विचारणीय प्रश्न- बंसी वारों को कष्ट देने वालों को बंसीवारा देता होगा कितना दंड, जब शनि देव ही दे रहे तीन गुना?
ज़िंदगी के गीत- ज़िंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है, थोड़े आंसू हैं, थोड़ी हंसी, आज ग़म है तो कल है ख़ुशी!
ज़िंदगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मक़ाम, फिर नहीं आते, कुछ लोग इक रोज़ जो बिछड़ जाते हैं, वो हज़ारों के आने से मिलते नहीं
शेर- चार दिन की ज़िंदगी में, क्या करेगा कोई? जिसमें एक दिन आने के लिए है, एक दिन जाने के लिए है -अज्ञात
भजन- बता मेरे यार सुदामा रे, भाई घणे दिना में आया, बालक थारे जब आया करता, रोज़ खेल कै जाया करता!
अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान को देखो, सबके मलिक कितने सरल, सुदामा की पुकार पर दौड़े आते
आज का विचार- ज़िंदगी में सब कुछ सरल है मगर सरल होना सबसे कठिन है, जो सरल हो गया, प्रभु को पा गया!
ज़िंदगी को समझो- समझ सको तो समझो ज़िंदगी की उलझन को, सवाल उतने नहीं हैं, जवाब हैं जितने! (अज्ञात)
ज़िंदगी की शिक्षा देने वाला शेर- ज़िंदगी एक रागिनी है, गुनगुनाते रहिए, मुश्किलें हों लाख, मुस्कुराते रहिए!
ज़िंदगी का संदेश प्रद शेर - ज़िंदगी जिंदा दिली का नाम है, मुर्दा दिल क्या ख़ाक जिया करते हैं? (अज्ञात)
तीन लोक से न्यारी मथुरा नगरी के लुटेरों के लंबे हाथ, देश-दुनिया के लुटेरों से संबंध, सरकार के साथ लूट का अनुबंध
सवाल- मथुरा के फरह की घटना में लुटेरे ठेकेदारों का तो हाथ तो नहीं, जवाब- माल बरामद न हो तो यही समझना!
मेरी नगरी में लूट का कोहराम मचाने वालों, तुम्हारा वह हश्र होगा, जो तुमने सपने में भी नहीं सोचा होगा- बंसीवारा!
श्री कृष्ण नगरी की सच्ची कहानी- ठेकेदार का मंदिरों की लूट से जब नहीं भरता पेट, लुटेरे सड़क पर देता उतार?
श्वेत वस्त्रों से शोभित सभागार में काग ही काग निकलें तो मैं क्या करूं, समझे थे साहूकार, चोर निकले तो मैं क्या करूं?
लुटेरों का एक साथी बोला- लूट कब नहीं रही, बताओ? अरे जब लूट थी, तभी तो तुम्हें साहूकार समझ कर बैठाया था!
श्री कृष्ण की नगरी में परिंदे भी नहीं मार सकते पर, कंसज लुटवाते अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान का घर!
रात चिंता में गुजरवाने के बाद, सुबह उठते ही मारता लात, चल उठ ठेका नहीं चलाना, श्रद्धा के साथ कौन करेगा घात?
गुनगुनाता गीत- सात सुरों का यह संगम, जीवन गीतों की माला, हम अपने भगवान को भी कहते हैं बांसुरी वाला!
भिच्ची में लेकर किच्ची ठुकवाने वालों, एक्सपायरी डेट के बाद चलेगा पता, कैसी किच्ची ठुकवाता बंसीवारा?
सरकार की श्रद्धा अगाध, कर लो, करवा लो अपराध, ढूंढ़ लाओ लूट का कोई धंधा, जेल नहीं जाएगा तुम्हारा बंदा!
अपनी डफली-अपना राग, लुटेरों की महफिल के प्रभारी- "बनिया और नींबू तब रस देय, जब भिच्ची में लेय!"
लूट रहे कबाड़ा, सोने की कौन सी लूट? राम नाम की लूट- लूट सके तो लूट, अंतकाल पछताएगा, जब प्राण जाएंगे छूट
लुटेरे चलाते तीर, बंसीवारा बीच में ही उठाकर बंसी वारे के तरकश में धर देता, कहता- चला, ये अपने ही तीर से मरेंगे!
आगरा-दिल्ली हाईवे पर लूट की घटना को दिलाकर अंजाम, लुटेरे गा रहे गाना- "हम लूटने आए हैं, हम लूट के जाएंगे!"
लूटने/लुटवाने वालों, जितना चाहो, लुटवा लो, जब पूछे बंसीवारा क्या लाए हो? मत कहना- लूट की छूट नहीं मिली!
मथुरा के फरह क्षेत्र में आगरा-मथुरा के मध्य आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसने कराई दुस्साहसिक घटना?
हिंदुस्तान कॉलेज के समीप रात 8 बजे घटना, क्या कर रही थी पुलिस, हाथ मल रही थी या साथ चल रही थी?
कौंधता सवाल- यह घटना भी किसी ठेके का हिस्सा तो नहीं? वरना कौन कर सकता इतनी बड़ी हिमाकत?
चांदी व्यवसायी/उसके पुत्रों की गाड़ी रुकवाई, रूरल एरिया में ले जाकर दिया लूट की घटना को अंजाम?
70 किलो चांदी लुटी, अनुमानित क़ीमत 90 लाख, 10 किमी दूर ले गए या 20 किमी, ले तो हाईवे से ही गए न?
हाईवे पर पुलिस सिर्फ वसूली के लिए ही रहती है, घटना का खुलासा हो जाने पर भी पीड़ित को सिर्फ धक्के ही मिलते हैं
मथुरा में हुई थी 1 करोड़ की चोरी, पीड़ित को मिला क्या? सीधे रस्ते की यह टेढ़ी चाल है, गोलमाल, सब गोलमाल है!
ईश्वर - बृजभाषा में "ई" को "यह" और "श्वर" को "स्वर" बोला जाता है अर्थात् यह जो "स्वर" है, वही "ईश्वर" है
जड़ और चेतन सब में स्वर होता है, पंछी, नदियां और पवन, सब की आवाज़ होती है यानि सब में ईश्वर है
ऑडियंस पोल में अधिकांश लोग ग़लत को सही बताएं, तब भी वह ग़लत ही रहता है, सही नहीं हो जाता है
ऐसे ही यदि कोई कृत्य राष्ट्रद्रोह की श्रेणी का हो, कोई उसे धर्म बताने की कुचेष्टा करे तो राष्ट्र धर्म नहीं हो जाता है
सत्य है कि झूठ कभी सत्य का सामना नहीं कर पाता है, सत्य जब सामने आता है, झूठ का सर झुक जाता है
चातुर्मास में सर्व देवी-देवता कर रहे बृज वास, शनि चल रहे वक्री चाल, 6 माह में कुकर्मियों की उधेड़ कर रख देंगे खाल
भारत में बाल विवाह और सती प्रथा आदि जैसी कुरीतियां भले खत्म हो गई हों, मंदिरों में लूट के ठेके आज भी जारी हैं
लुटेरे ठेकेदारों की लगती तमन्ना यही, जन्म-जन्मांतर तक चले लूट का ठेका, अगली बार फिर से मिले ठेके में जन्म
लूट का ठेका दशकों नहीं, शतकों पुराना क्यों न हो मगर यह चलेगा कब तक, हर/हरि/जन जानना चाहते हैं?
ठेकेदार- तोड़, जितनी तोड़ सकता है तोड़, ठेका है, आईजी/डीआईजी किसी को मत छोड़, किसी को मत समझ, तोड़!
टीटीआई न्यूज़ यूट्यूब चैनल पर देखें मंदिर का दृश्य, एक ने दूसरे से पूछा- तोड़ी कि नांय, जवाब- तोड़वे ही जाय रह्यो हूं
तीसरे ने कहा- अनिल भैया तुम उल्टे है जइंयो नैक, तोड़, तोड़ दै, कोई उल्टा, कोई सीधा हुआ, धड़ल्ले से टूटी चेन!
आम जनता को यह समझाना है, श्रद्धालुओं को लूटते चंद लुटेरे, लुटवाते सफ़ेदपोश, बदनाम होते सारे बृजवासी!
मथुरा के लुटेरे माफिया गिरोह का होगा माहेश्वरी अपहरण कांड में हुए ब्लैकमेलिंग के प्रयास से भी बहुत बड़ा खुलासा
श्री कृष्ण नगरी मथुरा के माफिया राज़ का जिस दिन होगा खुलासा, उस दिन सामने आएगी होश उड़ाने वाली सच्चाई
है रजनी को, है रजनी को भी एहसास, ये सांवरा जरूर आएगा, मत होना मन बावरे उदास, ये सांवरा जरूर आएगा
आज का पैरोडी गीत- कोई महिला कदम पहले बढ़ाती नहीं, लुटेरा गिरोह जब तक उसके पीछे न हो, वो पास आती नहीं
भक्तों की सेवा को सच्चे बृजवासी रहते सदैव तत्पर, लगाते प्याऊ और भंडारे, लुटेरे सब मिलकर चलवाते लूट के ठेके
भगवान के घर आने वाले तर जाते हैं मगर लुटेरों को बंसीवारे से बांस के अलावा कुछ और नहीं मिलता है
जहां श्रद्धालुओं से लूट मार के ठेके उठते हों, पुलिस वाले लुटेरों की सुरक्षा में रहते हों, गोदी मीडिया सहभागी हो,
उस देश/प्रदेश का बंसीवारे के सिवाय और कौन रखवाला?
गीत- तुझ बिन मोहन कोई नहीं है मेरे भारत का रखवाला रे
आजकल न्याय के देवता शनि देव की चल रही अंतरराष्ट्रीय अदालत, अच्छे को तिगुना अच्छा, बुरे को तिगुना बुरा फल!
किसी मंदिर में अगर कोई महिला दे बैड टच, छाती से मारे टक्कर, बचाना चेन-कुंडल, पर्स-मोबाइल, स्नैचर्स होंगे घेरे!
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