मुस्कराईये, आप सचेंडी में है !

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कानपुर 19 अगस्त 2020

 

मुस्कराईये आप सचेंडी में हैं, यह स्लोगन आपको सचेंडी में जगह-जगह लिखा मिल जाएगा मगर क्या यह जुमला सचेंडी कस्बे पर सटीक बैठता है? यह एक विचारणीय प्रश्न है। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण ये इतिहासिक कस्बा आज मुसीबतों और दुश्वारियों का पर्याय बन गया है।

आज सचेंडी कस्बे में नाली व नालों की सफाई न होने के कारण बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया, जिसके कारण लोगों को अत्यंत परेशानियों से दो चार होना पड़ा।

सचेंडी बाजार में गंदगी का ये आलम है की कभी भी संक्रामक रोग अपने पाव पसार सकते है। चारों ओर गंदगी का साम्राज्य व्याप्त है।

सचेंडी कस्बे की सबसे बड़ी समस्या अंडरपास का नहीं बना होना है। सचेंडी कस्बा लगभग 50-60 गाँव के लोग आते हैं अपनी रोज मर्रा की वस्तुऐं खरीदने क्योंकि यह क्षेत्र की सबसे बड़ी बाजार है, जहाँ से ही लोग सामान बेचने के लिए ले जाते हैं।

सचेंडी कस्बा महाराजा हिन्दू सिंह चंदेल की राजधानी होने के साथ ही सात देवियों का स्थान भी है जो देवियां कस्बे के चारों ओर विराजमान हैं जिसके कारण कस्बे का पहले नाम सतचंडी था।

तचंडी से चचेरी व सतचंडी का अपभ्रंश सचेंडी हुआ। ऐतिहासिक कस्बा सचेंडी जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के फलस्वरूप अपनी दुर्दशा पर आँसू बहाने को मजबूर है।

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