बधाई! मंगल बधाई!! बधाई!!! प्रस्तुति श्रीधर चतुर्वेदी

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  • Jeevan Mantra

श्रीगोवर्धनधर श्रीनाथजी के पाटोत्सव की मंगल बधाई!!!

 

वैसे तो श्रीनाथजी के कई पाटोत्सव संप्रदाय के इतिहास में 

अंकित हैं किन्तु पूरे संप्रदाय में आपका पाटोत्सव

आज ही के दिन मनाया जाता है और उसका एक 

विशेष कारण है।

विक्रम सम्वत 1623 में आज ही के दिन श्रीगुसांईजी के ज्येष्ठ पुत्र श्रीगिरिधरजी को आज्ञा देकर... आप रथारूढ होकर

मथुरा-स्थित श्रीगुसांईजी के निवासस्थान "सतघरा" पधारे।

 

यहाँ दो मास और बाईस दिन तक विराजमान हो कर

आपने श्रीगुसांईजी के पूरे परिवार की सेवा अंगीकार की

उनके साथ होरीखेल का भरपूर आनंद लिया और

फगुवा में पूरे परिवार के सभी सदस्यों से मांग-मांग कर 

उनके सर्वस्व का अंगीकार किया!!!

 

प्रस्तुत चित्रों में श्रीगिरिधरजी अपने कंधे पर उठा कर 

श्रीनाथजी को श्रीगिरिराजजी की तरहटी में स्थित रथ में 

विराजमान कर रहे हैं और दूसरे चित्र में "सतघरा" में विराजमान अन्य भगवद्स्वरूपों के साथ श्रीनाथजी के 

दर्शन हो रहे हैं!!!

 

मथुरा में आज भी विद्यमान "सतघरा" का यह स्थान

श्रीगुसांईजी के परिवार की सर्व-समर्पण की भावना और श्रीनाथजी के इस परिवार के प्रति पक्षपात की 

अमर गाथा सुना रहा है!!!

 

भूरिश: दंडवत् प्रणाम पुष्टिपुरुषोत्तम की इस 

अनोखी-अनूठी पुष्टिलीला को!!!

 

प्रस्तुति श्रीधर चतुर्वेदी

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