन के मन की बात, युवा हृदय में लगी घात, टोपी पहनाकर उतारी पैंट!
श्री कृष्ण नगरी मथुरा में पुलिस वाले तक जेल चले जाते हैं, श्रद्धालुओं के लुटेरों को जेल भेजे, ऐसा अफ़सर नहीं आता!
सोशल मीडिया के हीरो युवा, उस युवा की बदल गई हवा, हीरो को हर जगह दिखा परिणाम जीरो तो बदल गया मूड!
अब चाहे लाख चैनलों को बंद और खबरों को मैनेज कराते फिरो, बात जो नहीं फैलने देना चाहते थे, बुरी तरह फैल गई!
बंसी वारे ने नहीं की कभी अपने मन की बात, बंसी वारे ने रखी सदैव जन-जन की बात, मत मानो, इंटेलिजेंस से पूछ लो!
श्री कृष्ण नगरी में धर्म के ठेकेदारों ने मचा रखी चहुं ओर लूट, श्रद्धालुओं से ही नहीं लूटमार, नागरिकों से भी लूट!
मथुरा-वृंदावन की अटी नालियां, अटे नाले मगर सफाई के नाम पर हो जाते घोटाले, सफाई होती तो जल भराव होता?
मथुरा-वृंदावन नगर निगम में घोटाले ही घोटाले, लिबास जिनके झकास सफेद, धंधे उनके घनघोर काले ही काले!
पैरोडी गीत- मथुरा-वृंदावन में अंधेर मचा है, खाज-खुजली वाले पानी का मुआवजा देने की बजाय मांगा जा रहा मोटा टैक्स!
मथुरा-वृंदावन वासियों के धैर्य की ले रहे परीक्षा नगर निगम मेयर, भूल गए कॉलोनी की महिलाओं ने की थी जो केयर?
प्रश्न- जिस नगर निगम से साल भर में नहीं बन पाई पानी की 1 टंकी, उसे चुल्लू भर पानी में नहीं डूब मरना चाहिए?
मथुरा-वृंदावन में किस-किस जगह की जा रही खुजली वाले पानी की आपूर्ति, कहां-कहां हो रही मीठे पानी की सप्लाई?
बेईमानी से हराए गए मथुरा-वृंदावन मेयर पद के सपा प्रत्याशी तुलसीराम ने पहले ही कहा था- 250% तक होगी कर वृध्दि!
मथुरा के एक पूर्व अधिकारी सपा प्रत्याशी को यह बता कर गए, जीत तो आप ही रहे थे, तबादलों की धमकी ने हरवाया!
किसका टैक्स मांग रहा निगम, कहां-कहां करा रहा सफाई, क्या दे रहा मीठे जल की सप्लाई, हो सकता टैक्स अप्लाई?
सदैव प्रासंगिक गीत- यह जो पब्लिक है, यह सब जानती है, यह पब्लिक है, अंदर क्या है, बाहर क्या है, सब कुछ पहचानती है!
ये चाहे तो सर पे बैठा दे, ये चाहे तो नीचे, पहले भागो इसके पीछे, फिर यह भागे पीछे, ये रुठे तो, दिल टूटे तो तौबा कहां फिर मानती है?
आज का विचार - हमेशा हवा में रहने वालों को पता नहीं चल पाता कि धरा पर क्या चल रहा है? (बदल गई हवा)
मथुरा-वृंदावन नगर निगम की नागरिक सुविधाएं बद से बदतर, आम जनमानस में पनप रहा अंदर ही अंदर आक्रोश
मीठे जल के नाम पर खुजली वाले पानी की आपूर्ति, लोगों को खाज-खुजली कराने का जिसे देना चाहिए मुआवजा,
वह मथुरा-वृंदावन नगर निगम अपने आप को समझ रहा सुप्रीम कोर्ट, सुविधाओं पर नहीं ध्यान, चाहिएं नोट और वोट
सफाई और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं देने में नाकाम मथुरा-वृंदावन नगर निगम टैक्स के भेज रहा मोटे-मोटे बिल!
मथुरा-वृंदावन नगर निगम मेयर का किस पर ध्यान, कार्यप्रणाली के कारण हो रही मोदी-योगी की छवि भारी धूमिल!
आम जनमानस में चर्चा जोरों पर, यह मेयर तो सिर्फ खाने-कमाने और कीमती ज़मीनों पर कब्जे कराने के लिए आया!
हरि नाम सार, झूठा संसार- "कहे कोई लाख, करने/कराने वाला कोई और, आस्तिक प्रभु मान लें, नास्तिक प्रकृति!"
भगवान की मर्जी के बगैर कुछ नहीं होता है, लाख कोशिशें करके देख लो, होगा वही, जो बंसीवारे ने लिख रखा होगा!
वही सच्चा लिखिया, और नहीं कोई, जो उसने लिख दिया, मिटा सकता नहीं कोई, रत्ती भर नहीं बदल सकता कोई!
तभी तो कहने वाले कब के यह कह गए हैं- "करी गोपाल की सब होय, जो रच राखी नंद नंदन नै, मैट सकै नहीं कोय!"
किसी के मिटाने से कुछ मिट जाता तो कंस अपनी मौत नहीं मिटा देता, उसने कोशिशें कितनी कीं मगर नतीज़ा क्या रहा?
नतीज़ा वही रहा, जो रहना था; हुआ वही, जो होना था! सब उसकी ही मर्जी से होना है तो शरणागत होने में शर्म कैसी?
जो उसकी शरण पहुंच जाता है, सर्वेश्वर उसका हो जाता है, फिर बताइए उसके लिए क्या प्राप्त करना शेष रह जाता है?
शरणागति के बाद वह सब हो जाता है, जो संभव नहीं होता, "प्रभु का मान टले टल जाए, भक्त का मान न टलते देखा!"
भक्त क्या चाहता है? भक्त चाहता है सब भक्तों का भला, भक्त नहीं चाहता अपना चेन, भक्त चाहता- "सबका चैन!"
देखिए रिजल्ट क्या आता है, अगर प्रभु अपने भक्त की बात टाल जाएं तो बता देना, रुको ज़रा, सब्र करो और धैर्य रखो!
अगर सब कुछ शक्तिशालियों के चाहने से हो जाता तो फिर महाशक्तिशाली को कौन पूछता, महाशक्तिशाली बंसीवारा!
सब का पालन कर्ता, सब का रखवारा, एक मात्र बंसीवारा, बंसीवारे के सिवा कुछ नहीं, सब में वही, सबका बंसीवारा!
पाप कर्म से डरें, पाप एक अंधियारा है, दु:ख है, विपत्ति है, विघ्न है, जो हम कर देते हैं, वह जमा रहता है, दंड देता है!
अगर आज से पाप नहीं करते हैं, नाम जप से सारे पाप नष्ट हो जाएंगे और भगवत् प्राप्ति हो जाएगी- प्रेमानंद जी महाराज
भारत में जिसने भी उठाए देश की बर्बादी के ठेके, रहेंगे एक ना एक दिन वह भी बर्बाद होके, जो रोक सके, बर्बादी रोके!
देश को कुकृत्यों की भट्टी में झोंकने वाले सफ़ेदपोश चाहते हैं कि इतिहास में उनका नाम समाजसेवी के रूप में दर्ज हो!
पूछा है तो सुनो साथियों, यह आज देश का हाल- गेम खेलो, लाखों/करोड़ों कमाओ, ध्यान रहे- "इसमें जोखिम संभव है!"
देश में आजकल जुआ-सट्टा जोरों पर, सफ़ेदपोश करा रहे कुकर्म, सेलिब्रिटीज से करा रहे प्रचार, युवा हो रहे बर्बाद!
आम जनता को भोली-भाली मान भले लिया जाए मगर वह सबसे अधिक समझदार होती है, इसलिए चुप रहती है!
संजय शर्मा का 4 पीएम चैनल एक उदाहरण मात्र, लूट का ठेका उठवाने वाली सरकार ने असंख्य चैनल कराए बर्बाद!
सुनवाई से पूर्व इसलिए चालू किया गया चैनल, सुप्रीम कोर्ट से न पारित हो जाए कोई ऐसा आदेश, जो नज़ीर बन जाए!
प्रभु की लीला ऐसी, उनके किसी सच्चे भक्त का अगर कोई अहित भी करता है तो प्रभु उसे उसके हित में बदल देते हैं!
परमेश्वर के चरणों में जिसकी भी श्रद्धा अगाध, दृढ़ विश्वास और पूर्ण समर्पण, सारी शक्तियां रहतीं उसके लिए मित्रवत!
आप देख रहे हैं बृज का सबसे प्राचीन, प्रमाणित, शिक्षा एवं ज्ञानप्रद और मनोरंजक टीटीआई न्यूज़ : आपका अपना नेटवर्क
You Are Watching An Exclusive Informative, Devotional & Entertainment Network TTI News Your Own Network