आज‬ का पंचांग | प्रस्तुति - रवींद्र कुमार | प्रसिद्ध वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ ज्योतिषी (राया वाले)

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  • Jeevan Mantra

प्रस्तुति - रवींद्र कुमार 

प्रसिद्ध वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ ज्योतिषी (राया वाले)

|।ॐ।|

आज‬ का पंचांग

तिथि.........त्रतीया

वार........... बुधवार

पक्ष... .......कृष्ण       

नक्षत्र......... स्वाति

योग...........हर्षण

राहु काल.....१२:२५--१३:५९

मास(अमावस्यन्त).......फाल्गुन

मास (पूर्णिमांत).......चैत्र

ऋतु......................बसंत

कलि युगाब्द....५१२२

विक्रम संवत्....२०७७

31  मार्च  सं  2021

आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो

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 आज की कहानी

एक आंख सुधार की,एक आंख दुलार की

मिडिल क्लास फॅमिली में पली बढ़ी खुशबू अपने जिंदगी में सबसे ज्यादा गुस्सा अपने पापा 

से थी। पापा के लिए उसके मन में नफरत के अलावा कुछ न था।

22 साल की हो चुकी खुशबू ने आज तक एक भी वेलेंटाइन नहीं बनाया था।जबकि उसकी क्लास मेट्स हर साल अलग-अलग बॉयज के साथ वेलेंटाइन डे मनाती थी ...

खैर,आज खुशबू आग्नेय से शादी के वक़्त सबसे ज्यादा खुश थी कि आखिर इस बेहद स्ट्रिक्ट, कड़क और डिसिप्लिनड पापा से छुटकारा तो मिला। ये न करो, वो न करो, ऐसे कपड़े न पहनों,लेट नाईट पार्टियाँ नहीं,लड़कों से दोस्ती नहीं।

आज तक एक स्मार्टफोन खरीद तक नहीं दिया...!... सारे सपनों और अरमानों को अपने नैरो माइंडेड सोच के कारण कुचलकर रख दिया ।अब मैं आग्नेय के साथ सारी दबी इच्छाएँ पूरी करूँगी।आग्नेय और खुशबू पिछले तीन सालों से एक ही कॉलेज में साथ साथ पढ़ते थे और एक दूसरे को अच्छी तरह जानते थे एक दूसरे की पसंद नापसंद का अच्छे से ख्याल रखते थे। खुशबू ने बहुत डरते डरते पापा से आग्नेय के साथ शादी की इच्छा जताई थी।और पापा ने आग्नेय और उसके परिवार वालों से मिलकर शादी के लिए हामी भर दी।

खुशबू ने विदाई समय पहली बार पापा को उससे लिपटकर बच्चों की तरह फूट फूट कर रोते देखा पर खुशबू को पापा के इमोशन से कोई मतलब न था वह बस पत्थर की बुत बन खड़ी थी,जाते जाते पापा ने ढ़ेर सारे गिफ्ट के साथ एक बंद लिफाफा भी खुशबू को दिया।

ससुराल पहुँचते ही सबसे पहले खुशबू ने लिफाफा खोल पापा की चिट्ठी को पढ़ना शुरु किया " खुशबू बेटा !! मैं जानता हूँ कि पिछले दस सालों से मैं तुम्हारे साथ बैड डैड की तरह पेश आता रहा।मैं तुम्हारे सामने स्ट्रिक्ट इसलिए बनता था क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि तुम्हारा भी हाल रागिनी जैसा हो। रागिनी मेरे साथ कॉलेज में पढ़ने वाली एक बहुत अच्छे घर की पढ़ने में तेज शरीफ लड़की थी परंतु फैशन और नकली ग्लैमर के चक्कर में उसने अपनी ज़िंदगी बर्बाद कर ली थी।उसने वो सब किया जिससे मैं तुम्हें हमेशा रोकता रहा।फैशनेबल कपड़े ,लड़को से दोस्ती,लेट नाईट पार्टियाँ सब करती थी ,सोचती चरित्र अच्छा है तो इन सब में कोई हर्ज नहीं।फिर एक दिन उसके ड्रिंक्स में नशा डालकर उसके कुछ दोस्तों ने ..। इस घटना से वो अपना दिमागी संतुलन खो बैठी और समाज के तानों और लोगों से बचने के लिए उसके पापा ने उसकी माँ और छोटी बहन के साथ सल्फास खाकर सुसाइड कर लिया।"

खुशबू बेटा !! आज से तुम अब दो परिवारों की इज़्ज़त हो और मैं तुमसे यही उम्मीद करूँगा कि तुम ऐसा कोई काम नही करोगी जिससे दोनों परिवारों की इज़्ज़त पे कोई दाग लगे और हो सके तो अपने बैड डैड को माफ कर देना।

चिट्ठी पढ़कर खुशबू फूट-फूट कर रोते हुए तुरंत फ़ोन लगाकर भर्राए आवाज़ में पापा से कहा" मुझे माफ़ कर दीजिए पापा - मैं आपके गुस्से के पीछे के प्यार को नही देख पाई!!आपके चिल्लाहट के पीछे की केअर नहीं देख पाई!आपकी झुंझलाहट के पीछे का समर्पण नही देख पाई !मैं हर जन्म में आपकी ही बेटी बनना चाहूँगी पापा ..

वक़्त बीतता गया ....

खुशबू को ससुराल आए लगभग एक साल होने को आया...मगर ऐसा कोई दिन ना था जिस दिन उसने अपने पापा को याद ना किया हो।आज उसके पापा का जन्मदिन था।सुबह मंदिर गई ।पूजा की ...पापा की खुशी और सलामती के लिए दुआएँ माँगी।फिर शाम में केक लाकर अपने ससुरालवालों के साथ उनका जन्मदिन मनाने का प्रोग्राम बनाया।फिर केक काटने से पहले पापा को वीडियो कॉल लगाया उधर पापा मम्मी के साथ उदास बैठे थे।खुशबू उन्हें देखते ही चहक के बोली " हैप्पी बर्थडे टू यू माई स्वीट पापा !! पता है पापा  यहाँ मैं आपकी डाँट आपके गुस्से को हर दिन मिस करती हूँ ।यहाँ सारे लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं स्पेशली सासू माँ! पता है पापा... एक दिन घर में मुहल्ले की औरतों सासु माँ को जब ये बोल रहीँ थीं कि कितनी अच्छी बहू मिली है तुम्हे। बोली और स्वभाव में शालीनता, जरूर इसके मम्मी पापा से विरासत में मिले है।आज कल की लड़कियों में इतने संस्कार अब कहाँ मिलते हैं।आपके लिए ये शब्द सुनकर पापा मेरा सर फक्र से ऊँचा हो गया।

आज मुझे आपपे प्राउड है पापा। आप मम्मा को हमेशा बोलते थे कि सारी दुनिया को तो सुधार नही सकते बस अपना दामन बचा के रखना होगा।जानती हूँ पापा और महसूस भी किया है मैंने कि आजकल लड़कियों के लिए बॉयफ्रेंड बनाना,ड्रिंक्स करना,लिव इन रिलेशन रहना और ट्रांसपेरेंट ड्रेस पहनना फैशन सा है पर आपने एक सुरक्षा कवच बनकर मुझे इन बुराइयों से बचाये रखा।

आपको पता है पापा जब मैं यहाँ बी.एड. का एग्जाम पास कर टीचर बनूँगी ना... तो बच्चो को यही सिखाऊंगी कि डैड के तेज गुस्से के पीछे का प्यार महसूस कर सको तो कर लो,ऐसा न हो कि बाद में सिर्फ पछताने के सिवा कुछ न रहे

दूसरी तरफ पापा के होंठ काँप रहे थे।वो बोल रहे थे आँखों से लगातार आँसू लिए मुँह से अपनी खुशबू बेटी के लिए " खुश रहो भगवान करे तुम्हें मेरी उम्र और खुशियाँ लग जाए बेटा!

प्रत्येक परिवार इसी तरह के संस्कार अपने बच्चों को देना चाहते है और हर माँ और पिताजी की यही भावना होती है कि कहीं मेरे दामन में कोई भी किसी भी प्रकार का दाग न लग जाए. 

माता-पिता को बच्चों पर एक आंख सुधार की, एक आंख दुलार की रखनी होगी।

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