उत्तर प्रदेश : मथुरा में मकानों के फटने के कारण लोगों का पलायन, स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहा नगर निगम प्रशासन

Subscribe






Share




  • States News

नगर आयुक्त, महापौर के निरीक्षण के बाद मकानों के फटने में 70 प्रतिशत की वृध्दि, स्थानीय निवासियों में भय व्याप्त। 

स्थिति की भयावहता से लगता है कि स्थानीय प्रशासन मुद्दे को गम्भीरता से नही समझ पा रहा है। हालात चिंताजनक, लोग कर रहे हैं पलायन।

क्षेत्र के हालात की भयावहता को देखते हुए उच्च स्तरीय भूगर्भ वैज्ञानिकों के निरीक्षण की आवश्यकता।

शहरी क्षेत्र में फट रहे मकानों की समस्या के स्थायी समाधान के लिए बनानी होगी ठोस तकनीकी योजना।

प्रशासन नही चेता तो बड़े हादसे की पूर्ण संभावना।

 

रामदास चतुर्वेदी

मथुरा 20 सितम्बर 2020

प्राचीन आध्यात्मिक और धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व को संजोए हुए बसा हुआ मथुरा पुरी का यमुना की घाटी में बसा प्राचीन शहर वर्तमान में लगातार मकानो के फटने की समस्या से जूझ रहा है। मथुरा-वृन्दावन नगर निगम के हृदय स्थल के लगभग 10 वार्डों में यह समस्या गत एक वर्ष से भयावह रूप ले रही है। वार्ड 57, 48, 68, 56, 59 सहित अन्य क्षेत्रों के निवासी प्रतिदिन दरकते मकानों से भय के साए में जी रहे हैं। नगर निगम की बोर्ड और कैबिनेट बैठक में यह विषय स्थानीय पार्षदों द्वारा बहुत ही गम्भीरता से उठाया जा चुका है। नगर आयुक्त, महापौर ने गत माह स्थलीय निरीक्षण भी किया है। उसके बाद भयावह स्थिति दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। लगभग 70 प्रतिशत मकानों में निरीक्षण के पश्चात फटने की स्थिति गम्भीर बन रही है।

आज की वर्तमान स्थिति में इस क्षेत्र के संरक्षण की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के चलते शहर का हृदय स्थल जो कि लगभग 45-50 मौहल्लों को समेटे हुए है, चतुर्वेदी नगर चौबिया पाड़े का अधिकांश क्षेत्र इस त्रासदी की चपेट में है। छोटी छोटी गलियो में बसे शहर के मकान इस कदर फट रहे है कि इसी हफ्ते वार्ड 57 के तुलसी चबूतरा, सतघड़ा, गताश्रम टीला सहित वार्ड 48 के रामजी द्वारा सहित 56, 69 के कई क्षेत्रों में मकानो के फटने का क्रम तेजी से बढ़ रहा है। भाजपा पार्षद दल के मुखसचेतक पूर्व कैबिनेट सदस्य रामदास चतुर्वेदी के बताया कि हृदयस्थल की समस्या का यह विषय हर आधिकारिक स्तर पर उठाया है। स्थानीय प्रशासन का निरीक्षण बहुत जोश और उत्साह के साथ करता है। लेकिन कोई भी कार्य धरातल पर नहीं आता। स्थिति यह है कि तुलसी चबूतरा के खिल्लू सिंह सरदार, ममता देवी, राजकुमार यादव, राजेन्द्र अग्रवाल, श्याम पहलवान, सतघड़ा गली में बंशीगुरू, बाबू लाल खण्डेलवाल, राधारमन कपड़े वाले, केशव भवन, गताश्रम टीला में नरेन्द्र सरदार, कुंजा सुंदर, पुलन सरदार, जुगल चतुर्वेदी आदि के मकानों के फटने की स्थिति खराब है।

वार्ड 56 की पार्षद मीरा अग्रवाल, 48 की पार्षद ऋचा चतुर्वेदी और वार्ड 59 की पार्षद नीलम गोयल के अनुसार 

जाकिर हुसैन कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के सिविल विभाग के सदस्यों की टीम द्वारा मथुरा शहर के विभिन्न स्थानों पर भवनों में आ रही दरार के कारणों के सम्बध में निरीक्षण  के पश्चात दी गयी रिपोर्ट एवं सुझावों पर आज तक कार्यवाही न करना अधिकारियों की पूर्णतः लापरवाही है, जिसका खामियाजा क्षेत्रीय जनता भुगत रही है। बृज पर्यावरण संरक्षण परिषद के अध्यक्ष कान्तानाथ चतुर्वेदी के अनुसार क्षेत्रों की भयावहता को देखते हुए भूगर्भ वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण की तत्काल आवश्यकता है। पार्षद रामदास चतुर्वेदी ने यह भी बताया कि मैने इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए जन सहयोग संगठन के पर्यावरणविद अजय अग्रवाल व भूगर्भ वैज्ञानिक नागेश व्यास से ईंदौर वार्ता की है जोकि क्षेत्र का निरीक्षण कर तकनीकी विषयों का अध्यन करेंगे।

किन्तु यह पूर्णतः स्पष्ट है क्षेत्र की भयावह स्थिति का संज्ञान समय रहते न लिया गया तो यह बहुत बड़ी आपदा को आमंत्रण है। साथ ही क्षेत्रीय जनता का धैर्य कभी की टूट सकता है।

TTI News

Your Own Network

CONTACT : +91 9412277500


अब ख़बरें पाएं
व्हाट्सएप पर

ऐप के लिए
क्लिक करें

ख़बरें पाएं
यूट्यूब पर