आज का महा विचार- "साइबर अपराधियों पर कड़ाई से अंकुश न लगने तक किसी की भी निजता सुरक्षित नहीं!"
हो गई है पीर पर्वत सी, पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए,
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मक़सद नहीं, मेरी कोशिश है यह सूरत बदलनी चाहिए,
वह तेरे दिल में हो या कि मेरे दिल में, हो कहीं भी मगर आग जलनी चाहिए -दुष्यंत कुमार की पंक्तियां
लोकतंत्र के चार स्तंभों की ही नहीं, जन-जन की ज़िम्मेदारी- "अपने परिवार वालों को साइबर अपराधी बनने से रोकें!"
अनिवार्यता- पत्रकार जगत/मीडिया संस्थानों को समझना होगा, अपने आप को अब और नहीं लुटने देना होगा!
कोई न सोचे कि उसके विरुद्ध कार्यवाही नहीं हो सकती है, गुनाह करने पर किसी के भी विरुद्ध हो सकती है कार्यवाही
बदले की खुशी पल दो पल की होती, माफ़ करने का आनंद जिंदगी भर रहता, यह सोच माफ़ करने से भी मान नहीं रहे
साइबर अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही एक मात्र विकल्प, उत्तर प्रदेश शासन को लेना चाहिए और गंभीरता से संज्ञान
फ्रॉड आईटी कंपनी बांट रही रोजगार या हर वर्ग के साइबर अपराधियों की बड़ी फ़ौजें कर दीं तैयार, कार्यवाही जरूरी
फ्रॉड आईटी कंपनी वालों की सब गुंडागर्दी धरी रह जाएगी, जांच में जब आएगी सच्चाई सामने, होगी बड़ी कार्यवाही
गोवर्धन के देवसेरस और मुड़सेरस गांवों जैसी कार्यवाही शहर में भी कराए जाने की दरकार, बेहद गंभीर विषय
श्री कृष्ण नगरी में फ्रॉड आईटी कंपनी और उससे जुड़े सोशल मीडिया वर्कर्स की आपराधिक गतिविधियां चरम पर
पुलिस-प्रशासन से सख़्त कार्यवाही की अपेक्षा, कार्यवाही शुरू होते ही आईटी कंपनी की अकल आ जाएगी ठिकाने
सालों से दूसरों का नुकसान करके अपनी बिल्डिंगें खड़ी कर रहा फ्रॉड आईटी कंपनी वाला, विधिक कार्यवाही अनिवार्य
अपर पुलिस महानिदेशक आगरा ज़ोन अनुपम कुलश्रेष्ठ का मथुरा दौरा, सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर दिया जोर
जिलाधिकारी मथुरा चंद्र प्रकाश सिंह ने किया रैन बसेरों का निरीक्षण, जिले में 27 जगह रैन बसेरे और 79 जगह अलाव
सत्य- विशुद्ध प्रोफेशनल सोशल मीडिया वर्कर चंद रुपयों के लालच में इतने पागल कि अपना भविष्य खुद कर रहे बर्बाद
उत्तर प्रदेश में साइबर अपराधियों पर कसा जा रहा शिकंजा, बरेली के डीआईजी अजय साहनी ने कराई बड़ी कार्यवाही
जिन हाथों में होनी चाहिए थी पठन-पाठन सामग्री, मोबाइल किसने पकड़ाए, आखिर कौन छीन रहा बच्चों का बचपन?
फ्रॉड आईटी कंपनियां क्या कराने पर आमादा? हैकिंग के साथ करा रहीं खुली गुंडागर्दी और, पुलिस नहीं अनभिज्ञ!
आला अफसरों ने किया बीएसए इंजीनियरिंग कॉलेज रोड का दौरा, इसके बावजूद साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद
सबसे बड़ा खुलासा- मोटे-मोटे मगरमच्छ, छोटी-छोटी मछलियों को अपने जाल में फंसाकर कराते गंभीर अपराध
हैकिंग/ग़लत तथ्यों और साक्ष्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर ब्लैकमेलिंग/वायरल कराना सफ़ेदपोश लुटेरों का मुख्य पेशा
"कहीं से आए, कैसा आए मगर पैसा आए" प्रवृत्ति वाले लोग बने हुए आपराधिक नेताओं की कठपुतली, कर रहे नंग नाच
अपराधियों के संरक्षकों के विरुद्ध भी हो कड़ी कार्यवाही, उनके इशारे पर होने वाले गंभीर अपराधों पर लगेगा अंकुश
भारत में हैकिंग दंडनीय साइबर अपराध, सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम 2000 की धारा 66 के तहत परिभाषित-
कंप्यूटर, सिस्टम, नेटवर्क तक अनधिकृत पहुंच, जानकारी चुराना, बदलना, मिटाना या नुकसान पहुंचाना साइबर क्राइम
IT Act की धारा 66, धारा 43, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 379 (चोरी) लागू होती है
सज़ा (Punishment) IT Act 66 के तहत 3 साल तक की कैद, ₹5 लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं
पहचान की चोरी (धारा 66C) या धोखाधड़ी (धारा 66D) होने पर अन्य धाराएँ और IPC के तहत अतिरिक्त सजा
दोहरा अपराध- दोबारा अपराध करने पर 10 साल तक की कैद हो सकती है, जुर्माने के साथ (जुर्माना₹10 लाख तक)
संबंधित अपराध- डेटा चोरी/नुकसान: कंप्यूटर कोड छिपाना, नष्ट करना, बदलना (3 साल कैद/₹2 लाख जुर्माना)
निजता का उल्लंघन- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 (निजता का अधिकार) निजता का उल्लंघन भी माना जाता है
चोरी-छिनरई, लूट-पाट, डकैती-बलात्कार कराकर अर्जित की संपत्ति, जिसके दम पर लुटेरे समझते खुद को बादशाह
पैदल-घोड़ों-वज़ीरों को भले नज़र-अंदाज कर दे, जो समझते खुद को बादशाह, उनकी बादशाहत नहीं रहने देता बंसीवारा
साइबर अपराधियों के मास्टर, प्रोफ़ेसर, प्रिंसिपल जाएं धरे, पैदल/घोड़े और वज़ीर चलाकर समझ रहे खुद को बादशाह
मथुरा के माफिया ठेकेदारों पर शासन-प्रशासन की अब पैनी नज़र मगर अब तक कार्यवाही न होने से हो रहे हौसले बुलंद
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण से अपील- "अपराधियों की फ़ौज बनाने वालों पर कसें कड़ा शिकंजा!"
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