सर्दी में पशुओं को रोगों से कैसे बचाएं ?

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विक्रम सैनी 

टीटीआई न्यूज़

चौमुहां मथुरा 3 दिसंबर 2020। 

शीत लहर और सर्दी से घरेलू पशु की किस तरह देखभाल की जाए और सर्दियों में होने वाले रोगों से किस तरह से पशुओं को बचाया जा सकता है इस सम्बंध में चौमुहां पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर संजय मिश्र ने पशुपालकों को जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर माह से ही सर्दियां शुरू हो जाती हैं इस दौरान पशुपालक अपने पशुओं का विशेष ख्याल रखें। पशुपालक अपने पशुओं का झूल डालने के पश्चात आग से दूर रखें, पशु तथा नवजात बच्चों को अंतः क्रमि नाशक औषधि अवश्य  पिलाएं,अवशेष पशुओं में खुर पका मुंह पका का टीका अवश्य लगवाएं, सूकरो में स्वाइन फीवर का टीका अवश्य लगवाएं, दुधारू पशुओं को थनैला रोग से बचाने के लिए पूरा दूध निकालें और दूध दोहन के बाद थनों को कीटाणुनाशक घोल जैसे पोटेशियम परमैंगनेट1:1000 के घोल से धो लें, यदि इस समय वातावरण में बादल नहीं है और पशुओं को खिलाने के लिए अतिरिक्त हरा चारा बचा हुआ है तो उसे छाया में सुखाकर "हे" के रूप में भविष्य के लिए संरक्षित कर लें, बुवाई के 50 से 55 दिन बाद बरसीम एवं 55 से 60 दिन बाद जई के चारे की कटाई करें, 3 महीने पूर्व कृत्रिम गर्भाधान किए हुए पशुओं का गर्भ परीक्षण कराए, नवजात शिशु को विशेष रुप से ठंड से बचाएं एवं उन्हें खीस अर्थात कोलोस्ट्रम अवश्य पिलाएं। जिससे कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सके।

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