हमारी लापरवाही वह अनर्थ कर देती है, जो हम कभी सपने में भी नहीं सोच सकते!

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  • Health

1. आप हल्के से भी नाराज है, तब भी स्वयं को एकांत में रखें।

2. अपने परिवार और परिचितों को सूचित करें, उनसे छिपाएं नहीं।

3. कोशिश करें कि घर से बाहर हो तब मास्क हटाये ही नहीं।

4. हर एक को संक्रमित मानकर ही व्यवहार करें।

5. शादी, पार्टी में किसी को न बुलाएं, कोई बुलाने की गलती कर भी ले तो आप जाए नहीं।

6. थड़ी की चाय और होटल का खाना टालने की हर मुमकिन कोशिश करें।

स्थिति बहुत असाधारण, असामान्य है, इसकी तुलना में ये आग्रह बहुत ही सामान्य और साधारण है।

कुछ दिनों के लिए स्वयं को अनुशासित कर लीजिए, यही समय की मांग है। 

 

भगवान न करें आप और हम डॉक्टर्स और लैब्स के चक्कर काटें, खाली जेब और अस्थिर मनोदशा, मन में अजीब सी शंकाएं.....

प्लीज़ इनको एज्यूम करके चलिए। आपके अनुशासन को हो सकता है धृष्टता कहा जाए। लेकिन यह बेहद जरूरी है। अन्तोगत्वा आपके मिलने वाले आपके आभारी होंगे। 

प्रोटोकॉल फॉलो करें और खुश रहें, आपकी समझदारी आपके मिलने वालों के लिए सेफ्टी वॉल्व का काम करेगी।

 

हमारी लापरवाही वह अनर्थ कर देती है जो हम अपनों के लिए सपने में भी नहीं सोच सकते।

 

अभी अनुशासन और संयम हवा पानी से भी अधिक अनिवार्यता समेटे हुए है।

परिस्थितिनुरूप व्यवहार और ईश्वर का स्मरण, सुबह से शाम यही करें।

 

जय श्री हिंगलाज माँ 

राखें लाज माँ हिंगलाज 

 

निवेदक - प्रमिला खत्री

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