बंसीवारे को नहीं अपनी कोई फ़िक्र, करने देता बंसीवारा तो ज़रूर करता, करने वाला करता फ़िक्र, उसका अपना ठेका!
भजन- कोई लाख करे चतुराई करम का लेख मिटे न रे भाई, चाहे हो राजा, चाहे भिखारी, ठोकर सभी ने यहां खाई रे
वक्त हर चीज़ बदलता है, समय की कद्र करें, सही इस्तेमाल करें, ताकि हम जीवन में आगे बढ़ सकें और संतुष्टि पा सकें
पंक्तियां- जो कल थे, आज नहीं हैं, जो आज हैं, कल नहीं होंगे, होने और न होने का क्रम यूं ही चलता रहेगा,
हम थे, हम हैं, हम रहेंगे, यह भ्रम भी यूं ही पलता रहेगा, भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की रचना
वक्त का गीत- वक्त के दिन और रात, वक्त के कल और आज, वक्त की हर शय ग़ुलाम, वक्त का हर शय पे राज़,
वक्त की पाबंद हैं आती-जाती रौनकें, वक्त की ठोकर में है, क्या हुक़ूमत, क्या समाज?
आदमी को चाहिए वक्त से डरकर रहे, कौन जाने, किस घड़ी वक्त का बदले मिज़ाज?
हर डगर ज़िंदगी की सुहानी रहे, हर नज़र में छुपी इक कहानी रहे, पेट में रोटियां पड़ें न पड़ें, बस ग़रीबों की ज़िंदा जवानी रहे
हरि कौ सब ऐसौ ही खेल- "आगे-आगे हरि चलैं, पीछे हरि के दास, पीतांबरी कछनी ओढ़े हुए, धनुष-बाण लिए हाथ!"
बंसीवारे का भरोसा बंसी वारा, अटूट विश्वास बंसीवारा कहता- जिसका हाथ पकड़ता हूं, कभी छोड़ता नहीं हूं!
मथुरा के कुंवर नरेंद्र सिंह निकले वह नेता, जिन्होंने पापियों से साफ़ कह दिया था कि तुमने गौ हत्या की है, पाप लगेगा
बंसी वारे ने नहीं कही आज तक कभी अपने मन की बात, हृदय पटल पर आकर कहता बंसीवारा, कही सिर्फ वही बात
सत्य- जो गोरा है, गोरा ही रहेगा, किसी के कालिख पोतने से काला नहीं होगा, काला क्रीम लगाने से गोरा नहीं होगा
शिक्षा- सिढ़ी बनो और सिढ़ी बनकर हलवा भले खाओ मगर इतने सिढ़ी मत बनो कि कोई तुम्हें हलुआ बनाकर खा जाए
सबसे बड़ा खुलासा- मोटे-मोटे मगरमच्छ, छोटी-छोटी मछलियों को अपने जाल में फंसाकर कराते गंभीर अपराध
हैकिंग/ग़लत तथ्यों और साक्ष्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर कुछ भी वायरल कराना सफ़ेदपोश लुटेरों का पुराना पेशा
"कहीं से आए, कैसा आए मगर पैसा आए" प्रवृत्ति वाले लोग बने हुए आपराधिक नेताओं की कठपुतली, कर रहे नंग नाच
कोई यह न सोचे कि उसके विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो सकती, उसके संरक्षक भी पार्टी बनकर कटघरे में खड़े नज़र आएंगे!
क़ानूनी पचड़ों और संरक्षण के चलते लोग रिपोर्ट न कराएं तो स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही करना राज्य की जिम्मेदारी
भारत में हैकिंग दंडनीय साइबर अपराध, सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम 2000 की धारा 66 के तहत परिभाषित-
कंप्यूटर, सिस्टम, नेटवर्क तक अनधिकृत पहुंच, जानकारी चुराना, बदलना, मिटाना या नुकसान पहुंचाना साइबर क्राइम
IT Act की धारा 66, धारा 43, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 379 (चोरी) लागू होती है
सज़ा (Punishment) IT Act 66 के तहत 3 साल तक की कैद, ₹5 लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं
पहचान की चोरी (धारा 66C) या धोखाधड़ी (धारा 66D) होने पर अन्य धाराएँ और IPC के तहत अतिरिक्त सजा
दोहरा अपराध- दोबारा अपराध करने पर 10 साल तक की कैद हो सकती है, जुर्माने के साथ (जुर्माना₹10 लाख तक)
संबंधित अपराध- डेटा चोरी/नुकसान: कंप्यूटर कोड छिपाना, नष्ट करना, बदलना (3 साल कैद/₹2 लाख जुर्माना)
निजता का उल्लंघन- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (निजता का अधिकार) का उल्लंघन भी माना जाता है
श्री कृष्ण नगरी मथुरा में पुलिस-प्रशासन की सख्ती के बावजूद अवांछनीय गतिविधियां जारी, हैकर्स भी सक्रिय
श्री कृष्ण नगरी मथुरा के साधारण नागरिक सीधे-साधे और भोले-भाले मगर परम् ज्ञानी, श्वेत और श्याम का भेद जानते
चोरी-छिनरई, लूट-पाट, डकैती-बलात्कार कराकर अर्जित की संपत्ति, उसके दम पर समझ रहे लुटेरे खुद को बादशाह
बंसी वारे से बोला बंसीवारा- कोई अपने आप को बादशाह न समझे, दुनिया की सराय में सबका ठेका चार दिन का है
पैदल-घोड़ों-वज़ीरों को भले नज़र-अंदाज कर दे, जो समझते खुद को बादशाह, उनकी बादशाहत नहीं रहने देता बंसीवारा
सत्य- बादशाहों की बादशाहत सारी धरी रह जाती है, जब अपनी पर आता बंसीवारा, टांग पर टांग रखकर चीर देता है
अभी मान नहीं रहे लुटेरों के मास्टर, प्रोफ़ेसर और प्रिंसिपल, पैदल/घोड़े और वज़ीर चलाकर समझ रहे खुद को बादशाह
मथुरा के माफिया ठेकेदारों पर शासन-प्रशासन की अब पैनी नज़र, योगी शासन का श्री कृष्ण नगरी में दिखने लगा असर
राजीव कृष्ण के उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक बनने के बाद से मथुरा में लुटेरों पर कसा जा रहा शिकंजा, बेचैन
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