निर्बल का निवाला कोई छीन भले ले, हलख से नीचे नहीं उतार नही सकता है, गले की हड्डी बन जाता बंसी वारा।
भजन- कौन बटोरे कंकड़-पत्थर, हाथ में हो जब हीरा, हाथ में हो जब हीरा, कंचन सदा रहेगा कंचन और कठीर कठीरा।
सच के आगे झूठ का निकला, सच के आगे झूठ का निकला, हरदम यहां दिवाला, अपना हरि है हज़ार हाथ वाला।
मैं कहता डंके की चोट पर, ध्यान से सुनियो लाला, अपना हरि है हज़ार हाथ वाला, वो दीनदयाला हरी है हज़ार हाथ वाला।
कोई झुका नहीं सकता जग में, अपने हरि का झंडा, अपने हरि का झंडा, जो इसको छेड़ेगा, उसके सर पे पड़ेगा डंडा।
किसी के करने/कराने से कुछ नहीं होता, दिन में करो या कि रात में कराओ, बंसीवारे की मर्जी के बगैर पत्ता नहीं हिलता!
समर्पित गीत- सूरज ना बन पाए तो बनके दीपक जलता चल, फूल मिलें या अंगारे, सच की राहों पर चलता चल।
कोई भी राजनेता सोचे, क्या होगा उनका हाल, दर्शन करने मन्दिर आओ, पता चले- "इर्द-गिर्द लुटेरे, खड़े आपको घेरे?"
आज का संदेशप्रद भजन- जाएगा जब जहां से, कुछ भी न साथ होगा, दो गज कफन का टुकड़ा, तेरा लिबास होगा।
लेनदेन के चक्कर में सरकार के यहां आना-जाना क्या हुआ, खुद को सरकार समझने लगे, लुटेरे हो, लुटेरों की तरह रहो।
युवतियों और महिलाओं के माध्यम से ब्लैकमेलिंग कर बना लीं संपत्तियां, कितने लेकर जाएंगे साथ, बंसी वारा देखेगा!
पूर्ण सत्य- सच्चे हरि भक्त पर मारण मोहन कीलन उच्चाटन क्रियाएं की जाती हैं तो निश्चित तौर पर बैक फायर करती हैं!
जिसके रक्षक तुम त्रिपुरारी, चूक भले सकता है, हार नहीं सकता है, उसको कोई काल कभी भी मार नहीं सकता है।
ओ भोले जोगिया देखी जो शोखी तेरे प्यार की, आंचल में भर लीं हमने खुशियां सारे संसार की, नई अदा पर हम इतराएं!
बंसी वारे के भक्तों को लुटवाकर ज़माने को जिमाया तो क्या किया, पुण्य कोई मिलना नहीं, महा पाप अपने नाम किया!
अपने सच्चे भक्त के मन में नहीं रखता कोई मैल और मलाल बंसीवारा, हर हाल में रखता खुशहाल बंसीवारा।
हमने यह दुआ जब भी मांगी तक़दीर बदल दे ऐ मालिक, आवाज़ आई कि अब हमने, तक़दीर बदलना छोड़ दिया!
कर्म से बदलती क़िस्मत- कोई कर्म ऐसा करो कि तस्वीर बदल जाए, कोई कर्म ऐसा करो कि तक़दीर बदल जाए।
आदमी चाहे तो तक़दीर बदल सकता है, पूरी दुनिया की वह तक़दीर बदल सकता है, आदमी सोच तो ले, उसका इरादा क्या है?
यह बहुत पुरानी सच्ची कहानी- होता आया है, हो रहा है और हमेशा होता रहेगा, सच्चे का बोलबाला, झूठे का मुंह काला!
हमारे सबसे प्यारे बंसी वारे को समर्पित फिल्मी गीत- हमें आशिक़ी का मज़ा आ रहा है, गुलाबी-गुलाबी नशा छा रहा है।
जिनकी सुनता है, बिना कहे सुनता है, पूरी करता है, जिनकी नहीं सुनता, माइक लगा शोर मचाएं, कान पर जूं नहीं रेंगती!
आज का विचार- सत्य मार्ग पर चलने वाला दिखता अकेला मगर बंसीवारा और जन-जन का प्रेम-भाव सदा रहता साथ
अनैतिक कार्यों की विशालकाय टंकी गर चुचाने लग गई तो एक दिन गिरेगी भी जरूर, कृष्णा विहार की टंकी उदाहरण
बंसी वारे की कृपा न कहीं बंटती है, न कभी लुटती है, बंसी वारे की कृपा तो पात्रता परीक्षा के बाद घर बैठे मिलती है।
ऐसे ही नहीं किसी पर कृपा कर देता बंसीवारा, पेट का पानी तक हिलाकर देख लेता है, कड़ी से कड़ी लेता है परीक्षा, तब देता है दीक्षा!
सरस भोगा जा रहा सत्य- जिस पर ईश्वर की सच्ची कृपा होती है, अखिल ब्रह्मांड की सारी शक्तियां उसका साथ देती हैं।
जिसको समाज ने सर-ऑंखों पर बिठाया, उसने समाज को ही लुटवाया, शहरियों को भी नहीं छुड़वाया, समाज नाराज!
मथुरा के माफिया की किसने की और कराई ब्रांडिंग, कब से चल रही माफिया गिरी, सम्पत्ति की सरकार कराएगी जॉंच?
काल भी बाल बॉंका नहीं कर सकता- यमुना मैया जिसको देती "जीवन" उपहार, यमराज से भी नहीं सकता वह हार।
मथुरा माफिया किस-किस का लुटेरा और हत्यारा, रखता गोदी मीडिया, कुकृत्य न हों उजागर, खाता सोशल मीडिया?
प्रासंगिक सच्चा भजन- कर्म तेरे अगर अच्छे हैं तो क़िस्मत तेरी दासी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर ही मथुरा-काशी है।
कर न सको अगर पुण्य कोई, तो कम से कम, मत पाप करो,
किसी दिल को चोट पहुँच जाए, ऐसा मत क्रियाकलाप करो।
ईर्ष्या-द्वेष नहीं करता जो वो गृहस्थ संन्यासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर ही मथुरा-काशी है।
झूठ कभी मत कहो किसी से, हमेशा सच की राह चलो,
बेईमानी से तुम दूर रहो, हर दम होकर, बेपरवाह चलो।
ईश्वर अपनी संतानों से सत् गुणों का अभिलाषी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो तेरे घर ही मथुरा-काशी है।
लूट-खसोट करो मत हरगिज़, क्या तुम ले जाओगे?
गला काटकर इंसानों का आखिर क्या तुम पाओगे?
आज का गुनगुनाता सच्चा गीत- पुण्य की राह कठिन है, पाप बड़ा आसान, अपना धर्म निभाओ, है यह गीता का ज्ञान।
पुलिस की नहीं, यह हर सच्चे नागरिक की जिम्मेदारी, अपने सामने अगर लूट होने दोगे तो देखना 1 दिन आप भी लुटोगे!
औरों पर जो रखते/रखवाते नज़र, उन्हें हज़ार आंखों से देख रहा देखने वाला, है निष्पक्ष और निर्भीक निर्णय देने वाला!
ओ श्रद्धालुओं को लूटने/लुटवाने और काली कमाई खाने वालों, तुम भी तो कभी लुटकर देखो- "होती कैसी लूट?"
ठेकेदार सोचता- उसने ठेका लिया है, देश के लिए श्रद्धालुओं को लुटवा रहा है तो सबसे पहले खुद को लुटवाए।
श्रद्धालुओं को लुटवा अर्जित कीं अरबों की संपत्तियां, फिर भी बेचैन, ठेका देने और लेने वाले दोनों का ठेका प्रभु के पास!
तुझ में बंसीवारा, मुझ में बंसी वारा, सब में बंसी वारा, जग सारा बंसीवारा, जो था बड़ा मरवईया, बंसीवारे ने उसे मारा।
चाहवे की चाह, काहू की नहीं परवाह, सदा सूरत निमानी के, सेवक गुणीजन के, चाकर श्यामा प्यारी के, हरिश्चंद्र नगद दामाद हम अभिमानी के
हरि कौ खेल- "सच्चे हरिभक्त" को कोई विष भी देता है तो वह अमृत बन जाता है और विष देने वाले का जीवन विष बन जाता है।
तिहारो दरस मोहे भावे- श्री यमुना जी, तिहारो दरस, मोहे भावे, गोकुल के नित पास बहत हो, लहरन की छवि आवे।
यह नहीं किसी कवि की कपोल कल्पना, बिठूर जैसी सच्ची कहानी- "यमुना यम टारत है, भव टारत है श्री राधा रानी!"
सिख बुरा है न ईसाई बुरा है, हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है, समझो यह- आ गई बुराई जिसमें, बस वही इंसान बुरा है।
सरकार को दिखता रिवेन्यू, लूट के ठेके में रिवेन्यू, चालान में रिवेन्यू, खुफिया तंत्र देगा जानकारी- 'घट गई कितनी वैल्यू?'
लूट उजागर करने को लुटेरों की बुद्धि भ्रष्ट कर बंसी वारे ने लुटवाया भक्त का चेन, भिजवाया संदेश- नहीं लेने दूंगा चैन!
जिन्होंने असंख्य हाथों से हरि भक्तों को लूटा और लुटवाया, हरि उनको कितने हाथों से लुटवाएंगे, सोचो तो ज़रा भाया?
गुरु शिक्षा- किसी का बुरा न करें, सदैव अच्छों का संग करें, बुरे लोग आपकी ओर आएं तो उनसे कोसों दूर हो जाएं!
100% सच्ची कहानी- भगवान के घर देर तो लगती है मगर भगवान के घर से कभी अन्याय नहीं होता, न्याय करते प्रभु!
मैं प्रेम हूं, विश्वास हूं, मैं दुखियों की आवाज़ हूं, मैं श्रद्धा का सैलाब हूं, मैं कंसों का संहार करता हूं, मैं मथुरा हूं, मैं मथुरा हूं!
बंसी वारे से किसी ने यूं ही नहीं कहा- भूले हुओं को रस्ता दिखाना ही होगा, जलवा एक बार फिर से दिखाना ही होगा।
रावण का जब अंत आया तो उसने प्रभु श्री राम से और कंस का जब काल आया तो उसने भगवान श्री कृष्ण से पंगा लिया
मथुरा की गली-गली में आजकल यह चर्चा कि महाविद्यालय प्राचार्य 50 लाख में लाया डकैती का लाइसेंस, डालेगा नहीं?
प्रश्न- नए-नए ज्ञानियों को ज्ञानी भला कैसे समझाए, जिससे तुम आए, उस महाविद्यालय में हम ढाई दशक पूर्व पढ़ा आए
आपका अपना नेटवर्क, टीटीआई न्यूज़- जगन्नाथ रथयात्रा, अभी तो सिर्फ झांकी है, पूरी पिक्चर आनी अभी बाकी है!
जो चलवाते जुए के खुले अड्डे, कराते सट्टे की खाईबाड़ी, ब्लैकमेलिंग और श्रद्धालुओं से लूटमार, मथुरा के मठाधीश!
देहाती और मेवाती ही नहीं, शहर के कुछ सफेद पोश भी साइबर अपराधी, नेट और सिम एजेंसी वाले भी लिप्त?
मथुरा में कौन कर/करा रहा इजराइल के ऐप का इस्तेमाल, जन-जन को जानकारी, आज तक हुई किसी की गिरफ्तारी?
देश के धनी-मानी लोगों के मोबाइल मुंबई-दुबई से होते हैक, ब्लैकमेल कराता माफिया, पूछा सवाल, सभी अब तक मौन
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