बृज की माटी को यूं ही मुक्ति प्रदाता बताता है, कान्हा खुद मिट्टी खाता है, पकड़ती जब मैया, मुख में ब्रह्मांड दिखाता है
सत्य- केयरटेकर का मिलता काम, रखरखाव की मिलती ज़िम्मेदारी, बनकर सरदार, समझते मलिक, दिखाते सरदारी
मलिक को अपनी नगरी में किसी की मालिकी नहीं भाती है, सेवादार हूं मैं और सब, मुझे मालिकी नहीं भाती है-बंसीवारा
मथुरा के ज़िम्मेदारों पर कोई और नहीं, स्वयं बंसीवारा नज़र रखता है, मालिक को भी अपनी ज़िम्मेदारी निभानी पड़ती है
श्री कृष्ण नगरी की राजनीति रंगीली है, छोटा सा शहर है, क्या हुआ, सबने खा ली गड्ढ की सब्जी, मिलकर पी ली है?
पनौती नहीं, पनौतियों पर पनौतियां कहो, तभी देशवासियों के अच्छे दिन नहीं आए, पनौतियां मार रहीं रोज़ कैसी मौज
पदाधिकार कब्जाते ही पदाधिकारी के तो दिन बहुरने लगते, उसके अधिकार वाले क्षेत्र की दशा और दयनीय होती जाती
महाविद्यालय से लाल रंग की चमचमाती लग्जरी वेशकीमती कार में निकलते महापौर को देख विचार आना स्वाभाविक-
काश कि श्री कृष्ण नगरी भी अगर इसी तरह चमचमाती तो बंसीवारे के दिल का हर ज़ख्म भर गया होता, बोले स्टूडेंट्स
सोचने को हुए मजबूर इनको तो मथुरा-वृंदावन का भ्रमण कर साफ़-सफाई देखनी चाहिए, महाविद्यालय क्यूं आते?
आज की प्रासंगिक और प्रेरक पंक्तियां- चलो तो सफ़र में तुम ऐसे चलो कि चरण चिन्ह अपने निशानी बना दो,
लिखो तो ऐसे लिखो तुम कि हर रोज़ एक नई सच्ची कहानी बना दो! - डॉ रमाशंकर पांडेय प्रसिद्ध कवि/शिक्षाविद
अधर्म का पैसा, पाप की कमाई कभी किसी को फली है भला? आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों देखना फल
धर्म की कमाई, अगर आज किसी को नज़र न आए तो इसी तरह देखना कल, कल नहीं तो परसों, लुटेरे देख जाएंगे जल
कई बार बंसीवारा पापी को इस तरह भी मारता कि उससे पाप पर पाप कराता रहता, जिससे पापों का घड़ा भर जाए
उसे इतनी आत्मग्लानि हो जाए कि वह खुद ही तड़प-तड़प कर मर-मिट जाए, हर किसी का उद्धार नहीं करता बंसीवारा
परम संत के देखने आने के रूप में प्रसिद्ध संत को जो हृदय से आशीर्वाद मिला है, श्री प्रेमानंद जी उसके अधिकारी हैं!
प्रसिद्ध संत से जो श्रद्धाभाव सदगुरुदेव को मिला, वे उसके सर्वथा अधिकारी हैं, प्रेमानंद किसे अपनी गद्दी पे बैठाते हैं?
गंगा जमुना सरस्वती का गीत- पुण्य की राह कठिन है, है पाप बड़ा आसान, अपना कर्म निभाओ, है ये गीता का ज्ञान
प्यार में वो शक्ति है जो सबको दोस्त बनाती है, बिछड़ें तो फिर आपस में मिल जाना सिखलाती है, गंगा जमुना सरस्वती
प्यार का पैगाम हैं, जहां पे तीनों मिल जाएं, उसी का संगम नाम है, कहां मिलेगा किसको मिलेगा कुदरत का परिणाम है
सदगुरुदेव भगवान कार्ष्णि गुरु श्री शरणानंद जी महाराज क्यों पहुंचे प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज का हाल जानने?
क्या सभी बीमारों का हाल जानने सदगुरुदेव जाते हैं? कर्म सदगुरुदेव को ही नहीं, भगवान तक को भी खींच लाते हैं!
सदगुरुदेव भगवान जनकल्याण के लिए जो अच्छी शिक्षा देते चले आ रहे हैं, उसी को श्री प्रेमानंद जी आगे बढ़ा रहे हैं
अच्छा करने वालों को अच्छे का ठेका देता है, बुरा करने वालों को बुरे का ठेका देता है सबसे बड़ा ठेकेदार बंसीवारा
अच्छे और बुरे दोनों का ठेका किसी एक को नहीं देता है, नहीं तो उसकी मोनोपोली नहीं हो जाएगी, संदेश क्या है?
नहीं समझेंगे नासमझ, समझदार के लिए इशारा ही काफी होता है, जो चाहे अपना भला, करना पड़ेगा औरों का भला
अखिल ब्रह्मांड का सबसे बड़ा ठेकेदार बंसीवारा बुरा करने वालों का नहीं होने देता भला, कहता- तुम जाओ काटो गला
जिसको जो मिला है, अपने मुकद्दर से मिला है और मुकद्दर कर्मों से बनता है, अच्छा रिजल्ट अच्छी पढ़ाई से आता है!
यह बात और है कि कुछ लोग बगैर पढ़ाई के डिग्री हासिल कर लेते हैं मगर बाद में वह उनके गले की हड्डी बन जाती है
बुरा करने और कराने वालों का कभी अच्छा नहीं होने देता, अच्छा करने वालों का, कभी बुरा नहीं होने देता बंसी वारा!
बुरा करने और कराने वालों से किसी का अच्छा नहीं होता, उनके दिमाग रूपी कंप्यूटर में यह सॉफ्टवेयर ही नहीं होता
ईश्वर उनको सहज ही अच्छा नहीं करने देते क्योंकि उनके द्वारा किए गए बुरे से उनका महा बुरा होने वाला होता है!
अच्छा करने के लिए पहले अच्छा बनना पड़ता है, ईश्वर की हर कसौटी पर खरा उतरना पड़ता है, तब अच्छा होता है!
यह हर किसी से सहज ही संभव नहीं हो पाता, बात घूम फिर कर वहीं आ जाती है कि बुरे कर्म अच्छा नहीं होने देते
जब आपने कांटे बोए हैं तो आपको फूल नहीं मिलेंगे, फल के रूप में शूल ही मिलेंगे, जिसने बिखेरे, उसे फूल मिलेंगे!
बंसीवारे ने ग्राउंड जीरो पर उतरकर जानी जन मन की बात, भले जारी लूट के ठेके, फिर भी लोगों का योगी पर भरोसा
अपनी जन्मभूमि पर पल रहे पापियों को देख-देख जलता बंसीवारा, उन पर हंसता नहीं, उनके कारण रोता बंसीवारा
इक हूक सी दिल में उठती है, इक दर्द ज़िगर में होता है, हम रात को उठकर रोते हैं, जब सारा आलम सोता है -बंसीवारा
गोरखनाथ पीठाधीश्वर योगी में भी वही और बंसीवारे में भी वही, किसमें नहीं अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर श्रीकृष्ण?
सब में वही समाया, सब उसकी माया, जानने वाले जानते- लुटेरों को भी वही खिलाता/पिलाता मगर साथ नहीं देता!
श्री गोपाल वैष्णव पीठाधीश्वर कहते- कुछ मनुष्य योनि में तो हैं मगर उनके कर्म पशुओं जैसे हैं, जरूर पूर्व में पशु रहे होंगे
आज फिर मथुरा में देह व्यापार के अड्डों पर छापामारी की भारी चर्चा, यह तो सिर्फ झांकी है, पूरी पिक्चर बाकी है
लुटेरे ठेकेदारों और उनके खिदमतगारों को कोई और नहीं, खुद बंसीवारा देखेगा, खेल देख रहा, परिणाम भी दिखाएगा
जब भी कोई पूरी सत्य/निष्ठा और ईमानदारी से अपना रोल निभाता है तो वह नहीं, उसके रूप में खुद बंसीवारा आता है
अभी मूक दर्शक बन देख रहा सब तमाशा, जब अपनी पर आएगा, रहने वाले सब देखेंगे- "कहर बरपाएगा बंसीवारा!"
कोई लुटेरा यह न सोचे कि बंसी वारे की नहीं उस पर नज़र, एक-एक लुटेरे और उसके सहयोगियों के रोम-रोम पर नज़र
अपनी जन्मस्थली के सब गद्दारों को बंसीवारा ऐसा सबक सिखाएगा, जन्म-जन्मांतर तक बंसीवारे को भूल न पाएंगे
श्री कृष्ण नगरी मथुरा में चोरी-उठाईगिरी के ठेके धड़ल्ले से जारी, चेन-कुंडल, पर्स-मोबाइल स्नैचर्स से विशेष सावधान
कुछ ही लुटेरे हैं, जो सब कुछ अपना कर लेना चाहते हैं, चेन स्नैचिंग ही नहीं, ब्लैकमेलिंग/दलाली में भी यह हुनर दिखाते
महीनेदारी भी मंगाते, ऐसे लुटेरों को क्या नाम दें, जो चैनल भी चलाते/रुकवाते, तमाम अन्य गोरखधंधों में भी लिप्तता
सिर्फ लूट का ही नहीं, जैसे सबका ठेका लेकर बैठे श्री कृष्ण नगरी के चंद लुटेरे, शासन-प्रशासन की साख को भारी बट्टा
हर जगह लुटेरे गिरोह के लोग सैट, श्री कृष्ण नगरी से होकर लौटते भारी अपसैट, बड़े भाव से आने वाले लुटे श्रद्धालु
मध्य प्रदेश के परमार नामक श्रद्धालु ने बताया, उसका पर्स/मोबाइल चला गया चोरी, बेचारा घबराया और नज़र आया
बंसी वारे से बोला बंसीवारा, कुछ कर्म रहे होंगे उनके अच्छे, तभी उन्हें बोला जाता गोदी, नहीं तो पालतू नहीं बोला जाता
अन्य जगह किए गए पाप प्रायश्चित करने पर तीर्थ में आकर नष्ट होते हैं, महा तीर्थ के पाप भी भला कहीं नष्ट होते हैं?
जो धर्मपूर्वक अपना कर्म करते हुए साधारण नज़र आ रहे हैं बंसी वारे को उनके अगले जन्म असाधारण नज़र आ रहे हैं!
धर्म कभी अधर्म से नहीं चलता, न ही धर्म, अधर्म से पलता है, धर्म तो अधर्म से जलता है और उसे जलाकर छोड़ता है
क्या यह संभव? श्री कृष्ण नगरी के कंस समझ रहे खुद को कंस का बाप, सोच रहे कि "कंस मर गया, हम नहीं मरेंगे!"
यह फ्रॉड कंपनियां क्या-क्या कर रही हैं? असंभव को संभव बनाने की कोशिश कर रही हैं, चार दिन की इनकी ज़िंदगानी
गोदी मीडिया बदनाम, जनता तक सच्चाई न पहुंचने देने के लिए देश-दुनिया के ढेर सारे कुकर्मी एक साथ कर रहे काम
आईटी कंपनियों की आड़ में करते लोगों के अकाउंट और मोबाइल हैक, बेहिसाब फर्जी अकाउंट बनाकर करते खेल
ऐसी फ्रॉड आईटी कंपनियों पर कौन करे कार्यवाही, जब सत्ता पक्ष हो, उनसे अपने पक्ष में कार्य कराने में अव्वल?
कलयुग के रंग-ढंग निराले हैं, 'मुंह में राम, बगल में छुरी' इस युग की सच्ची कहानी है, लिबास सफेद और धंधे काले हैं
सत्य- बंसी वारे का सारथी बन, बंसीवारा लड़ रहा एक और महाभारत, देश-दुनिया देख रही- मथुरा की सच्ची कहानियां
सत्य- लुटेरे हैकर्स किसी का भी मोबाइल हैक कर लेते हैं, वह किसी से नहीं डरते हैं और रक्षक उनके साथ रहते हैं!
आज का बब्बर शेर - मेरे वजूद को अपने दामन से नकारने वालों, राख बनकर मिलना है जिसमें तुम्हें, मैं वह मिट्टी हूं!
लुटेरों को जब कोई और नहीं मिलता, वह अपनों को ही लूट लेते हैं और यहीं से उनकी उल्टी गिनती शुरू हो जाती है
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