हवन पूजन के साथ किया गया संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ

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रामदास चतुर्वेदी। मथुरा 06 अगस्त 2025

श्रावण पूर्णिमा पर विश्व संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मथुरा जनपद द्वारा संस्कृत सप्ताह का आयोजन 06 अगस्त से 12 अगस्त तक किया जाएगा जिसका शुभारंभ केशव भवन सरस्वती कुंड पर वैदिक विधिविधान से हवन पूजन कर किया गया।
इस अवसर पर संस्कृत भारती ब्रजप्रांत न्यास अध्यक्ष ओमप्रकाश बंसल ने  अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है और संस्कृत भाषा में विश्व की सभी भाषाएं समाहित है इसलिए वैज्ञानिकों ने संस्कृत भाषा को सर्वश्रेष्ठ भाषा के रुप में स्वीकार किया है।
 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक श्री पारस जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति सभ्यता और संस्कारों की जननी है संस्कृत भाषा वर्तमान में युवा पीढ़ी को संस्कृत भाषा के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने संस्कृत भारती द्वारा चलाए जा रहे अभियानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारे प्राचीन ग्रंथों को समझने के लिए संस्कृत भाषा का अभ्यास अति आवश्यक है। कार्यक्रम में संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मंत्री धर्मेन्द्र कुमार अग्रवाल एवं विभाग संयोजक श्यामसुंदर शर्मा  ने संस्कृत भारती के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मथुरा जनपद अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने  कहा कि सन् 1969 में भारत की तत्कालीन केन्द्र सरकार ने श्रावण पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी आज विश्व के अनेक देशों में संस्कृत दिवस मनाया जाता है और संस्कृत भाषा को ज्ञान व विज्ञान की भाषा के रुप में स्वीकार किया जा रहा है इसलिए वर्तमान में विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी के नेतृत्व में आचार्य महावीर प्रसाद चतुर्वेदी, ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक चतुर्वेदी आदि वैदिक विद्वानों द्वारा स्वस्तिवाचन,हवन यज्ञ, पूजन वैदिक विधिविधान के साथ सम्पन्न कराया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मथुरा महानगर कार्यवाह विजय अग्रवाल बण्टा, अखिल जी,अनिल मित्तल,  हरस्वरुप यादव, संदीप चौधरी, विष्णु जी, रामजी लाल, श्यामबाबू, जगदीश राजपूत, साहित्याचार्य शरद, मनोज एवं मनीष पाठक शास्त्री,प्रेमचंद, तरुण नागर, पंकज जी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ ध्येय मंत्र से किया गया। इस अवसर पर रामदास चतुर्वेदी शास्त्री, संदीप चौधरी  द्वारा पधारे हुए सभी अतिथियों का शाल दुपट्टा स्मृतिचिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का समापन वृक्षारोपण के साथ किया गया।
कार्यक्रम संचालन प्रचार प्रमुख रामदास चतुर्वेदी शास्त्री ने किया।

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