फेक सब्सक्रिप्शन/फॉलोइंग/कमेंटिंग मानो काठ की हड़िया समान, एक-दो बार चढ़ जाती है, बार-बार नहीं चढ़ पाती है
बेतहाशा महंगाई के इस दौर में भी जिसकी माली हालत हुई होगी अच्छी, जरूर वह इंसान गिरा होगा, सब खुल जाएगा
बंसीवारा सारे काम कोई एक अकेले बंसी वारे से थोड़ई न कराएगा, और मीडिया को भी उसके काम पर लगाएगा
देखना जब मीडिया अपने असली रोल में आएगा तो वह दिखाएगा, आईटी वालों के खड़े हुए गाड़ी-घोड़े और बंगले
फर्जी आईटी कंपनियों ने जिन चैनल्स का लिया ठेका, नहीं दे पा रहीं परिणाम, अब वह चैनल्स ही करेंगे इनका खुलासा
गोदी मीडिया बदनाम, सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स ने बदले परिणाम, जिन्होंने बदले नतीजे, उन्हें भुगतने होंगे परिणाम
कोई आईटी एक्सपर्ट अथवा फ्रॉड कंपनी यह न सोचे कि वह संरक्षित, जब बंसीवारा दंड देगा, कोई बचा नहीं पाएगा!
भारत का स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया आज संरक्षित आईटी एक्सपर्ट्स और फर्जी आईटी कंपनियों से भारी त्रस्त
देश में आजकल चल रही ऑनलाइन गुंडागर्दी, फ्रॉड आईटी कंपनियों की गुंडागर्दी, जल्द लगेगा इस गुंडागर्दी पर विराम
यह फ्रॉड आईटी कंपनियां किसी का भी ईमेल और पासवर्ड हासिल कर बहुत कुछ कर डालती हैं, अब और नहीं चलेगा
अतिचारी गुरु जल्द सिखाएंगे सबक, परिणाम बदलने के क्या होते फल, देखना आईटी वाले कैसे गिरते धूम-धड़ाम?
प्यारा गीत- रात कटेगी, होंगे उजाले, फिर मत गिरना ओ गिरने वाले, इंसां वो जो खुद संभले, औरों को भी संभाले
अल्लामा इक़बाल का शेर- मिटा दे अपनी हस्ती को अगर मर्तबा चाहे, के दाना ख़ाक में मिलके गुल-ए-गुलज़ार होता है
यदि आप कुछ महानता या दर्जा (मर्तबा) चाहते हैं, तो अपने 'अहंकार' या 'अस्तित्व' (हस्ती) को मिटा दें
दाना मिट्टी में मिलकर ही एक सुंदर फूल (गुल-ए-गुलज़ार) बनता है, शेर का गहरा आध्यात्मिक/दार्शनिक अर्थ
"अहंकार के त्याग, आत्म-समर्पण और आत्म-विस्मृति के बाद ही सच्चा विकास और उत्कृष्टता प्राप्त होती है!"
मिट्टी में मिलकर ही बीज सुंदर फूल बनता है, इंसान को भी अपनी पहचान मिटाकर ही जीवन में बड़ा हासिल होता है
प्रभु का मान लो या प्रकृति का नियम सत्य- आप अगर गेहूं बोओगे तो चावल नहीं उगेंगे, जिनके उगे हैं, जरूर बोए होंगे
किसी को उठाना या गिराना पत्रकारिता नहीं, सत्य को पूरी सच्चाई और ईमानदारी के साथ रखना सच्ची पत्रकारिता
श्री कृष्ण नगरी के कप्तान रहे राजीव कृष्ण आज उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख पद पर यूं ही नहीं आसीन, कर्म/धर्म प्रधान
कमिश्नर शैलेंद्र कुमार सिंह ने डीएम और डीआईजी शैलेश कुमार पांडेय ने कप्तान रहते मथुरा में किए होंगे अच्छे कर्म
संदेश प्रद गीत- तुम्हारे महल-चौबारे, यहीं रह जाएंगे सारे, अकड़ किस बात की प्यारे? ये सर फिर भी झुकाना है!
आओ आज सभी अपना खुद आंकलन करें कि हम जो कर रहे हैं, कैसा कर रहे हैं? परिणाम आंखों के आगे तैरने लगेंगे
आज का विचार- लोगों का गला कटवाने/गल्ला लुटवाने से भला नहीं होता है, भला करने से भविष्य उज्जवल होता है!
सच्ची कहानी- प्रभु की राह, धर्म पूर्वक कर्म करते हुए फल की इच्छा न करना, अच्छे कर्मों के फल कभी बुरे नहीं होते
कर्म अगर बुरे हैं तो आप दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान सही, आपका फल बुरा ही आएगा, समय लग सकता है!
सत्य वचन- कर्म किए जा, फल की इच्छा मत कर ऐ इंसान, ये है गीता का ज्ञान, जैसे कर्म करेगा, वैसे फल देगा भगवान
संदेश फिर वही है- अगर अपना भविष्य या जन्म-जन्मांतर अच्छा चाहते हो तो जितना हो सके, लोगों का भला करो!
यह सच्ची कहानी है, कोई झूठी कहानी नहीं है, आज नहीं तो कल सबके द्वारा मानी जानी है, अनुभव मनवा देता है!
फिर इंसान यही गीत गाता है- इक दिन एक फ़क़ीर ने इक बात कही थी, अब जाके दिल ने माना कि वो बात सही थी
प्रभु की राह पर चलने वाले के जीवन में भी कष्ट तो आते हैं, वह कुछ क्षण के होते हैं, बादल दु:ख के, पल में छॅंट जाते हैं!
सत्येंद्र पाठक का भजन भक्तों पर चरितार्थ- हिम्मत रखना तू, कष्ट तो आएंगे, बादल ये दुःख के पल में छॅंट जाएंगे
तू है प्रेमी महाकाल का, जीत तुम्हारी होगी, तुमको कोई काल, कभी भी मार नहीं सकता है, मार नहीं सकता है
घोर अंधेरा हो, विपदा ने घेरा हो, या तेरी नैया में तूफ़ान का डेरा हो, तू है उपासक मृत्युंजय का, दर्द न तुझको होगा
तुझको कोई भी शत्रु, कभी ललकार नहीं सकता है, तू है प्रेमी महाकाल का, चूक भले सकता है, हार नहीं सकता है
जो समझते मंदिर में भगवान की सिर्फ प्रतिमा, मूर्ख नहीं जानते प्रतिमा तब होती स्थापित, जब हो जाती प्राण-प्रतिष्ठा
अर्थात् प्रतिमा के रूप में विराजमान, श्री भगवान को सिर्फ प्रतिमा समझना बड़ी भूल, लुटेरों की लूट के साक्षी भगवान
अखिल ब्रह्मांड नायक जिस अपराध के खुद साक्षी, उसका निर्णय क्या आएगा? सोच/समझ सकता कोई भी नादान!
जड़ में भी वही है, चैतन्य में भी वही है, जिनको हिय की मिलीं नहीं, ऐसे लोग ही मानते कि बंसीवारा कहीं नहीं है!
जिनको दे रखा दिखाई देने वाला लेंस, उनको सब स्पष्ट नज़र आता, कहते- बताओ मेरा प्यारा कहां/किसमें नहीं है?
सत्य- महाभारत में श्री कृष्ण का प्रण था शस्त्र नहीं उठाएंगे मगर आत्मरक्षार्थ भगवान रथ का पहिया तक उठा लेते हैं
लुटेरे ठेकेदार और लुटेरी सरकारें मनाएं अपनी खैर, बंसी वारे ने था किसी का, क्या बिगाड़ा, तुमने ही लिया बैर?
यह बंसी वारे ने नहीं, लुटेरों के पैरोकार ने कहा- हरि भक्तन के बैरी बिन मारे मर जाएं (बंसीवारा किसी को क्यों मारे?)
सच्ची कहानी- हरि भक्तों से लूट का पैसा, जिस ख़ज़ाने में जाएगा, कभी भर नहीं पाएगा, ठेकेदार का भर गया क्या?
इस जन्म में तो अभी कुछ ख़ास हुए नहीं, पिछले जन्मों के ही होंगे वे कर्म, जिनके बदले बंसीवारे को बंसीवारा मिला
प्रासंगिक भजन- बंसी वारे तेरा शुक्रिया, तूने जीवन में बहुत कुछ दिया (भावार्थ- जितना मिला है, बहुतों को नसीब नहीं)
बंसीवारा किसी को मजबूर नहीं बनाता, जो मानते लूट को मजबूरी, जाकर कर लें मजदूरी या मांग भिक्षा पाल लें बच्चे
मदहोश सरकार ही दे सकती है, बंसी वारे ने किसी को लूट का लाइसेंस नहीं दिया, किसी शास्त्र में लिखा हो तो बताओ
आज का विचार- जो हरि भक्तों से बैर रखता है, बंसीवारा नहीं उसकी कभी खैर रखता है, देर-सवेर ढेर करता है!
जय जगन्नाथ, जो जगन्नाथ का रथ खींचते, जगन्नाथ उनको सींचते, जो रोकने का विचार भी मन में लाते, वो रुकते जाते
मथुरा के लुटेरे टीटीआई न्यूज़ के यूट्यूब चैनल से इतना डरे हुए क्यों हैं? सच्ची कहानियों में सारे कारिंदे भरे हुए जो हैं!
प्राणाधार किसी के प्राण नहीं लेता, धर्म परायणों की रक्षार्थ पापी को मारने का करता पाप, उतारने को लगाता परिक्रमा
पूछा- कंस को किसने मारा? किसी ने उत्तर दिया- श्री कृष्ण बलराम ने मारा, शिक्षक- नहीं, कंस को उसकी अति ने मारा
शिक्षक ने बताया कि अति का अंत बुरा होता है, कंस ने भी अति कर दी थी, इसलिए बुरा अंत हुआ, अति का अंत तय
खेल चाहे कोई रचा ले, खुद को खिलाड़ी न समझे, सबसे बड़ा खिलाड़ी बंसी वारा, तरह-तरह के खेल है जो रचता!
खेलें चाहे जो खेल, कार्ज ख़ास खादी हो, या कि खाकी हो, परिणाम सबके एक ही आएंगे, होना सब को ख़ाक ही है!
अब तो बंसीवारा भी गया मान- मंगलसूत्र लुटेरों के लंबे हाथ, सरकार से करा डाला कंटेंट हटवाने का प्रावधान!
देश-दुनिया के लोग भले कम जानते हों, श्री कृष्ण नगरी के लोग सब जानते- 'बंसीवारा क्रिएट कराता सच्ची कहानियां!'
जिनको क्रिएटर समझ रही सरकार, वह क्रिएटर नहीं, सभी सिर्फ बंसीवारे के हुक्म के ग़ुलाम, असल क्रिएटर बंसीवारा
देश के दो करोड़ से अधिक क्रिएटर्स कंटेंट को लेकर नहीं बेचैन, अखिल ब्रम्हांड क्रिएटर फिर करा देगा नए क्रिएशन
कौंधता सवाल- कौन सा ऐसा कार्य, जो क्रिएटर्स के साथ नहीं कर/करा रही सरकार, कंटेंट हटाने का और इंतज़ाम?
आज का विचार- कंटेंट से कुछ नहीं होता, कंटेंट हरेक अपने दृष्टिकोण से देखता है, जिसकी जैसी सोच, वैसा सोचता है
श्री कृष्ण नगरी पावन-पुनीत धाम, मथुरा के अधिकांश लोग सर्वोत्तम, कुछ ही ऐसे, जिनके कर्मों के कारण होती बदनाम
यूट्यूब से इतना क्यूं घबरा रही सरकार? एक तरफ अपना यूट्यूब लाने और दूसरी तरफ कंटेंट हटवाने की तैयारी!
राजा का सलाहकार कौन, जो देता हमेशा उल्टी सलाह, अरे कंटेंट क्रिएटर को भी जी लेने दो, उसे भी जीने का अधिकार
कंटेंट के हटने से क्या होगा, देखने वालों ने तो देख लिया, कंटेंट हटने पर उसकी चर्चा और होगी, कौन सा कंटेंट हटा?
पैरोडी गीत- क्यूं न पूजें इस भूमि को, जो मुक्तिदाता की जन्मभूमि है, मथुरा में वो शक्ति है, जो अजन्मे को जन्म देती है
सत्य- बंसी वारे का सारथी बन, बंसीवारा लड़ रहा एक और महाभारत, देश-दुनिया देख रही- मथुरा की सच्ची कहानियां
सत्य- लुटेरे हैकर्स किसी का भी मोबाइल हैक कर लेते हैं, वह किसी से नहीं डरते हैं, उनके साथ रक्षक और रहते हैं!
You Are Watching An Exclusive, Informative, Devotional & Entertainment Network TTI News Your Own Network