आज 2 दिसंबर 2020 के जीवन मंत्र पंचांग सहित

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~ आज का हिन्दू पंचांग ~ ????

⛅ दिनांक 02 दिसम्बर 2020

⛅ दिन - बुधवार

⛅ विक्रम संवत - 2077

⛅ शक संवत - 1942

⛅ अयन - दक्षिणायन

⛅ ऋतु - हेमंत

⛅ मास - मार्गशीर्ष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - कार्तिक)

⛅ पक्ष - कृष्ण 

⛅ तिथि - द्वितीया शाम 06:22 तक तत्पश्चात तृतीया

⛅ नक्षत्र - मॄगशिरा सुबह 10:38 तक तत्पश्चात आर्द्रा

⛅ योग - साध्य सुबह 11:15 तक तत्पश्चात शुभ

⛅ राहुकाल - दोपहर 12:28 से दोपहर 01:50 तक

⛅ सूर्योदय - 07:01 

⛅ सूर्यास्त - 17:54 

⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में

⛅ व्रत पर्व विवरण - 

 ???? विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

               ???? ~ हिन्दू पंचांग ~ ????

 

???? मार्गशीर्ष मास में शिव दर्शन ????

???????? शिवपुराण के अनुसार

यत्पुनः स्तंभरूपेण स्वाविरासमहं पुरा  ॥ १,९.१५

स कालो मार्गशीर्षे तु स्यादार्द्रा ऋक्षमर्भकौ  ॥ १,९.१५

आर्द्रायां मार्गशीर्षे तु यः पश्येन्मामुमासखम्  ॥ १,९.१६

मद्बेरमपि वा लिंगं स गुहादपि मे प्रियः  ॥ १,९.१६

अलं दर्शनमात्रेण फलं तस्मिन्दिने शुभे  ॥ १,९.१७

अभ्यर्चनं चेदधिकं फलं वाचामगोचरम्  ॥ १,९.१७

???????? भगवान शिव जब ज्योतिर्मय स्तम्भरूप से प्रकट हुए थे उस समय मार्गशीर्ष मास में आद्रा नक्षत्र था। जो मनुष्य मार्गशीर्ष मास में आद्रा नक्षत्र (02 दिसम्बर, बुधवार को सुबह 10:39 से 03 दिसम्बर, गुरुवार को दोपहर 12:22 तक) होने पर पार्वती सहित भगवान शिव के दर्शन करता है अथवा उनकी मूर्ती या लिङ्ग की झांकी करता है वह भगवान शिव के लिए कार्तिकेय से भी अधिक प्रिय है। अगर पूजन भी कर लिया जाए तो इतना अधिक फल मिलता है की उसका वाणी द्वारा वर्णन नहीं हो सकता।

           ???? ~ हिन्दू पंचांग ~ ????

 

???? विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए ????

???? 03 दिसम्बर 2020 गुरुवार को संकष्ट चतुर्थी है । (चन्द्रोदय रात्रि 08:25)

???????? शिव पुराण में आता हैं कि  हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :

???? ॐ गं गणपते नमः ।

???? ॐ सोमाय नमः ।

???????? - Shri Sureshanandji Delhi Rohini 12 Sep, 2011

           ???? ~ हिन्दू पंचांग ~ ????

 

‪???? चतुर्थी‬ तिथि विशेष ????

???????? चतुर्थी तिथि के स्वामी ‪भगवान गणेश‬जी हैं।

???? हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं। 

???????? पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।

???????? शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥

➡ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।

           ???? ~ हिन्दू पंचांग ~ ????

 

???? कोई कष्ट हो तो ????

???????? हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |

???????? छः मंत्र इस प्रकार हैं –

???? ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।

???? ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।

???? ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।

???? ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और  जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।

???? ॐ अविघ्नाय नम:

???? ॐ विघ्नकरत्र्येय नम: 

???????? - Shri Sureshanandji Dewas 16th April' 2013

 

???? हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर

???? हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)

           ???? ~ हिन्दू पंचांग ~ ????

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