तुम्हीं सो गए दास्तां कहते-कहते... मौलाना कल्बे सादिक सुपुर्द-ए-खाक

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मुर्तजा हुसैन रहमानी

लखनऊ/गोरखपुर 25 नवंबर 2020

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष व शिया धर्म गुरु मौलाना डॉ. कल्बे सादिक के इंतकाल की खबर से उनके अनुयायियों में शोक व्याप्त हो गया है। दुनिया से उनका जाना लोगों  को खल गया। मौलाना डॉ. कल्बे सादिक मेल - मिलाप की मिसाल कहे जाते थे। वह जहां भी तकरीर करने जाते थे। वहां वह अपनी अमिट छाप छोड़ आते थे। इंसानियत और तालीम पर मौलाना डॉ. कल्बे सादिक का पूरे मनोयोग के साथ फोकस रहता था। ऑल इंडिया पर्सनल ला बोर्ड के अहम निर्णय में भाईचारे और गंगा - जमुनी तहजीब को जिंदा बनाए रखने अहम किरदार होता था। मुसलमानों के मसले मसाईल को हल करने के साथ ही सभी धर्मावलंबियों के लोगों में अपने कुशल व्यवहार से प्रभावित करने में सफल रहा करते थे। मौलाना डॉ. कल्बे सादिक कौम को बेदार करने तथा अशिक्षित समाज में शिक्षा का पैगाम पहुंचाने में अहम किरदार के साथ ही एक अच्छे शिक्षक के रूप में पहचान बनाए हुए थे। इंसानियत के इस पैरोकार का दुनिया से जाना  यकीनन लोगों को खल गया। उनके इंतकाल पर लोगों ने सिर्फ यही कहा- बड़े गौर से सुन रहा था जमाना, तुम ही सो गए दास्तां कहते - कहते। उधर उनके बेटे कल्बे सिब्तैन नूरी ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि बीते 17 नवंबर को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। उसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से लगातार उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। बल्कि उनकी सेहत गिरती चली गई। मौलाना सादिक लंबे समय से आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के उपाध्यक्ष थे। देश-विदेश में ख्यातिप्राप्त डॉ. सादिक शिक्षा और खासकर लड़कियों व निर्धन बच्चों की शिक्षा के लिए हमेशा सक्रिय रहे। यूनिटी कालेज और एरा मेडिकल कालेज के संरक्षक भी थे। मौलाना डॉ. कल्बे सादिक की मजलिस बुधवार सुबह 10 बजे यूनिटी कॉलेज में होगी।

 

दोपहर दो बजे होंगे सुपुर्द-ए- खाक 

 

 यूनिटी कॉलेज कम्पॉउंड में 11.30 बजे नमाज-ए-जनाज़ा हुई। दोपहर 2 बजे चौक स्थित इमामबाड़ा गुफरानमाब में उन्हें सुपुर्द - ए - खाक किया गया। डॉ. कल्बे सादिक का मंगलवार रात 10 बजे निधन हो गया। उन्होंने लखनऊ के एरा मेडिकल कालेज में अंतिम सांस ली। 

 

सीएम योगी ने कल्बे सादिक के निधन पर जताया शोक

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने धर्म गुरु मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। विधि एवं न्याय मंत्री एवं लखनऊ मध्य से विधायक ब्रजेश पाठक ने भी निधन पर संवेदनाएं प्रकट की हैं।

 

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने डॉ. कल्बे सादिक के निधन को ट्वीट कर क्षति बताया

 

पूर्व सीएम एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर दु:ख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि शिया धर्मगुरु और इस्लामिक स्कॉलर मौलाना डॉ. कल्बे सादिक का लखनऊ में इंतक़ाल अत्यंत दुखद है। उन्होंने शोक संदेश में लिखा है कि शोकाकुल परिवार एवं उनके सभी चाहने वालों के प्रति गहन संवेदना, भावभीनी श्रद्धांजलि। 

 

आपसी भाईचारा, मोहब्बत और शिक्षा को बढ़ावा दिया

 

डॉ. कल्बे सादिक को पूरी दुनिया आपसी भाईचारे और मोहब्बत का पैगाम देते शिया धर्म गुरु के रूप में जानती है। उन्होंने हर बात में शिक्षा को भी बढ़ावा दिया। विदेशों में मजलिस पढ़ने जाते थे और मोहब्बत का पैगाम देते थे।

 

इंसानियत, इल्म, इत्तेहाद की मिसाल थे डॉ. सादिक

 

इंसानियत, इल्म, इत्तेहाद और मोहब्बत के इस फरिश्ते को हिन्दू-मुसलमान, सिक्ख, ईसाई समाज से लेकर मुसलमानों का  हर वर्ग के लोग डॉ कल्बे सादिक का सम्मान करते थे। 

 

तमाम मसलकों में इत्तेहाद कायम करने में सफल रहे मौलाना सादिक

 

हिन्दू-मुस्लिम एकता और मुसलमानों के तमाम मसलकों में इत्तेहाद क़ायम करने के प्रयास करने वाले डा सादिक़ ने हमेशा अशिक्षित समाज में शिक्षा की अलख जगाने पर बल दिया। सर सैय्यद अहमद ख़ान की तरह डा. सादिक़ ने मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए इल्म की रौशनी फैलाने पर काम करते रहे और इस मिशन को ना सिर्फ तक़रीरों और तहरीरों के जरिए बल्कि अमली तौर पर आगे बढ़ाया। मौलाना डॉक्टर कल्बे सादिक पर्सनल लॉ बोर्ड के अहम निर्णयों में गंगा जमुनी तहजीब को जिंदा बनाए रखने में कामयाब इंसान साबित हुए थे।

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