उत्तर प्रदेश, मथुरा : रावण के पुतला दहन का किया विरोध, वर्षों से चली आ रही परंपरा का किया निर्वाहन

Subscribe






Share




  • States News

रजत शर्मा

मथुरा 26 अक्टूबर 2020

श्री कृष्ण की नगरी में की गई दशानन रावण की पूजा।

यमुना किनारे शिव मंदिर मे की जाती लंकेश रावण की विधि विधान से पूजा अर्चना।

रावण के पुतला दहन का किया विरोध, वर्षों से चली आ रही परंपरा का किया निर्वाहन।

दशहरे के अवसर पर देश भर में बुराई का प्रतीक माने जाने वाले रावण का पुतला जलाया जाता है, लेकिन आज के दिन भगवान कृष्ण की नगरी में एक वर्ग ऐसा भी है जो रावण का पुतला जलाने का विरोध करता है और रावण की पूजा अर्चना करता है। 

ब्राह्मण समाज के सारस्वत गोत्र के लोगों ने रावण के प्रति अपनी आस्था दर्शाने के लिए लंकेश भक्त मंडल का गठन कर रखा है । जो पिछले दो दशक से रावण के पुतले दहन करने का विरोध करता आ रहा है। 

लंकेश भक्त मंडल के संयोजक ओमवीर सारस्वत ने बताया कि संगठन के लोगों ने हर वर्ष की भांति आज भी दशहरे के मौके पर यमुना किनारे स्थित शिव मंदिर में रावण की पूजा अर्चना  की है।ओर रावण के पुतला दहन का विरोध किया है।

उन्होंने कहा कि महाराज रावण भगवान महादेव के परम भक्त थे और बहुत ही विद्वान थे, इसीलिए वे लोग उनका नमन करते हैं। प्रकांड विद्वान होने के नाते किसी को भी उनका पुतला दहन नहीं करना चाहिए, इसीलिए वे उनके पुतले जलाए जाने का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करना किसी भी विद्वान के अनादर के समान है और एक ब्राह्मण के मामले में तो यह ‘‘ब्रह्महत्या'' सरीखी है। उन्होंने कहा कि वैसे भी हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार मृत व्यक्ति का पुतला दहन करना अपमान करने समान है जिसकी कानून भी इजाजत नहीं देता।

ओमवीर सारस्वत ने कहा कि हमारे संविधान में भी किसी की भी धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाना दंडनीय अपराध है, समाज का एक वर्ग दशानन के पुतले दहन कर दूसरे वर्ग की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाता है और इसे रोका जाना चाहिए।

TTI News

Your Own Network

CONTACT : +91 9412277500


अब ख़बरें पाएं
व्हाट्सएप पर

ऐप के लिए
क्लिक करें

ख़बरें पाएं
यूट्यूब पर