उत्तर प्रदेश, मथुरा : चौमुहां में भृष्टाचार के फैले दानवों ने गरीबों के मुहं तक का निवाला छीना

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विक्रम सैनी

टीटीआई न्यूज़

चौमुहां 6 नवंबर 2020 

केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार ने विभिन्न सरकारी योजनाएं संचालित कर रखी है लेकिन गरीब तबका आज भी इन योजनाओं के लाभ से वंचित है।

नीचे से उपर तक फैले भृष्टाचार के दानवों ने गरीबों के मुहं का निवाला तक छीन लिया है। ऐसा ही मामला विकास खण्ड चौमुहां के गांव सहार में देखने को मिला। सहार आजादी के सत्तर साल बाद भी विकास से अछूता है। गांव के नागरिक मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है।

प्रदेश सरकार के उर्जा मन्त्री जहां हर घर को रोशन करने का वादा कर रहे वही गांव के कुछ घरों में आज तक बिजली का एक बल्व तक नहीं लगा है।

सरकार से इन्हें मतदान करने का अधिकार तो है। लेकिन इनके लिये सरकार का होना न होना एक बराबर है। जिन जन प्रतिनिधियों को इन्होंने चुनकर भेजा उनमें से किसी ने भी चुनाव के बाद मुडकर नही देखा। ग्रामीणों का कहना हैं कि वे गांव के विकास की गुहार लेकर  ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख, विधायक व सांसद के पास भी गये, लेकिन किसी ने भी एक न सुनी।  वर्तमान में भी लक्ष्मी नारायण चौधरी छाता क्षेत्र से भाजपा सरकार में कैबिनेट मन्त्री है। लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नही है। आखिर इनके साथ सौतेला व्यवहार क्यों हो रहा है?

सरकार की विभिन्न योजनाएं भी न कर सकी इनका भला।

मनरेगा, उज्ज्वला, प्रधानमन्त्री आवास योजना, स्वच्छ भारत योजना के तहत शौचालय निर्माण जैसी अनेक योजनाएं भी इनको लाभांवित नहीं कर सकी। ग्रामीण देवकी मैथिल ने बताया कि जब वह ग्राम प्रधान और ग्रामविकास अधिकारी के पास इन योजनाओं का लाभ लेने पहुँचा तो इन लोगों द्वारा सुविधा शुल्क की मांग की गई।

उससे ग्राम प्रधान और सचिव ने शौचालय के लिये 6 हजार और आवास के लिये 25 हजार रूपये की मांग की । ग्रामीण बच्चू सिंह ने बताया कि वह अस्थमा का मरीज है। वह राज मिस्त्री का काम किया करता था लेकिन अस्थमा होने के कारण अब उससे काम नहीं हो पाता है। उसके तीन बच्चे हैं। घर का खर्च चलाने के लिए उसकी पत्नी पुलिसकर्मियों के घर पर खाना बनाती है। उसके पास रहने के लिए खुद का मकान तक नहीं है। वह किराये के मकान में रह रहा है।

उसने कई बार प्रधान और सचिव से आवास बनवाएं जाने की गुहार लगाई लेकिन सुविधा शुल्क की मांग पूरी न कर पाने के चलते वह आज भी बेघर है। जबकि अपात्र लोग प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठा रहें हैं।

बच्चू सिंह ने रो रो कर अपना दुखडा सुनाते हुए कहा कि अगर हमारे पास पैसे होते तो हम खुद ही मकान बना लेते इसी बजह से आज भी हम किराए के मकान में रहने के लिये मजबूर है। ढोलक मास्टर  सन्तोष लाल ने भी प्रधान और सचिव पर योजनाओं का लाभ दिलाने के एवज में सुविधा शुल्क मांगे जाने का आरोप लगाया। वही ग्रामीणों  ने बताया कि राशन डीलर उन्हें पूरा राशन नहीं दे रहा है।

घटतौली कर बचाएं गए राशन को डीलर काला बाजारी कर बाजार में बेच रहा है। जिसकी वजह से उन्हें कभी कभार राते भूखे पेट सो कर गुजारनी पडती है। ग्रामीणों का कहना था कि पहले जो पेंशन मिलती थी अब वह भी नहीं मिल रही है।

गांव सहार के मौज नगला बंजारा के रहने सुभाष, सूरजमल, मुकेश, विशम्भर, आदि लोगों का कहना था कि नगला बंजारा में आज तक कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। यहां के लोग खरंजा, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से प्रतिदिन जूझ रहे हैं। नगला के अधिकांश लोग वर्षों से झोपड़ी में अपनी गुजर बसर कर रहें हैं। लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।

सहार में विकास कार्यों और में बरती गई अनियमित्ताओं का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों ने पंचायत सचिव का तबादला चौमुहां विकास खण्ड की दूसरी पंचायत में कर दिया था। लेकिन गांव के ही एक भाजपा नेता ने सत्ता की हनक दिखाते हुए पंचायत सचिव का स्थानांतरण रुकवा दिया।

बताया गया है कि पंचायत सचिव भाजपा नेता के ही इशारों पर काम करता है। किसको योजना का लाभ देना है किसको नहीं यह सब भाजपा नेता ही तय करता है।

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