एक वस्त्र धारण करके न तो भोजन करे न यज्ञ करे न दान करे . . .

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  • Jeevan Mantra

यज्ञं दानं जपो होमं

स्वाध्यायं पित्रतर्पणम्

नैकवस्त्रो द्विज: कुर्याद्

भोजनं तु सुरार्चनम्

व्याघ्रपादस्मृति

एक वस्त्र धारण करके न तो भोजन करे न यज्ञ करे न दान करे न अग्नि में आहुति दे न स्वाध्याय करे न पित्र तर्पण करे और न देवार्चन ही करे

 

न चापि रक्तवासा: स्याच्चित्रासितधरोपि वा

मार्कण्डेयपुराण

न रक्तमुल्बणं वासो न नीलं तत्प्रशस्यते

नरसिंहपुराण

न रक्तमुल्वणं वासो न नीलन्च प्रशस्यते

लघुहारीतस्मृति

अधिक लाल रंगबिरंगे नीले और काले रंग के वस्त्र धारण करना उत्तम नही है

 

पं बनवारी चतुर्वेदी

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