उत्तर प्रदेश, मथुरा : गरीबों को उत्थान की राह दिखा रहा पंडित दीनदयाल धाम

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रॉकी गुप्ता

मथुरा 27 सितम्बर 2020

देश और दुनिया को 'अंत्योदय' का सपना दिखाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय का विचार उनके पैतृक गाव नगला चंद्रभान (मथुरा, उप्र) में सच हो रहा है। यहां बना दीनदयाल धाम गरीबों को उत्थान की राह दिखा रहा है। एक दर्जन से अधिक सेवा प्रकल्पों में सैकड़ों हाथों को काम मिला है। गावों में संस्कारशालाएं हैं।

नगला चंद्रभान गाव के 35 वर्षीय संतोष रावत दोनों पैरों से दिव्याग हैं। काम करने में अक्षम संतोष को 20 वर्ष पहले किसी ने दीनदयाल धाम के सिलाई प्रशिक्षण केंद्र की राह दिखा दी। उन्होंने सिलाई सीखी और मास्टर बन अब दूसरों को हुनरमंद बना रहे हैं। छोटा भाई संजय भी सिलाई का मास्टर है। संतोष 20 हजार रुपये प्रतिमाह कमाकर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।

साधन, स्वास्थ्य और सेहत। साधन के लिए ग्रामीणों को हुनर सिखा आत्मनिर्भर बनाया गया है। दीनदयाल धाम से प्रशिक्षित 35 सौ लोग सिलाई के काम से जुड़े हैं। इस काम से यह हर माह 15-20 हजार रुपये कमा लेते हैं। दीनदयाल धाम में बना कुर्ता देश भर में भेजा जाता है। आरएसएस कैडर में यह दीनदयाल कुर्ता के नाम से फेमस है। 

दीनदयाल धाम सिलाई केंद्र के पंडित कमल कौशिक ने बताया कि यहां महिलाये सिलाई करके उन्हें घर वैठे रोजगार मिल रहा है।

गांव की रहने महिला अनीता ने बताया कि यही मैंने सिलाई सीखी और यही रोजगार मिल गया. में अपने परिवार को गुजर बसर कर रही हूँ।  

दीनदयाल धाम के सहारे क्षेत्र के हजारों परिवारों का गुजारा चल रहा है। दीनदयाल धाम जिले के छोटे से गाव नगला चंद्रभान में है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद का सिद्धात देकर गरीब के उत्थान का सपना देखा था। दीनदयाल उपाध्याय जन्मोत्सव स्मारक समिति यहा इसी सपने को सच कर रही है। समिति के तीन संदेश हैं। 

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