आज 14 अप्रैल 2024 को क्या करें, क्या न करें?

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  • Jeevan Mantra

आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक - 14 अप्रैल 2024

दिन - रविवार

विक्रम संवत् - 2081

अयन - उत्तरायण

ऋतु - वसंत

मास - चैत्र

पक्ष - शुक्ल

तिथि - षष्ठी सुबह 11:43 तक तत्पश्चात सप्तमी

नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 01:35 अप्रैल 15 तक तत्पश्चात पुनर्वसु

योग- अतिगण्ड रात्रि 11:33 तक तत्पश्चात सुकर्मा

राहु काल - शाम 05:21 से शाम 06:56 तक

सूर्योदय - 06:22

सूर्यास्त - 06:56

दिशा शूल - पश्चिम दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:36 तक

अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:04 तक

निशिता मुहूर्त- रात्रि 00:16 अप्रैल 15 से रात्रि 01:01 अप्रैल 15 तक

व्रत पर्व विवरण- डॉ. अम्बेडकर जयंती, रविवारी सप्तमी सुबह 11:44 से 15 अप्रैल सूर्योदय तक

विशेष- षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

चैत्र नवरात्रि?

नवरात्रि के षष्ठी तिथि पर आदिशक्ति दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा करने का विधान है। महर्षि कात्यायनी की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन इनकी पूजा और आराधना होती है। माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रृति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौलिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं।

नवरात्र की षष्ठी तिथि यानी छठे दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं। इससे धन लाभ होने के योग बनते हैं।

रविवार विशेष?

रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)

रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)

रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है।

रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए।

स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।

रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है।

रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है।

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