संस्कृत भारती के पूर्णकालिक प्रचारक श्रवण कुमार का किया गया भव्य स्वागत

Subscribe






Share




  • States News

रामदास चतुर्वेदी। मथुरा 23 जून 2025

संस्कृत भारती ब्रजप्रांत के पूर्व संगठन मंत्री तथा वर्तमान में बिहार व झारखंड प्रांत संगठन मंत्री श्री श्रवण कुमार जी के मथुरा आगमन पर संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मथुरा महानगर कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानीय सरस्वती शिशु मन्दिर दीनदयाल नगर में भारी हर्षोल्लास के साथ जयतु संस्कृतम्, जयतु भारतम् के गगनभेदी उद्घोषों के बीच श्रवण कुमार जी का फूलमाला,शाल, दुपट्टा श्रीफल,स्मृति चिन्ह आदि भेट कर भव्यता के साथ स्वागत सम्मान किया गया।
इस अवसर पर संस्कृत भारती ब्रजप्रांत न्यास अध्यक्ष ओमप्रकाश बंसल, न्यास सचिव गंगाधर अरोड़ा, ब्रजप्रांत मंत्री धर्मेन्द्र कुमार अग्रवाल, ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने संस्कृत भारती के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 
संस्कृत के प्रचार प्रसार, संरक्षण, संवर्धन एवं संस्कृत को जनभाषा बनाने के उद्देश्य से  संस्कृत भारती की स्थापना सन् 1981 में कर्नाटक राज्य के बेंगलुरू नगर में की गई सम्पूर्ण देश में संस्कृत भाषा को जनसाधारण की भाषा बनाने के उद्देश्य से सभी प्रांतों में संस्कृत भारती न्यास का पंजीकरण किया गया ब्रजप्रांत में सन् 2014 में संस्कृत भारती ब्रजप्रांत न्यास का पंजीकरण कराया गया और श्रवण कुमार जी को ब्रजप्रांत के सबसे पहले संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया।
इस अवसर पर संस्कृत भारती मथुरा महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने श्रवण कुमार जी के कार्यकाल में  चलाए गए संभाषण शिविर, प्रबोधन वर्ग, शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग,बालकेन्द्र ,नैपुण्य वर्ग द्वारा विद्यालयों, महाविद्यालयों में छात्र छात्राओं में संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षण पैदा करने का कार्य अत्यंत सराहनीय बताते हुए कहा कि श्रवण कुमार जी ने ब्रजप्रान्त में संस्कृत भारती संगठन को जन जन तक पहुंचाने के लिए कठोर परिश्रम किया है।
इस अवसर पर श्रवण कुमार जी ने ब्रजप्रान्त संगठन के कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि देववाणी संस्कृत के माध्यम से भारत की सामाजिक समरसता एवं सर्वतोमुखी प्रगति ही संस्कृत भारती का परम लक्ष्य है। उन्होंने कहा कार्यकर्ताओं का त्याग, समर्पण एवं परिश्रम ही संस्कृत भारती के कार्य का आधार है।भारत का प्राचीन चिन्तन, विचार, संस्कृति, सभ्यता, संस्कार एवं जीवन संस्कृत के ही माध्यम से विकसित हुआ है।

इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी द्वारा सम्पादित श्री राधागोविन्द देव पंचांगम् का भी वितरण किया गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्कृत भारती महानगर प्रचार प्रमुख निवर्तमान पार्षद रामदास चतुर्वेदी शास्त्री ने कहा कि श्रवण कुमार जी ने ब्रजप्रान्त के धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षणिक संस्थानों सभी संगठनों में संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार को प्रमुखता से रखा है वे कहते हैं भारतीय संस्कृति सभ्यता और संस्कारों को समझने के लिए संस्कृत भाषा का ज्ञान अति आवश्यक है।
इस अवसर पर हरस्वरुप यादव, जगदीश प्रसाद शर्मा,अनिल अग्रवाल आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी, योगेश उपाध्याय आवा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

TTI News

Your Own Network

CONTACT : +91 9412277500


अब ख़बरें पाएं
व्हाट्सएप पर

ऐप के लिए
क्लिक करें

ख़बरें पाएं
यूट्यूब पर