आज‬ का पंचांग | प्रस्तुति - रवींद्र कुमार | प्रसिद्ध वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ ज्योतिषी (राया वाले)

Subscribe






Share




  • Jeevan Mantra

प्रस्तुति - रवींद्र कुमार 

प्रसिद्ध वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ ज्योतिषी (राया वाले)

|।ॐ।|

आज‬ का पंचांग

तिथि.........अमावस्या

वार...........शनिवार

पक्ष... .......कृष्ण       

नक्षत्र.........पूर्वाभाद्रपद

योग...........साध्य

राहु काल.....०९:३२--११:०१

मास(पूर्णिमांत).......फाल्गुन

मास(अमावस्यन्त)...माघ

ऋतु........शिशिर

कलि युगाब्द....५१२२

विक्रम संवत्....२०७७

13   मार्च  सं  2021

आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो

????????????????????????????????

#हरदिनपावन

”13 मार्च"

जलियांवाला बाग हत्याकांड: 21 साल बाद उधम सिंह ने जनरल डायर को मारकर लिया था बदला

जलियांगवाला बाग हत्याकांड के 100 साल पूरे हो गए. इस हत्याकांड के सबसे बड़े गुनहगार थे ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर और लेफ़्टिनेण्ट गवर्नर माइकल ओ डायर. आखिरकार 21 साल बाद उस नौजवान ने एक भरे हॉल में माइकल डायर को गोली मार कर जलियांवाला बाग का बदला ले लिया. वो नौजवान था उधम सिंह.

जलियांगवाला बाग हत्याकांड के 100 साल से ज्यादा  हो गए. इस हत्याकांड के सबसे बड़े गुनहगार थे ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर और लेफ़्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ डायर. 1927 में बीमारी की वजह से रेजीनॉल्ड डायर की मौत हो गई. मगर माइकल डायर ज़िंदा था और ब्रिटेन लौट चुका था, लेकिन एक नौजवान लगातार उसका पीछा कर रहा था. आखिरकार 21 साल बाद उस नौजवान ने एक भरे हॉल में माइकल डायर को गोली मार कर जलियांवाला बाग का बदला ले लिया. वो नौजवान था उधम सिंह.

1919 में जब जलियांवाला बाग कांड हुआ था, तब शहीद उधम सिंह की उम्र 20 साल थी और अपनी जवानी में ही उधम सिंह ने कसम खा ली थी कि वो जलियांवाला बाग कांड के लिए जिम्मेदार पंजाब के गवर्नर माइकल ओ डायर और गोली चलाने वाले जरनल रेगीनॉल्ड डायर से बदला लेंगे. जनरल डायर को तो उसके कर्मों की सजा उपरवाले ने दे दी और वो 1927 में तड़प-तड़प कर अपनी मौत खुद मर गया, लेकिन माइकल ओ डायर अब तक जिंदा था. वो रिटायर होने के बाद हिंदुस्तान छोड़कर लंदन में बस गया था. इस बात से अंजान कि उसकी मौत उसके पीछे-पीछे आ रही है.

माइकल ओ डायर से बदला लेने के लिए शहीद उधम सिंह 1934 में लंदन पहुंचे. वहां उन्होंने एक कार और एक रिवाल्वर खरीदी तथा सही मौके का इंतजार करने लगे और ये मौका आया 13 मार्च 1940 को. उस दिन उधम सिंह एक किताब में रिवॉल्वर छुपा कर कॉक्सटन हॉल के अंदर घुसने में कामयाब हो गए, जहां माइकल ओ डायर भाषण दे रहा था. उसने कहा कि अगर आज भी उसे दूसरा जलियांवाला बाग कांड करने का मौका मिले तो वो इसे फिर से दोहराएगा. उधम सिंह ने बीच भाषण में ही जलियांवाला बाग कांड के इस गुनहगार को ढेर कर दिया.

अपनी 21 साल पुरानी कसम पूरी करने के बाद उधम सिंह ने भागने की कोई कोशिश नहीं की. उधम सिंह को अंग्रेज पुलिस गिऱफ्तार करके ले जा रही है. आज़ादी का ये मतवाला मुस्कुरा रहा है.. लंदन की अदालत में भी शहीद उधम सिंह ने भारत माता का पूरा मान रखा और सर तान कर कहा, 'मैंने माइकल ओ डायर को इसलिए मारा क्योंकि वो इसी लायक था. वो मेरे वतन के हजारों लोगों की मौत का दोषी था. वो हमारे लोगों को कुचलना चाहता था और मैंने उसे ही कुचल दिया. पूरे 21 साल से मैं इस दिन का इंतज़ार कर रहा था. मैंने जो किया मुझे उस पर गर्व है. मुझे मौत का कोई खौफ नहीं क्योंकि मैं अपने वतन के लिए बलिदान दे रहा हूं.

31 जुलाई 1940 को पेंटविले जेल में उधम सिंह को हंसते-हंसते फांसी को चूम लिया. जब तक हिंदुस्तान रहेगा अमर शहीद उधम सिंह की इस वीरगाथा को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.

TTI News

Your Own Network

CONTACT : +91 9412277500


अब ख़बरें पाएं
व्हाट्सएप पर

ऐप के लिए
क्लिक करें

ख़बरें पाएं
यूट्यूब पर