शरद पूर्णिमा के उपाय

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  • Jeevan Mantra

आश्विन महीने की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते है। भारत के कई हिस्सों में इसे कोजागर पूर्णिमा  भी कहते हैं। मान्यता है की इस रात मां लक्ष्मी अपने भक्तों को खोजती हैं। शरदपूर्णिमा की रात दीवाली से भी ज्यादा अहम है, क्योंकि इस रात स्वयं मां लक्ष्मी अपने भक्तों को संपत्ति देने के लिये खोजती हैं। ज्योतिष और तंत्र शास्त्र में शरदपूर्णिमा को करने योग्य कुछ ऐसे उपाय बताए गए है जिनको करने से माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते है शरद पूर्णिमा को करने योग्य धन सम्बंधित उपाय।

शरद पूर्णिमा के उपाय

 

1. मोती शंख पर केसर से स्वास्तिक बनाएं 108 अक्षत लेकर एक एक अक्षत महालक्ष्मी मंत्र बोलकर चढ़ाएं…फिर उस अक्षत को लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी या कैश बॉक्स में रखें। मंत्र है- ओम श्रीं ओम , ओम ह्रीं ओम महालक्ष्मये नम :। चावल चंद्रमा का प्रतीक और शंख लक्ष्मी स्वरुप है। ये उपाय आप रात 9 बजे से लेकर आधी रात 12:30 तक कर सकते हैं।

 

2. घर में लक्ष्मी के स्थायी निवास के लिये, पूर्णिमा की शाम से लेकर सुबह तक अखंड दीप जलायें। चंद्रलोक में मां लक्ष्मी दीप रुप में विराजमान हैं। अखंड दीप की रोशनी से मां लक्ष्मी खिंची चली आयेंगी।

 

3. लक्ष्मी के तांत्रिक उपाय में आप छोटे नारियल की पूजा करके उसे पूजा स्थान पर स्थापित करें। अष्ट लक्ष्मी पर 8 कमल चढ़ाकर महालक्ष्मी अष्टकम पढ़ने से भी मां लक्ष्मी निर्धनों के जीवन में प्रवेश करती हैं।

 

4. दक्षिणावर्ती शंख से मां लक्ष्मी का अभिषेक करें और धूप,दीप ,फूल से पूजा करें, दक्षिणावर्ती शंख भी पूर्णिमा के दिन ही प्रकट हुआ था। श्रीसूक्त का पाठ करने से भी मिलता है धन।

 

5. पूर्णिमा को लक्ष्मी सहस्त्रनाम, लक्ष्मी अष्टोत्र नावामली, सिद्धिलक्ष्मी कवच, श्रीसूक्त, लक्ष्मी सूक्त, महालक्ष्मी कवच, कनकधारा के पाठ से भी आपको मां लक्ष्मी की कृपा मिलेगी।

 

6. पूर्णिमा को आंवला की पूजा से भी लक्ष्मी का घर में प्रवेश होता है। चांदनी रात में रखे आंवले में औषधीय शक्ति भी आती हैं

 

7. शरद पूर्णिमा पर महालक्ष्मी को खीर, छुहाड़े की खीर, मेवे की खीर का भोग लगायें। गाय के दूध में महालक्ष्मी का वास है, इसीलिये उन्हें खीर बहुत प्रिय है।

 

8. शरद पूर्णिमा के दिन माता अष्ट लक्ष्मी की तस्वीर लेकर उसपर केसर का तिलक करके कमल चढ़ाकर महालक्ष्मी अष्टकम पढ़े। इस उपाय से कुंडली में चाहे जैसा भी योग हो महालक्ष्मी अपने भक्त को जीवन में अचल ऐश्वर्य प्रदान करती है।

 

9. इस दिन ताम्बे के बर्तन में भरकर किसी ब्राह्मण को दान करने और साथ में दक्षिणा भी देने से बहुत पुण्य की प्राप्ति होती है और धन लाभ की प्रबल सम्भावना बनती है। इस दिन ब्राह्मण को खीर, कपड़ें आदि का दान भी करना बहुत शुभ रहता है

 

प्रस्तुति - पं. बनवारी लाल चतुर्वेदी

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