ईश निंदा कानून को भारत में कड़ाई से लागू करवाने के लिए, घर घर होगा जन जागरण, शीध्र किया जाएगा हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ

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रामदास चतुर्वेदी मथुरा 01 अगस्त 2024

सनातन धर्म के आराध्यों के प्रति प्रतिदिन अपराध करने वालों के लिए ईश निंदा कानून को भारत में कड़ाई से पालन करवाने के लिए शीघ्र ही जन जागरण अभियान के माध्यम से हर घर से हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ होगा।
तीर्थ पुरोहित चतुर्वेदी समाज के सरदार, श्री माथुर चतुर्वेदी महापरिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं श्री दीर्घ विष्णु मंदिर के महंत कान्तानाथ चतुर्वेदी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखित श्री रामचरित मानस के अनुसार। *हरि हर निंदा सुनहि जो काना,होय पाप गौ घात समाना।*
अर्थात श्रीहरि की निंदा को अपने कानों से सुनने से गौ हत्या के समान पाप लगता है।
तथाकथित कथावाचकों द्वारा अपने धनोपार्जन के लिए श्री हरि कथा को अपना आजिविका का साधन बना रखा है जिससे सनातन धर्मानुरागियों को कोई परेशानी नहीं होती लेकिन ऐसे तथाकथित कथावाचकों द्वारा प्रतिदिन अपने कथा पंडालों में प्रवचनों के हास्य, उपहास के माध्यम से मनगढ़ंत कथा कहना तथा ठाकुर जी के प्रति अपमान जनक और अपशब्दों का प्रयोग निरंतर किया जाना घोर अपराध की श्रेणी में आता है जिस पर समय रहते नियंत्रण करना भारत जैसे देश में आवश्यक है, क्योंकि भारत सदैव मानव संस्कृति के लिए विश्व गुरु के रूप में रहा है, वर्तमान में इसका संवैधानिक स्वरूप धर्मनिरपेक्ष है, उस परिस्थिति में किसी भी धर्म के आराध्य  के प्रति उपहास जनक प्रवचन कहना, अपशब्दों का प्रयोग करना और फिर जन आक्रोश उत्पन्न होने पर मांफी मांग लेना इसका समाधान नहीं हो सकता है।
ऐसे कृत्यों से तथाकथित कथावाचकों के हौसले निरंतर बढ़ रहे हैं।
जब तक देश में धर्म संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए ईश निंदा जैसे कानूनों का कड़ाई से पालन नहीं होता है ,तो भारत के संवैधानिक स्वरूप का भी संरक्षण नहीं हो सकता है ।
इसलिए सनातन धर्मानुरागियों ने निर्णय किया है कि ऐसे कृत्यों पर रोक लगाने के लिए हमने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य मंत्री कानून बनाने की मांग की है  साथ ही धर्माचार्यों और शंकराचार्यों से भी सहयोग की मांग करते हैं।
संस्कृत भारती महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेंद्र नागर ने कहा है कि विषय जन जन के आराध्यों के अपमान का प्रतिदिन बनता जाता है और माफी मांगने में समाप्त हो जाता है जिससे ऐसे तथाकथित कथावाचकों को अपराध बोध नहीं होता, सनातन धर्मानुरागियों ने तय किया है कि ऐसे धार्मिक अपराधियों पर नियंत्रण के लिए कानून बनाने की मांग हर घर से की जाएगी, कानून को कड़ाई से लागू करवाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।
संस्कृत संस्कृत भारती मथुरा पुरी महानगर के प्रचार प्रमुख रामदास चतुर्वेदी शास्त्री ने कहा कि शीघ्र ही मथुरा पुरी सहित भारतवर्ष के धर्माचार्यों से विचार-विमर्श के पश्चात् इस हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ किया जाएगा।

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