बंसीवारा सुना रहा आज का बब्बर पैरोडी शेर- लाख जोड़ लिए प्राणी तूने हीरे-मोती, भूल गया कफ़न में जेब नहीं होती
जिन्होंने अपने फ़र्ज़ के साथ किया दगा, उनका कैसे हो सकता बंसीवारा सगा, दगाबाजों को मिलने दगे ही दगे
पूछेगा बंसीवारा- मैंने तुम्हें सत्ता की चाटुकारिता करने के लिए भेजा था? दे नहीं पाओगे जवाब, खड़े रह जाओगे!
जिसने भी अपने पदाधिकार का दुरुपयोग किया, उसे कैसे दे सकता पदोन्नति बंसीवारा, दुर्गति तय कर चुका बंसीवारा
पैरोडी शेर- सवाल ज़हर का नहीं है, वह तो बंसी वारा पी गया, तकलीफ़ उन्हें इस बात से है, कैसे बंसीवारा जी गया?
लुटेरों को ज़्यादा ख़बर, बंसी वारे में भरा कितना ज़हर, देने वालों को नहीं पता होगा- "पी गया, सारा ज़हर बंसीवारा!"
बंसी वारे से बंसीवारा सुन रहा गाना- तू भी तो तड़पा होगा मन को बना के, तूफ़ां ये प्यार का, दिल में जगा के,
कोई छवि तो होगी आंखों में तेरी, आंसू भी छलके होंगे आंखों से तेरी, लुक-छुप तमाशा देखे, वाह रे तेरी खुदाई
सज गया, जैसे सजना था लुटेरों का विमान, चाहे कराओ सजावट या करो मंदिर का उद्घाटन, कुछ नहीं बदलने वाला
ठाकुर हमरी यमुना मैया, हम हैं यमुना मैया के, भला कहो के हमें बुरा कहो, हम हो चुके यमुना मैया के -श्री शरणानंद जी महाराज
सच्ची कहानी- यह जो बड़े-बड़े पदों पर आसीन लोग देखते हो न, बंसी वारे के खिलौने हैं, जब चाहता, बनाता/मिटाता!
बंसीवारा क्यों फॉर्म में नहीं आएगा, भारत में फैला भ्रष्टाचार, व्यभिचार, अत्याचार, धर्म की आड़ में अधर्म, काफ़ी नहीं?
बंसीवारे के पास कहां से आई ऐसी शब्दावली? बंसीवारा ही लिखवाता और कहता- 'लिख, जो मैं कह रहा हूं, वह लिख!'
देश के सब गद्दारों को, बंसीवारा ऐसा सबक सिखाएगा, बंसीवारे को भूल न पाएंगे, बंसीवारा आएगा? गया कहां था?
जिनके नेत्रों को नहीं मिली ज्योति, उनको नहीं आता नज़र बंसीवारा, सबके रोम-रोम में ही नहीं, कण-कण में बंसीवारा
देश देख रहा रखवालों को, देख रहा पहरेदारों को, देख रहा चाटुकारों को, कर रहे कैसी रखवाली, पहरेदारी, चाटुकारिता
बंसी वारे का मिलना, मानो फौज में भर्ती होना, सालों दौड़ लगानी पड़ती, मिनी सेकंड भी लेट हो गए, धक्का मिलता है
दिल्ली कुछेक बार लुटी होगी, मथुरा रोज़ लुटता है, नहीं मथुरा का इतिहास लिखता है, मथुरा इतिहास रचता है!
मथुरा होना मामूली बात नहीं, यहां का राजा अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान को मारने की नियत रखता था
मथुरा होने के लिए बड़े-बड़े दंश झेलने पड़ते हैं, बड़े-बड़े कंस झेलने पड़ते हैं, नर्क कुंडों से होकर निकलना पड़ता है
मथुरा में जन्म लेकर जब बंसीवारा खुद इतना झेला, क्या हुआ जो बंसीवारे से लुटेरों का गठबंधन थोड़ा-बहुत खेला
अब नहीं जाएगा झेला, बंसीवारा खोलकर देखेगा सबका झोला, जो बचेंगे, वह देखेंगे भविष्य में बंसीवारे का खेला
प्रासंगिक पंक्तियां- मैं धर्म भूमि, कर्म भूमि, कृष्णा की जन्मभूमि, विश्व में पहचान रखता हूं, मैं मथुरा हूं!
मैं न्याय हूं, विश्वास हूं, मैं दुखियों की आवाज हूं, हर इक दिल में वास करता हूं, मैं मथुरा हूं, मैं मथुरा हूं!
बंसीवारे ने ग्राउंड जीरो पर उतर लोगों की बात ही नहीं सुनी, उनके चेहरे भी पढ़े, सीने में जलन और आंखों में तूफान था
सत्य कि मथुरा धर्म भूमि मगर कुछ विधर्मियों ने इस भूमि पर बड़ा जाल फैला रखा है, जिसमें अब उनको ही फंसना है
कलयुग चल रहा है सर, ऐसा युग जिसमें, दिखाते ऐसे, जैसे मानो स्वर्ग चल रहा है, देखा आपने कैसा नरक चल रहा है?
भविष्यवक्ता बता रहे आने वाले समय में धर्म परायण ही बचेंगे, कुकर्मियों का आ रहा समय, आगे कुकर्मी नहीं रहेंगे
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता सुशील कुमार सिंह के अनुसार कलयुग 2039 में हो जाएगा समाप्त, उसके बाद सतयुग आएगा
आज की प्रासंगिक पंक्तियां- कुछ कश्तियों के लिए यह भंवर भी तो हैं, क्या जरूरी कि सबको किनारा मिले!
अपनी जन्मभूमि के ठेकेदारों को देखेगा अब अखिल ब्रह्मांड का सबसे बड़ा ठेकेदार, बजाएगा बैंड बंसीवारा
मथुरा के कुछ मठाधीश सरकार की छाती पर इसलिए मूंग दल रहे कि उनके पास सोशल मीडिया की टीम मगर फेल
सोशल मीडिया पर टिप्पणियां करने वाले पाते धनराशि, सत्तारूढ़ दल अपने पक्ष में टिप्पणियां कराने में अव्वल
इसलिए देशवासियों अब आप सभी जाओ संभल, किसी शातिर के शब्दों संग न बहना, है पैसों से लिखी हर भाषा
कोई लूट का ठेका लिए बैठा, कोई पार्किंग का, मीडिया और सोशल मीडिया के भी ठेकेदार, सब ठेकेदारों का गठबंधन
तीन लोक से न्यारी मथुरा नगरी में हर ओर ठेकेदार ही ठेकेदार, हर तरफ़ सफ़ेदपोश माफियाओं की ठेकेदारी
समूहों का प्रभाव भौतिक शक्तियों पर भले पड़ जाए, बंसी वारे पर नहीं पड़ता, बंसीवारा पल में बनाता/मिटाता समूह
आज का विचार- कोई लाख चाहे, किसी के चाहने से कुछ होता नहीं है, बंसी वारे ने जो लिख रखा, होता सिर्फ वही है
बंसी वारे के खेल निराले, खेलने वालों को अपने प्यारों से खूब खेलने देता है, फिर खेलने लायक नहीं रहने देता है!
ज्ञानी मान रहे सच्ची बातें, सब उसकी माया है, सब में वही समाया है, नेक राह वही चल पाते, जिन पर उसकी छाया है
आंख वही, चश्मा भी वही है, जिसे दिखाना चाहता जैसा, ऑंखों पर उसकी वैसा चश्मा चढ़ा देता है, ऐसा बंसीवारा
ओ प्यारे, पल में पलट देता है जो बाज़ी सारी, कोई और नहीं निकाल पाएगा, निकालेगा कश्ती अब वही, भंवर से तुम्हारी
ज़मीं वही, आस्मां भी वही है, डार्क वही, लाइट भी वही है, स्काई वही, काइट भी वही है, रोज़ देता बाइट भी वही है
जिस किसी बंसी वारे का हो जाता सच्चे दिल से बंसीवारा, नहीं रहने देता जीवन में उसके अंधेरा, कर देता उजियारा!
अपने प्यारे बंसी वारों को दृश्य और अदृश्य सब नज़र करा देता है, बंसीवारा एक पल में सारे जहां की सैर करा देता है
वह किसी को फोन नहीं करता मगर अच्छे-अच्छों की बत्ती बुझा देता है, सब पावर पॉइंट, पावर हाउस सिर्फ बंसीवारा
टीटीआई न्यूज़ पर आती सच्ची कहानियां हैं, तभी सर्व समाज इनको पढ़ता है, क्यों न पढ़े, ज्ञान जो मिलता है
बड़ा दयालु ही नहीं, बड़ा निर्मम भी बंसीवारा, नहीं भाता जब, पलट कर रख देता खेल सारा, खेलने वाले अब खेल!
सबके अंदर बैठा बंसीवारा सब पर नज़र रखता है, खोदते जो औरों के लिए गड्ढा, उनके लिए खाई खोदकर रख देता है
सच्चे दिल से कह कर देखो- गोपाल सहारा तेरा है, नंदलाल सहारा तेरा है, मेरा और सहारा कोई नहीं, सहारे मिल जाएंगे
प्रसिद्ध भजन- कृपा की जो न होती आदत तुम्हारी तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी, न घर-घर में होती पूजा तुम्हारी!
जिसे गुरु ने दे दिया आशीर्वाद जय हो, उसकी हार नहीं होती, बंसी वारे के साथ महागुरु, गुरुओं का गुरु बंसीवारा!
देश-दुनिया से मथुरा आते जो बंसी वारे, बंसीवारा लाता है, सेवा करने की बजाय जो लुटवाता, प्रभु को नहीं भाता है!
बंसी वारे को तुम याद कर लो, कष्ट पल में कटेंगे तुम्हारे, उसने कर दी नज़र जो दया की, सारे कमतर बनेंगे सितारे!
श्री कृष्ण जन्मभूमि मिली है तो बंसी वारे और उसके प्यारों से लव कर लो, जितना कर सकते हो पुण्य, यहीं सब कर लो
बंसी वारों के साथ जो खेले जाते खेल, बंसी वारे जाते झेल, बंसीवारा नहीं करता बर्दाश्त, निलंबित नहीं, करता बर्खास्त
ओ रे भाई कल की चिंता, जगत पिता पर छोड़ो, स्वार्थ बिना प्रीत जोड़ो, क्या होनी है, क्या अनहोनी, सबका उसको ध्यान
भजन- तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को डरे,
नैया तेरी राम हवाले, लहर-लहर प्रभु आप संभाले!
कि डोरी सौंप के तो देख एक बार, उदासी मन काहे को डरे,
सहज किनारा मिल जाएगा, परम सहारा मिल जाएगा!
बाढ़ की विभीषिका से जो जूझे, उन्हें अनुदान देना राम जी, हौंसले से घोंसले का फिर निर्माण करें, वरदान देना राम जी!
भजन- फूलों में महक तुमसे, तारों में चमक तुमसे, इतना बता दो कहां तुम नहीं हो, ये सब को पता है तुम हर कहीं हो
जब-जब इस धरती पर धर्म की हानि और अधर्म का प्रावल्य हो जाता है, तब-तब ही मैं जन्म लेता हूं -योगेश्वर श्री कृष्ण
आज की पैरोडी प्रार्थना- करते कंसों का संहार हो तुम, श्री कृष्ण तुम्हारी जय होवे, जन लाज बचावन हार हो तुम
श्री कृष्ण तुम्हारी जय होवे, करते हैं अरज यही सदा, मन व्याधि/विकार न हो पैदा, संसार के प्राण आधार हो तुम
यमुना मैया को बंसी वारे ने सुनाया पैरोडी गीत- अगर तू है तारने वाली मैया तो डुबोने वाला मझधार सबका बाप मैं हूं
श्राद्ध का प्रथम दिन था, बंसी वारे ने सोचा यमुना मैया के दर्शन कर आऊं, और लगे हाथ पितृ तर्पण भी कर आऊं
बंसीवारा सब जान रहा था, बोला चल, मैं भी चल रहा हूं तेरे साथ, मैं भी अपनी पटरानी यमुना महारानी से मिल आऊंगा
बंसी वारे के साथ था बंसीवारा, तभी तो सड़क तक स्वागत को आईं श्री श्याम सुंदर यमुने महारानी, लाईं सच्ची कहानी-
आप ही देख लो, मैं तो सभी देवी-देवताओं के लिए बाढ़ के रूप में लाई शुद्ध पानी, उसमें भी मिल रहा सीवर का पानी
क्या कहता बंसीवारा- "आप चिंता मत करो यमुने महारानी, निकम्मों को मैं देखूंगा, अभी इनको कर लेने दो मनमानी!"
बृजवास कर रहे सर्व देवी-देवताओं के स्नान को बाढ़ बन आई यमुना मैया, नाकामियों ने मिलाया सीवर का पानी
यमुना की बाढ़ ने किस-किसके अरमानों पर फेरा पानी, सोचो-समझो बाढ़ से परेशान कौन, यह आज का व्यंग्य-
अबे ओए छोरा यमुना किनारे वारे, आज कोई तोड़ी कि नांए? अरे मालिक कैसी बात कर रहे हो? बाढ़ चल रही है!
तौ काह भयो, चलते-फिरते ही हाथ मार देतौ, कैसी बात कर रहे हो मालिक? आरती में श्रद्धालु होते, तभी तौ हाथ मारतो
सच्चा फ़िल्मी गीत- आजा-आजा मेरे मिट्ठू मियां, तुझे पिंजरे में बंद कर लूं, मिट्ठू मियां से मीठी-मीठी, बातें मैं चंद कर लूं
सच्ची कहानी- लुटेरों ने पाल रखे लैंगिक/समलैंगिक तोते/तोतियां, सोशल मीडिया चैटिंग से सेटिंग, फिर ब्लैकमेलिंग
हर प्राणी की आत्मा परमात्मा की पावर से संचालित, लोग सोचते सब कुछ वह कर रहे, वास्तव में सब कुछ परमात्मा
आत्मा परमात्मा का प्रतिबिंब, प्राणी के अंदर जो आत्मा, उसका परमात्मा से मोबाइल टावर और सिग्नल जैसा संबंध
अनुभूति- जिस किसी बंसी वारे का बंसीवारा साथ देता है, अखिल ब्रह्मांड की सारी शक्तियां उसका साथ देने लगती हैं
गहरी बात- ब्रह्म मुहूर्त में जब आंख खुले, निर्मल भाव से बोलना बंसी वारे की जय, अंदर से जवाब न मिले तो बताना
आज का शेर- न मैं गिरा, न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे, मुझे गिराने की कोशिशों में कुछ लोग मेरी नज़रों से जरूर गिरे!
बंसी वारे ने की प्रार्थना- हरि कर दो दूर अंधेरे, गुरुदेव सांवरिया मेरे, हरि ने दिखा दिए इर्द-गिर्द कितने लुटेरे
गुनगुनाती पंक्तियां- क्या भेंट करूं तुमको, क्या चीज़ हमारी है? यह दिल भी तुम्हारा है, यह जां भी तुम्हारी है?
कहते हैं प्रभु सत्य वचन कि तेरे पास अपना कुछ भी नहीं, तेरा सिर्फ "अहंकार" है, वह भेंट कर, वही मेरा भोजन है!
निर्मल मन जन, सो मोहि पावा, मोहि कपट छल छिद्र न भावा अर्थ स्पष्ट है कौन प्रभु को पाते, कौन-कौन नहीं भाते!
बंसी वारे के जरिए जो कहता बंसीवारा, समझदार समझते सत्य है यह सब सारा, 24 कैरेट सोने से ऊपर वाला बिठूर
भगवान की लीला को समझ पाना कठिन नहीं, बहुत सरल है मगर उनकी लीला समझने के लिए होना पड़ता निर्मल है
सत्य- पानी होती जिसकी प्रसादी, भिक्षुक रूप में जाकर भी हरि पाते, पापी धराएं लाख छप्पन भोग, सब धरे रह जाते!
जब गोद ही नहीं रहेगी तो गोद भराई कौन देगा, इसलिए गोद में बैठे लोभी-लालची और मजबूर गोद से उतर रहे हैं?
कहत हरिदास- हरि कौ सब ऐसौ ही खेल, यौं पंछिन में ढेल! कंकड़ी के गिरते ही दाना चुगते सारे पंछी फुर्र से उड़ जाते हैं
बंसी वारे ने ग्राउंड जीरो पर उतर जाना- "लोग मीडिया को दे रहे थे उलाहना, पीड़ितों का दर्द किसी से नहीं जाता जाना!"
सच्ची कहानी- संसार का प्राण आधार बंसीवारा थोड़ा समय जरूर लेता है मगर उसके पीसे को, कोई छान नहीं पाता है!
पैरोडी पंक्तियां- यमुना आदि नदियों में बाढ़ और समुद्र में तूफ़ान तो आते हैं, जो प्रभु के भरोसे हैं, प्रभु आप बचाते हैं
आज का विचार- भोले-भाले लोगों से जो खेलते, बंसीवारा उन पर कहर बनकर टूटता है, थोड़ा समय जरूर लेता है!
गीतकार डॉ विष्णु सक्सेना की पंक्तियां- एक दिन फूल से तितलियों ने कहा- कैसे रहते हो खुश तुम हर इक हाल में?
फूल बोला कि खुशबू लुटाता हूं मैं, इसलिए रहता हूं मैं मस्त हर इक हाल में! (कमी नहीं कोई उस घर में, हरि करते वास)
राहुल को नहीं अभी इतनी जानकारी, सच्चे पत्रकार रखते जितनी जानकारी, डाल-डाल ही नहीं, पात-पात से नाता
एक दिन खुलेंगे उनके भी कुकर्म, ईमेल/पासवर्ड प्रदान कर कराए जाते जिनसे कुकर्म, पासवर्ड देने/लेने वाले भी खुलेंगे
आज का पैरोडी गीत- मोबाइल और सिस्टम आपका मगर चलाता कोई और है, कौन कर सकता इतनी बड़ी हिमाकत?
एक पाप खुल गया, शेष पाप भी देखना अपने आप खुलते चले जाएंगे, सफ़ेदपोशों के चेहरे काले पड़ते चले जाएंगे
लीलाधर की सब लीला, वही लीला सबके सर देता धर, जिनके जरिए हो लीला, कभी न सोचें, वह रहे कुछ कर
राधे तू बड़भागनी कौन तपस्या कीन, तीन लोक तारन तरन, सो तेरे आधीन? हमारो धन राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा
खुद बंसीवारा कहता डंके की चोट- 100 सांप खड़े हों, उधर से निकल जाना, किसी बंसीवारे की ओर भूल से मत जाना!
अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय मगर 100% सच्ची, बंसी वारे की सच्ची कहानी, बंसीवारा कहता खुद अपनी ज़ुबानी!
सच्ची कहानी- श्री कृष्ण नगरी के मंदिरों में लगती लुटेरों की ड्यूटी, लुटेरों और लूट पर सरकारी कर्मचारी रखते नज़र!
बंसीवारे का चेन नहीं बरामद करा सके, लुटवा डाले श्रद्धालु असंख्य, ऐसे लुटेरों को ओढ़े या बिछाए, खुद देखे जनता?
देश-दुनिया वासियों को श्री राधा अष्टमी की हार्दिक बधाई, स्वीटी सुपारी, एमआर ग्रुप मथुरा निदेशक सुनील अग्रवाल
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