जन्मभूमि के मालिकाना हक का मामला : कोर्ट ने खारिज की 'श्रीकृष्ण विराजमान' की याचिका

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रॉकी गुप्ता/ऋषभ कौशिक

टीटीआई न्यूज़

मथुरा 1 अक्टूबर 2020

भगवान श्रीकृष्ण विराजमान' की याचिका पर बुधवार को मथुरा की अदालत में सुनवाई हुई। दोपहर बाद शुरू हुई सुनवाई में दोनों पक्षों के वकीलों ने बहस की। अदालत ने दोपहर में बहस सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए शाम का समय तय किया। शाम करीब साढ़े पांच बजे के बाद अदालत ने याचिका को खारिज करने का निर्णय दिया। 

बता दें कि 13.37 एकड़ जमीन पर 1973 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद के बीच हुए समझौते और उसके बाद की गई न्यायिक निर्णय (डिक्री) को रद्द करने संबंधी याचिका डाली गई थी। कोर्ट में सुनवाई के लिए दोनों पक्षों ने बहस की। 

बता दें कि 25 सितंबर को 'भगवान श्रीकृष्ण विराजमान' ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि कटरा केशवदेव पर हक के लिए अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री, प्रवेश कुमार, राजेश मनि त्रिपाठी, करुणेश कुमार शुक्ला, शिवाजी सिंह और त्रिपुरारी तिवारी के माध्यम से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में याचिका दाखिल की थी।

उन्होंने अधिवक्ता हरीशंकर जैन, विष्णु शंकर और पंकज शर्मा के माध्यम से अदालत से 13.73 एकड़ जमीन पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद के बीच 1973 से पूर्व के समझौते और 1973 में हुई डिक्री रद्द करने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता करुणेश शुक्ला ने कहा कि याचिका को दाखिल करने के लिए न्यायालय को पर्याप्त कारण नहीं मिले हैं जिसके चलते उन्होंने वाद याचिका को खारिज कर दिया है, अब हम लोग उच्च न्यायालय वाद याचिका दाखिल करेंगे, हमारे पास पूरे साक्ष्य थे परंतु न्यायालय का कहना है कि हमारे पास पर्याप्त कारण नहीं है इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।

वही एडीजीसी भगत सिंह आर्य ने बताया कि जो साक्ष्य कोर्ट के सामने रखे और बहस करने के बाद जो दलीलें कोर्ट को दी गई थी उसे सुनने के बाद कोर्ट ने वाद याचिका को खारिज कर दिया, अब हम उच्च न्यायालय में वाद याचिका दाखिल करेंगे।

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