विश्व संगीत कुम्भ के तीसरे दिन आकाश गिल के तबला वादन ने किया सबको मन्त्रमुग्ध

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विश्व संगीत कुम्भ के तीसरे दिन सर चढ़कर बोला शुभंकर डे का शास्त्रीय गायन

आकाश गिल के तबला वादन ने भी किया सबको मन्त्रमुग्ध

डॉ. राजेंद्र कृष्ण अग्रवाल

मथुरा 25 जुलाई 2020

पद्मभूषण पं० सामता प्रसाद ट्रस्ट ऑफ तबला, प्रयागराज के तत्वावधान में आयोजित चालीस दिवसीय 'विश्व संगीत कुम्भ' के तीसरे दिन सायंकाल ठीक 7:00 बजे नीराजना शर्मा ( एंकर ) ने कार्यक्रम प्रारंभ करते हुए सबका स्वागत किया। सर्वप्रथम लाहौर से पंजाब घराने के प्रमुख युवा तबला वादक आकाश गिल ने तीन ताल में स्वतंत्र वादन करते हुए पंजाब बाज में ही पेशकार, कायदे, रेले, टुकड़े, परन, चक्रदार की आदि की प्रस्तुति की। उन्होंने पद्मभूषण पण्डित सामता प्रसाद मिश्र 'गुदई महाराज' जी की भी कई चीज़ें प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।

दूसरी प्रस्तुति श्री शुभांकर डे (बनारस) की रही। आपने पहले राग अड़ाना में  विलंबित एकताल में  निबद्ध बड़ा ख्याल 'जो तेरी रज़ा, जो तू चाहे सो करे' का बहुत ही चैनदारी के साथ गायन प्रस्तुत किया, तदुपरान्त द्रुत तीनताल में एक त्रिवट 'घरण घिरण नग नगिन नागिनतक धित्ता धा' विशेष रूप से महाराज जी को समर्पित किया। उन्होंने अपने कार्यक्रम का समापन बनारसी कजरी 'छायी घटा घनघोर' से कर श्रावण मास में श्रोताओं को आह्लादित कर दिया।

प्रस्तुतियों के प्रारंभ में दोनों कलाकारों ने महाराज जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। ट्रस्ट के परामर्शदाता संगीताचार्य डॉ० राजेन्द्र कृष्ण अग्रवाल ने सभी कलाकारों, आयोजन समिति के सदस्यों तथा श्रोता-दर्शकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

ट्रस्ट की सचिव व विश्व संगीत कुंभ की संयोजिका डा.  रेनू  जौहरी , अध्यक्ष श्रीमती शकुंतला  जौहरी , संरक्षिका डॉ. शशि भारद्वाज, पर्यवेक्षक प्रो. पंकज  माला शर्मा , पर्यवेक्षक राजीव किशोर श्रीवास्तव, डॉ इंदु शर्मा,  व सैकड़ों-हजारों दर्शकों ने ऑनलाइन प्रस्तुतियों का आनंद लिया। ऊर्जा श्रीवास्तव, स्फूर्ति श्रीवास्तव, कामिनी निषाद, दर्शी श्रीवास्तव, अंतस प्रकाश और आलोक अग्रवाल ने सक्रिय प्रतिभाग किया।

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