प्रमोशन/डिमोशन/ब्रोकिंग/ब्लैकमेलिंग के दौर में सच्ची पत्रकारिता बड़ा दुरुह कार्य हो गया है, ताने भी सुनने पड़ते
लुटेरों/सरकारों को काले कारनामों के उजागर होने का भय, अत: सच्चे पत्रकारों कंस से ज्यादा क्रूरता सहनी पड़ रही है
बड़े मुश्किल दौर में भी सच्चे पत्रकारों को बड़ी दौलत मिली है, वह है बंसीवारा, जो करता है, बयां नहीं किया जा सकता
जो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है, माता-पिता भी क्या ध्यान रखेंगे, इतना वह ख्याल रखता है, सच्ची कहानी!
वृंदावन काल्पनिक और बिहारी जी संगीत शिरोमणि स्वामी श्री हरिदास की साधना से प्रकट, श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा
धीरेंद्र शास्त्री ने दिल्ली से वृंदावन तक की पैदल यात्रा और वृंदावन के ठेकों की कही बात, मथुरा क्या वृंदावन से छोटा है?
अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण की जन्म स्थली मथुरा नहीं रही ध्यान, जानो असल वृंदावन कहां है?
वृंदावन के शराब ठेके बागेश्वर धाम महंत धीरेंद्र शास्त्री को पता चल गए, शबाब के ठेके के बारे में किसी ने नहीं बताया
आज का विचार- ख़ाकी और खादी वाले सारे कार्ज ख़ास, खुद रास्ता देते हैं, जब कंधे पर गमछा रख आता बंसीवारा
बंसीवारा सुना रहा गीत- कोशिश करके देख लें दरिया सारे, नदियां सारी, दिल की लगी नहीं बुझती, बुझती हर चिंगारी!
हाज़िर हो, आवाज़ की प्रतीक्षा करो, बंसीवारे की अर्जी लगा खुद देख लिया, बुलवाने की बजाय बंसीवारा खुद आ गया!
बंसीवारे से कहता बंसीवारा- जहां ले चलूंगा, वहीं तू चलेगा, कोशिश कर देख ले, मेरी मर्जी बगैर पत्ता तक नहीं हिलेगा!
शिष्य ने गुरु को दिखाई फोटो, गुरु बोले गहरी बात- "फोटो बनकर ही चिपक जाना है एक दिन सबको, यह ध्यान रहे!"
बंसीवारा जब धमाका करता है, आवाज़ नहीं होती क्योंकि बंसीवारा जब नज़र आता है तो दिल धक्क से बैठ जाता है
जिसने जीवन दिया, उसी के भक्तों को लुटवाया, डूब मरने के लिए चुल्लू भर पानी नहीं नसीब होने देगा बंसीवारा
लुटेरों तुमने अपनी करनी में कोई कसर छोड़ी होती तो तुम्हें छोड़ने के बारे में सोचता भी बंसीवारा, अंजाम खुद सोच लो
बंसीवारे को यहां अथवा जहां रुख़्सत कराने के लिए लुटेरों ने बड़े जाल बिछाए, अपने बुने जाल में अब खुद फंस रहे!
कोई बचा नहीं पाएगा क्योंकि लुटेरों के सारे ड्रामे बंसीवारा शुरू से खुद देख रहा है, मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ेगा!
बंसीवारे ने लुटेरों में बिताए दशकों बिताए, लुटेरों ने फिर भी नहीं, क्या-क्या खेल नहीं रचाए, वही जानते या बंसीवारा?
नए नवेले नेट वाले के अकाउंट्स जब हो गए फेल, प्रयोग में लाया लुगाई का फोन, लुगाई कौन दिलाकर लाया, भूल गया
जिसके असंख्य भक्त मंगला में हुए कंगला, बंसीवारा चैन से कैसे सो सकता है? न चेन लेता है और ना चैन लेने देता है!
उठ जाग मुसाफिर, भोर भई, अब रैन कहां? जो सोवत है, जो सोवत है, सो खोवत है, जो जागत है, सो पावत है, भजन
हरामखोर बंसीवारे को बंसीवारा नहीं करने देता हरामखोरी, गर्दन पे घोंटू रख लेता काम, लुटेरे करते लूट और सीनाजोरी
भगवान से क्या मांगना चाहिए? भगवान से सिर्फ अपने गुनाहों की माफ़ी मांगनी चाहिए, मिल गई तो सब मिल गया!
बंसीवारे को बंसीवारा इसलिए करता रहता माफ़, बंसीवारे द्वारा कुछ नहीं किया जाता, सब करता/कराता बंसी वारा!
बंसीवारे को नहीं लाया मनवाने रंगरेलियां, यूं ही नहीं दिखाए सारे घाट/गलियां, कामगार को 'काम' दिखाना था -बंसीवारा
तुम्हारी लाख कोशिशों के बावजूद जो तुमसे नहीं मर रहा है, वह तुमसे मरने नहीं, तुम्हें मारने को लाया गया है -बंसीवारा
बंसीवारा बंसीवारे से सुन रहा शेर- "वो और होंगे, जिन्हें मौत आ गई होगी, निग़ाह-ए-यार से पाई है ज़िंदगी मैंने!"
आज का प्रासंगिक शेर- "ये ज़ुनून-ए-इश्क़ है, रोता है क्या, आगे-आगे देखिए, होता है क्या?" (बंसीवारे संग बंसीवारा)
आज की प्रासंगिक पंक्तियां- "राहों पे नज़र रखना, होठों पे दुआ रखना, आ जाए कोई शायद, दरवाजा खुला रखना!"
लुटेरे आज कहने लगे- "अब क्या किया जाए बताओ ज़रा?" बंसीवारा दे रहा जवाब- "प्रायश्चित करो और क्या करोगे?"
लुटेरों की खड़खड़ाहट पर नज़र, लुटेरों की हड़बड़ाहट पर नज़र, लुटेरों की बड़बड़ाहट पर नज़र, बौखलाहट पर नज़र
मथुरा के माफिया कितने बड़े किलर, करा डाले कितने किल, नहीं जानते- सबसे बड़ा किलर आज सोच रहा क्या?
कोई न सोचे बंसीवारे को किलिंग नहीं आती मगर सोचता सब मेरे ही बच्चे, न समझें मुझे ऑनर किलिंग नहीं आती!
लुटेरों की लूट मैं और नहीं होने दूंगा, श्रद्धालुओं को मैं लुटने नहीं दूंगा, नहीं माने अगर जो, उन्हें जीने नहीं दूंगा -बंसीवारा
चेतावनी खुली- लुटेरों चाहो गर अपनी भली, छोड़ जाओ मेरे प्यारों का शहर/गली, सत्यानाश उड़ा दूंगा -बंसीवारा
मथुरा के बड़े-बड़े लुटेरे आज बड़े परेशान, कुछ होने नहीं दूंगा, जब तक जिंदा हूं मैं, चैन लेने नहीं दूंगा -बंसीवारा
लुटेरों ने करा डालीं कितनी मारण-मोहन, कीलन-उच्चाटन क्रियाएं, जब चाहेगा प्यारा, क्रिया-कर्म करा दूंगा -बंसीवारा
लुटेरों पर ही नहीं, उनके रोम-रोम पर बंसीवारे की नज़र, नादान नहीं समझ पा रहे, आगे आ रहे कितने दुष्परिणाम?
लुटेरों के धमाके बैठे, कुंडी खड़खड़ाकर दे रहे साथियों को संकेत, बंसीवारे को बंसीवारा घर बैठे दिखा रहा सारे नज़ारे
मथुरा के लुटेरों में से किसी के चले गए माई-बाप, किसी को छोड़ गए बच्चे, फिर भी बंसी वारे की लीला समझ न आए
बंसीवारे से नज़र मिलते ही लुटेरों के चेहरे काले पड़ जाते, इसीलिए लुटेरे उजाले में भी, कार में काली जाली लगाते!
आगरा में सवा महीने बाद खुला सुनहार के युवा पुत्र की खुदकुशी का राज़, प्रेम जाल में फंसा हो रही थी ब्लैकमेलिंग
तीन लोक से न्यारी श्री कृष्ण नगरी मथुरा के शहरी ही नहीं, ग्रामीण भी होने लगे ब्लैकमेलिंग के शिकार, आंखों में ख़ून!
मथुरा के मांट क्षेत्र की एक लेडीज, जो दो बच्चों की मां, नाबालिग को रही फंसा, मोटा माल चाह रही ऐंठना -पिता
मथुरा की सच्ची कहानी- दो बच्चों की मां से पहले प्रेम जाल बिछवाते, चुपके से वीडियो/फोटो बनाते, करते ब्लैकमेलिंग
लुटेरों ने देखे पाप की कमाई से अपनी सात पुश्तें तारने के सपने, जब टूटते नज़र आ रहे तो मुंह को आ रहा कलेजा!
अभी क्या है? अभी तो नजरें मिली हैं, इसे प्यार तो ना कहो, ज़िंदगीभर लुटेरों को अब सहना है, जब तक रहो, खूब सहो
आज सुहागन, सुहाग की भिक्षा तोसे लेके रहेगी, गोपाल तेरे बिना, दरस दिखलाए बिना, सुहाग मेरो कैसे बचैगौ?
सिंदूर माथे नाहीं रहैगौ, आनौ पड़ैगौ, तोहे आनौ पड़ैगौ, हे गोपाल, हे गोपाल, हे गोपाल, हे गोपाल, बृज भूमि का गीत
मथुरा में "नैन मिलत ही हंस दऊं, उर कू लऊं उघार और तोते काह कहूं, आ बैल मोहे मार?" वाली कहावत चरितार्थ
आज का महा विचार- दौड़ते घोड़े के पीछे दौड़ना बुद्धिमानी नहीं, महा बेवकूफ़ी होती है, देर-सवेर दुलत्तियां ही मिलती हैं
भोर के हल्के उजाले में भी काली जाली लगी कार में घूम रहे कौन? रक्षक जिनके सहयोगी, अड़ोसी-पड़ोसी जानते!
आज का बेहद प्रासंगिक पैरोडी गीत- न दिन को चेन है, ना रात को सुकून है, ऐसा मथुरा के लुटेरों पर लूट का ज़ुनून है
जो रचाए हैं मथुरा के लुटेरे माफिया गठजोड़ ने हाथ अपने मेहंदी से, वो मेहंदी नहीं है, सुहागिनों के सुहाग का ख़ून है
बड़ी ख़बर- लूट के ठेके बंद होंगे, भाजपा प्रवक्ता राजेश चौधरी के बयान से मथुरा के माफियाओं की नींद हराम
सुदर्शन चक्र धारी किसी का भी रक्षक हो सकता है मगर वह रक्षक तब होता है, जब पेट का पानी तक हिला लेता है
परीक्षा कड़ी से कड़ी लेता है, बड़ी से बड़ी लेता है, जान तक हथेली पर रखवा लेता है, तब बंसीवारा बंसीवारे का होता है
झोली-माला ले कहते लच्छो गुरु- हमें नहीं चिंता अपनी, उसे चिंता हमारी है, हमारी नाव का रक्षक सुदर्शन चक्र धारी है!
बंसी वारे को अपनी सुध कहां रहती है? बंसीवारा ही है, जो उसके सब कर्म अपने हाथ में रखता है, साथ नहीं छोड़ता है
श्री कृष्ण नगरी के सब लुटेरे चिन्हित, बंसी वारे को अपने साथ ले जाकर बंसी वारा दिखा लाया सारे अड्डे और गड्ढे
श्री कृष्ण नगरी मथुरा में आजकल क्या चल रहा है? यहां ख़बरों का दम और सच्चे पत्रकारों का गला घोंटा जा रहा है!
बृज धरा के लोक पावन की सकल आवाज़ को समझो, एक ठेके की आड़ में चल रहे कितने ठेके? इस राज़ को समझो!
श्री कृष्ण नगरी के कंस हैं, जो कर और करा रहे दिन-रात धमाके, बंसीवारा जब आएगा, धरे रह जाएंगे सब धमाके
सत्य- मथुरा में जुर्म की वो टीम बनती है, जो कहीं और नहीं बन सकती, लीडर हर वर्ग के दुर्जनों को टीम में देता स्थान!
श्री कृष्ण नगरी मथुरा में कुछ भी होता नहीं, सब कराया जाता है, यहां दिन-रात धमाके भी होते नहीं, कराए जाते हैं
आपका अपना नेटवर्क जिन बातों से सभी को बहुत पहले से आगाह करता आ रहा है, उनका खुलासा अब हो रहा है
पहले सोशल मीडिया के ईमेल पासवर्ड चोरी जाने की आई थी ख़बर, अब आया व्हाट्सएप डाटा चोरी होने का खुलासा
देखो आईटी एक्सपर्ट्स के भी आने शुरू हो गए परिणाम, 8 साल से हो रही व्हाट्सएप डाटा चोरी, आज क्यों खुलासा?
पहले तो ज़ालिम को ढील सदा देता है, फिर मज़लूम का बदला लेकर दम लेता है, बंसीवारे के खेल निराले, वही जाने
मथुरा के मठाधीश चलवाते जुए के अड्डे, यही काले तेल के कारोबार के संरक्षक, यही यहां के सबसे बड़े देह व्यापारी!
हर किसी को यह ध्यान रहे- जो कालचक्र आज आपके कर्म लिख रहा है, कल आपके कर्मों के फल भी लेकर आएगा!
किसी सुहागन का मंगलसूत्र टूटना कोई छोटी घटना नहीं होती, सुहागन के जीवन में इससे बड़ी कोई घटना नहीं होती
मंगलसूत्र ही नहीं कुंडल भी उसके सुहाग की निशानी होते हैं, पर्स और मोबाइल हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण होते हैं!
इसलिए ज्ञानी यह जान लें, नहीं हो तो यह ज्ञान लें कि धर्म स्थलों पर अधर्म कराने वाले कभी धर्म परायण नहीं होते
जैसे कहानी वाले राजा की जान पिंजरे में बंद तोते में होती है, वैसे ही लुटेरी जानें टीटीआई की सच्ची कहानियों में क़ैद
मथुरा की सच्ची कहानी- श्री कृष्ण और कंस वारों में जंग, बंसीवारा बंसीवारे के संग, अवश्य देखें किसकी होती जीत?
श्री कृष्ण नगरी के लुटेरों को हर राज में श्रद्धालु लुटवाने हैं, बंसीवारा भी हर हाल में अपने भक्तों को बचाने की ठाने है!
जिसे भी अपने आश्रय की दौलत दे देता है, उस के लिए ज़माने में किसी चीज़ की कमी नहीं रहने देता है बंसीवारा
आप देख रहे हैं आपका अपना नेटवर्क टीटीआई न्यूज़, अभी तो सिर्फ झांकी है, पूरी पिक्चर अभी बाक़ी है
33 करोड़ रुपए की लागात से बनी टंकी बतासे की तरह कैसे बैठ गई, धमाके न निकलें टंकी के गिरने का कारण?
गंभीर विषय- मथुरा के कृष्णा विहार टंकी हादसे की नए सिरे से हो जांच, कहीं इन धमाकों ने तो नहीं गिराई टंकी?
लोग सोच रहे कि मथुरा के कृष्णा विहार की विशालकाय पानी की टंकी गोलियों की तड़तड़ाहट से ही तो नहीं गिरी?
गोलियों की यह तड़तड़ाहट यूं ही नहीं होती है, लुटेरों की यह सांकेतिक भाषा है, आजकल हर कोई कॉल टेप जो होती है
सच्चाई लोगों तक न पहुंचे इसलिए चलवाई जातीं गोलियां, कराकर विद्युत कटौती रुकवाई जातीं सच्ची कहानियां!
अब तो बंसीवारा भी गया मान- मंगलसूत्र लुटेरों के लंबे हाथ, सरकार से करा डाला कंटेंट हटवाने का प्रावधान!
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