कोरोना के बढ़ते प्रकोप के दृष्टिगत विधिक सेवा प्राधिकरण ने माताओं की सुरक्षा के लिए दिए विशेष दिशा-निर्देश

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कोरोना के बढ़ते प्रकोप के दृष्टिगत विधिक सेवा प्राधिकरण ने माताओं की सुरक्षा के लिए दिए विशेष दिशा-निर्देश

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जनपद न्यायालय मथुरा 26 जुलाई 2021 

चैतन्य विहार वृंदावन स्थित पांच महिला आश्रय सदनों का किया गया ऑनलाइन निरीक्षण के साथ विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें सचिव द्वारा कोरोना के बढ़ते प्रकोप और माताओं की सुरक्षा के दृष्टिगत विशेष दिशा-निर्देश दिए गए.

माननीय जनपद न्यायाधीश मथुरा श्री यशवंत कुमार मिश्र के निर्देशानुसार आज दिनांक 26 जुलाई 2021 को प्रातः 11:30 बजे से चैतन्य विहार महिला आश्रय सदन प्रथम द्वितीय व सीताराम महिला आश्रय सदन तथा मध्यान्ह 2:30 बजे से चेतन्य विहार स्थित रासबिहारी व लीलाकुंज महिला आश्रय सदनों का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए ऑनलाइन किया गया. इस इन ऑनलाइन निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता सुश्री सोनिका वर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा द्वारा की गई. इस अवसर पर चेतन्य विहार स्थित महिला आश्रय सदनों की अधीक्षिकाएं उपस्थित रहीं.

सर्वप्रथम चैतन्य विहार स्थित महिला आश्रय सदन प्रथम द्वितीय व सीताराम महिला आश्रय सदन का निरीक्षण प्रातः 11:30 बजे से किया गया, जिसमें अधीक्षिका श्रीमती गीता दीक्षित द्वारा बताया गया कि आज निरीक्षण में पाया गया कि चैतन्य विहार महिला आश्रय सदन प्रथम द्वितीय व सीताराम महिला आश्रय सदन में कुल 159 वृद्धा व विधवा माताएं पंजीकृत हैं, जिनमें से 114 माताएं उपस्थित हैं तथा 45 माताएं अवकाश पर हैं. माताओं को महिला कल्याण निगम द्वारा 1850 रुपये प्रतिमाह सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं. माताओं को अक्षय पात्र संस्था की ओर से प्रतिदिन सुबह का भोजन मिलता है. सभी माताओं के अंत्योदय राशन कार्ड बने हैं, जिनसे उन्हें 20 किलो गेहूं, 15 किलो चावल प्रतिमाह प्राप्त होता है. राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल में विगत 3 माह से नि:शुल्क अनाज भी प्राप्त कराया जा रहा है. महिला कल्याण निगम के द्वारा सदन में कॉमन किचन का निर्माण कार्य फिनिशिंग स्टेज पर है परंतु किन्ही कारणवश यह निर्माण कार्य अभी बंद है. इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी मथुरा को निर्देशित किया गया कि माताओं हेतु कॉमन किचन का निर्माण कार्य अविलंब पूर्ण कराए जाने हेतु आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें. महिला कल्याण निगम द्वारा माह मार्च 2021 में माताओं को साड़ी-ब्लाउज, पेटिकोट और चादरें प्रदान कराई गई थीं.

कोविड-19 के दृष्टिगत अधीक्षिका द्वारा बताया गया कि उक्त तीनों सदनों की सभी माताओं को वैक्सीन लग चुकी है. वर्तमान में कोई माता अस्वस्थ नहीं है. सदनों में काफी अंतराल के बाद सैनिटाइजेशन कराया जाता है. अधीक्षिका को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक सदनों में प्रतिदिन सैनिटाइजेशन कार्य कराया जाए.

अधीक्षिका द्वारा बताया गया कि कुछ माताएं समझाने के उपरांत भी मास्क का प्रयोग नहीं करती हैं. अधीक्षिका को निर्देशित किया गया कि कोविड 19 के दृष्टिगत समस्त माताओं व कर्मचारियों से मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से कराया जाए.

पीने के पानी के संबंध में बताया गया कि सदन में 1 आरओ लगा है जो 1000 लीटर पानी प्रति घंटे देता है. इसके अतिरिक्त एक दानदाता द्वारा प्रतिदिन 20-20 लीटर की 20 बोतलें सदन की माताओं हेतु दी जाती हैं. नगर-निगम द्वारा एक पानी के टैंकर की व्यवस्था की जाती है.

तत्पश्चात मध्यान्ह 2:30 बजे से चैतन्य विहार स्थित रासबिहारी व लीलाकुंज महिला आश्रय सदनों का निरीक्षण किया गया, जिसमें अधीक्षिका श्रीमती किरन दुबे द्वारा बताया गया कि उक्त दोनों सदन भूत गली वृंदावन से कुछ दिन पूर्व ही चैतन्य विहार में स्थानांतरित हुए हैं. आज इन दोनों सदनों में 73 माताएं पंजीकृत हैं, जिनमें से 48 माताएं उपस्थित हैं. वर्तमान में कोई माता अस्वस्थ नहीं है. सदनों में काफी अंतराल के बाद सैनिटाइजेशन कराया जाता है. अधीक्षिका को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक सदनों में प्रतिदिन सैनिटाइजेशन कार्य कराया जाए.

अधीक्षिकाओं द्वारा बताया गया कि उपरोक्त सदनों की माताओं को कोविड-19 के प्रति समय-समय पर जागृत किया जाता है. परिसर व सभी कमरों को समय-समय पर नगर निगम अथवा सदनों के कर्मचारियों द्वारा सैनिटाइज किया जाता है. सभी माताओं का प्रत्येक 15 दिन में कोविड टेस्ट कराया जाता है. जो माता कोविड-19 होती है उन्हें उपचार हेतु तुरंत अस्पताल भेज दिया जाता है. माताओं के अस्पताल से वापस आने पर उन्हें कुछ समय के लिए अन्य माताओं से अलग रखा जाता है। सभी माताओं को मास्क साबुन सैनिटाइजर प्राप्त करा दिए गए हैं. यदि कोई माता जनपद से बाहर अपने रिश्तेदारों के यहां कुछ दिनों के लिए जाती है तो उस माता की कोविड-19 नेगेटिव आने पर ही सदन में प्रवेश दिया जाता है.

उक्त पांचों सदनों के निरीक्षण के दौरान सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा कोरोना के बढ़ते हुए प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए उपरोक्त पांचों महिला से सदनों में निवासरत वृद्ध एवं विधवा माताओं की सुरक्षा हेतु बताया गया कि इस महामारी के दौर में माननीय उच्च न्यायालय तथा केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना हम सब का कर्तव्य है. माताओं व सदनों के कर्मचारियों के हित के लिए मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना तथा सभी का समय-समय पर हाथ धोते रहना अति आवश्यक है. कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि पॉजिटिव पाई गई माताओं को सामान्य माताओं से अलग कक्ष अथवा अस्पताल में चिकित्सक की सलाह के अनुसार मास्क के प्रयोग के साथ उचित दूरी पर रखा जाए तथा उनके स्वास्थ्य व चिकित्सक के परामर्श के अनुरूप भोजन व दवा इत्यादि की व्यवस्था रहे. उक्त पांचों आश्रय सदनों के परिसर बरामदा व माताओं के कमरों की साफ-सफाई उचित प्रकार से की जाए.

ऑनलाइन विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित माताओं से प्रथक प्रथक वार्ता की गई तथा उनको विधिक अधिकारों व कोविड-19 हेतु पारित दिशा-निर्देशों से अवगत कराते हुए उनकी समस्याओं को सुना गया व उनके निस्तारण हेतु सदनों की अधिकारों व कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए.

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