सत्य वचन- परमपिता परमेश्वर ने रचा कर्म फल प्रधान संसार, अच्छे और बुरे कर्म ही हमारे सुख-दु:ख के आधार!
ज़ख्म-ए-दिल, ज़ख्म-ए-ज़िगर, ज़ख्म-ए-बदन, मिलते हैं, कोई आसॉं नहीं है, सीने में सच्चाई को पाले-पोसे रहना!
आज का प्रासंगिक शेर- शिकायतें दर्द की नामर्द किया करते हैं, मर्द दर्द खाया करते हैं, दर्द पिया करते हैं!
आज का प्रासंगिक बब्बर शेर- शिकायतें दर्द की, नामर्दी की निशानी हैं, मर्द तो दर्द को खरीद लिया करते हैं!
गीत में शेर- दर्द ज़माने में कम नहीं मिलते, सबको मुहब्बत के ग़म नहीं मिलते, टूटने वाले दिल, होते हैं कुछ ख़ास!
भारत की है कहानी सदियों से भी पुरानी, है ज्ञान की ये गंगा ऋषियों की अमर वाणी, ये विश्व भारती है वेदों की आरती है
सच्ची कहानी- द्वापर के महाभारत में पांडवों के सब अपने थे, कलयुग में श्री कृष्ण नगरी मथुरा की भी वही कहानी!
मंदिर में किसी श्रद्धालु को अगर कोई महिला दे बैड टच, छाती से मारे टक्कर, बचाना चेन, स्नैचर्स होंगे इर्द-गिर्द!
देश-दुनिया से श्री कृष्ण नगरी आने वाले श्रद्धालुओं को लुटवाने वाले वही हैं, चुनाव में वोटर्स को ढोने वाले भी वही हैं!
कंसज- लुटेरों के ठेकेदार बताते खुद को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज, निकलते ऐसे, निकलता होगा जैसे कंस सज!
तीन लोक से न्यारी श्री कृष्ण नगरी मथुरा के सब गद्दारों को बंसीवारा ऐसा सबक सिखाएगा, बंसीवारे को भूल न पाएंगे!
बंसी वारे को ऐसे रखता बंसीवारा, ऐसी बंसी वारे की ड्यूटी, कप्तान संग जैसे पीआरओ, मिलता प्यार, 24 घंटे की ड्यूटी
मानाकि हम लुटेरों में रहे मगर लूट का हिस्सा नहीं रहे, बंसी वारे की कृपा क्या कम है? "आग में रखा, जलने नहीं दिया!"
असत्य की नहीं, सत्य की लड़ाई, अधर्म की नहीं, धर्म की लड़ाई, और धर्म की लड़ाई खुद भगवान लड़ते लुटेरे भाई!
बंसी वारे की पीर यह गीत- लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है, वही आग सीने में, फिर जल पड़ी है! (छोड़ूंगा नहीं!)
कुछ ऐसे ही दिन थे वो, जब बंसीवारा लुटा था! सड़क पर इंसानों के सामने नहीं, मंदिर में भगवान के समक्ष लुटा था!
प्रत्यक्षदर्शी, जिसने कहा- हां यही स्नैचर! अगले दिन बोला- छोड़ो, अब रहने दो, भाई साहब! बंसी वारे ने छोड़ दिया!
लेकिन अब बंसीवारा, बंसी वारे को छोड़ता नहीं है, न प्यार जता दुश्मन से, युद्ध कर! यही तो कहा था कृष्ण ने अर्जुन से
पाप की कमाई से लाई गई लग्जरियस गाड़ी में स्नैचर्स को ढोने वालों, होकर रहेगा एक दिन भंडाफोड़- बंसीवारा!
आज का बब्बर शेर- घर से निकले तो हो, सोचा भी है, किधर जाओगे? हर तरफ़ तेज़ हवाएं हैं, बिखर जाओगे!
सच्चा भजन- जल-थल-अग्नि-आकाश-पवन पर केवल उसकी सत्ता, बिना प्रभु की इच्छा के, हिल न सके इक पत्ता!
मुझको देखोगे जहां तक, मुझको पाओगे वहां तक, रास्तों से कारवां तक, इस ज़मीं से आसमां तक, मैं ही मैं हूं- बंसीवारा
पैसे से ज़मीनों और ज़मीन वालों को ही खरीदा जा सकता है, आसमान और आसमान वाले को नहीं खरीदा जा सकता
प्रश्नोत्तर- क्यों नहीं खरीदा जा सकता? क्योंकि उसके यहां पैसा चलता ही नहीं है, चलने की छोड़ो पहुंचता ही नहीं है!
फिर क्या चलता है? यह भी कोई पूछने की बात है, साथ सिर्फ कर्मों की गठरी चलती है, और कुछ नहीं चलता है!
वरना दुनिया में क्या नहीं मिलता, हां मगर आसरा नहीं मिलता, प्यार वो शय है कि दुनिया में हर किसी को सदा नहीं मिलता!
कोई लुटेरा अपने चाहे जिस सगे-संबंधी, मां-बाप को लेकर भगवान के दरबार में जाए, उसे कभी आसरा नहीं मिलता!
बंसीवारा बंसी वारे की हर खोज पूरी करा देता है, रामवृक्ष से नहीं बड़ी, ठेकेदारों की पूरी फौज, नज़र करा देता है!
बंसीवारा बंसीवारे को हर नज़ारा नज़र करा देता है, चाहे जितने हों संख्या में कौरव, पांच पांडवों से हरवा देता है!
आज गोदी मीडिया के किसी जन ने नहीं उपलब्ध कराई गाड़ी, लुटेरा सरदार रात में निकला, लेकर लग्जरियस गाड़ी!
मथुरा-वृंदावन नगर निगम मेयर की आंखों का मर गया पानी, जनार्दन जनता से कह रहे- "तुम मेरा क्या कर लोगे?"
ऐसी पानीदार थी कि पानी में लगा दे आग, देश की उमंग पानी-पानी कैसे हो गई? -प्रसिद्ध कवि डॉ रमाशंकर पांडेय
बंसी वारे का पसंदीदा संदेश वाहक गीत- मैं बसाना चाहता हूं, स्वर्ग धरती पर, आदमी जिस में रहे बस आदमी बनकर!
हूं बहुत नादान, करता हूं यह नादानी, बेचकर खुशियां, खरीदूं आंख का पानी, बस यही अपराध, मैं हर बार करता हूं
सभी लट्टू-ट्यूबलाइट, एसी-फ्रिज आदि उपकरणों के समान, सब में प्रवाहित बिजली बंसीवारा, सच्चे संत भी कहते यही!
अविश्वास मत करना, लिखा जा रहा जो, खुद लिखवा रहा बंसीवारा, चाहो तो अपनी अंतरात्मा से पूछ कर देख लेना
कोई पापी यह न सोचे कि बंसीवारा आंखें मूंदे बैठा है, एक नज़र अखिल ब्रह्मांड पर, दूसरी नज़र मथुरा पर रखे बैठा है
13 जुलाई से 6 माह के लिए वक्री हुए शनि, अच्छे कर्मों का तीन गुना अच्छा और बुरे कर्मों का दे रहे तीन गुना बुरा फल!
बंसी वारे के खेल निराले, बंसीवारा ही जाने, पहले तो कंसों को ढील सदा देता है, फिर मिट्टी में मिलाकर ही दम लेता है!
जब तक रहते पिछले पुण्य कर्म, फलती-फूलती पाप की फ़सल, जिस दिन क़िस्मत रूठी, उस दिन मटकिया फूटी!
किसी और को हो न हो, बंसीवारों को पूरा भरोसा, बंसीवारा जरूर आएगा, पापियों को लाइन में खड़ा करके निपटाएगा!
सच्ची कहानी- देश-दुनिया में किए गए पाप श्री कृष्ण नगरी में धुलते हैं, मथुरा में किए गए पाप, मिटाने से नहीं मिटते हैं!
रो-रो कर कहता है श्री गिरिराज पर्वत और यमुना मैया का पानी, पावन धाम पाकर भी पापियों ने कदर न इसकी जानी
आज का पैरोडी गीत - देखो ओ अक्ल बंदों, तुम यह काम न करो, भगवान के लिए भगवान की नगरी बदनाम न करो!
श्री कृष्ण नगरी की वह मछली कौन, जो पूरे तालाब को कर रही गंदा, पक्ष-विपक्ष, प्रेस को मिलाकर लूट का धंधा (ठेका)
खुजली वाले जल की आपूर्ति को लेकर गई जनता से बोले मथुरा-वृंदावन नगर निगम मेयर- "तुम मेरा क्या कर लोगे?"
जनता के साथ गए थे सत्तारूढ़ पार्टी के क्षेत्रीय पदाधिकारी, रह गए हक्के-बक्के, बोले- "पार्टी को लगा रहे पलीता मेयर!"
श्रद्धालुओं के चेन-कुंडल-पर्स-मोबाइल खिंचवाने के लिए बाहर से बुलाए जाते स्पेशलिस्ट महिला-पुरुष, बच्चे-बुजुर्ग
"पत्रकार" और "प्रेस" लिखे वाहनों से पिक एंड ड्रॉप की फैसिलिटी, श्रद्धालु जन भीड़ में जाने से हर हाल में बचें
आज का पैरोडी शेर - कोई आह भी भरता है तो हो जाता है ब्लैकमेल, लुटेरे क़त्ल भी करते/कराते हैं तो चर्चा नहीं होता!
अंदर की बात, बहुत बड़ा नेक्सस, कोई सपने में भी न सोच सके, श्री कृष्ण नगरी के लुटेरों का इतना बड़ा साम्राज्य!
भजन - राम के भक्त, रहीम के बंदे, रचते आज फरेब के धंधे, कितने ये मक्कार, ये अंधे, देख लिए इनके सब धंधे!
01 अगस्त 2022 को बंसी वारे ने करा डाली ऐसी घटना, जिससे खुली पोल, गिरोह का हर सदस्य/साझीदार बेचैन!
आज का पैरोडी बब्बर शेर - पाप के समंदर में नहाने के बाद जिसकी भी छवि स्वच्छ है, वही तो सबसे बड़ा मगरमच्छ है
श्री कृष्ण नगरी के चोट्टा दल के कुछ सदस्य लगते शरीफ, जैसे दबाव में करते हों कार्य, हो सकता है बख़्श दे बंसीवारा
सोचा न था, साथ रहे जो, लुटेरे होंगे- एक चेन के हो कितने फसाने गए, चेन तो गई मगर कितने लोग पहचाने गए?
चेन स्नैचर्स गिरोह संचालकों की बुद्धि भ्रष्ट कर बंसीवारा चेन न तुड़वाता तो कितनों के चेहरों पर पड़ा पर्दा न उठता!
आज का विचार- स्वार्थी लोग दूसरे के सुख से दु:खी रहते हैं और परमार्थी जन दूसरों के दु:खों से दु:खी होते हैं!
जिन्होंने बंसी वारों को नहीं छोड़ा, बंसीवारा उन्हें कैसे छोड़ देगा, आपके बच्चों को कोई नहीं छोड़े, आप उसे छोड़ दोगे?
अगर असली चेहरा सामने ला दूंगा तो मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे पीएम मोदी- सुब्रमण्यम स्वामी
बंसी वारे से अब तक जो-जो करा चुका बंसीवारा, सोच-सोच चोट्टा दल बेचैन, आगे न जाने क्या-क्या कराए बंसी वारा?
बंसी वारे तू इक बात बता, इतनी गहरी बातें तुझ पर आती कहां से हैं? बंसीवारा खुद बताता, और कहां से आती हैं?
प्रभु अपनी भाषा शैली में भक्त को सब कुछ बता देते हैं, भाषा शैली उसी को समझ आती, जिसे समझाना चाहते!
कोई भी विषय उसे ही समझ आता, जिसे पढ़ाया गया होता, पढ़ने वाला कुछ नहीं, सब पढ़ाने वाले पर निर्भर!
आपराधिक प्रवृत्ति वाले सफ़ेदपोशों के मकड़जाल में मथुरा, श्री कृष्ण नगरी में कब तक जारी रहेगा कंसों का साम्राज्य?
मथुरा का एक महाविद्यालय किस-किस का अड्डा, चल रही क्या-क्या गतिविधियां, देखें कौन करता इसका खुलासा?
महा विचार - लुटेरे के लिए जो महत्व सोने की चैन का होता है, भक्त के लिए वही महत्व चैन से सोने का होता है
आज जबकि मंदिर में खड़ा बाप अपने बेटे से, कुमार्गी कंधे पर लिए बच्चे से चैन तुड़वा रहा, गुरु ज्ञान बेहद जरूरी!
सच्चा गुरु कोई भी हो, कहता सदैव यही, कर्म अच्छे करो, अच्छा करने से होता बहुत अच्छा, बुरा करने से बहुत बुरा!
Today's Thought - Everything is in hands of God, Nothing is in our hands.
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