ब्रह्मोत्सव के दूसरे दिन निकली सूर्यप्रभा की सवारी

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विकास अग्रवाल

टीटीआई न्यूज़

वृन्दावन मथुरा उत्तर प्रदेश

वृन्दावन स्थित श्री रँगनाथ मन्दिर में आयोजित ब्रह्मोत्सव के दूसरे दिन सूर्यप्रभा की सवारी निकली। प्रातः काल मे निकली इस सवारी में भगवान रँगनाथ स्वर्ण निर्मित सूर्य वाहन पर विराजमान हुए। भगवान सूर्य ब्रह्माण्ड में प्रकाश करते हैं लेकिन उनके अंदर प्रभा प्रभु की ही है। क्योंकि नारायण उन सवितृ देव के मध्य विराजमान होकर अपनी शक्ति से सूर्यदेव बनाये हैं। इस सवारी में बैठे प्रभु के दर्शन करने से भक्तों के दृष्टि दोष दूर हो जाते हैं। सूर्य प्रभा पर विराजमान भगवान गोदारँगमन्नार की सवारी निज मन्दिर से निकलकर बारहद्वारी स्थित मंडप के समक्ष पहुँची जहाँ स्वामी गोवर्द्धन रंगाचार्य के नेतृत्व में सस्वर पाठ किया गया। यहां से सवारी मन्दिर प्रांगड़ में भृमण करने के बाद सिंह द्वार से होते हुए बाहर निकली और फिर बड़े बगीचा पहुँची। स्थान स्थान पर भक्तों ने प्रभु की आरती उतारी और प्रसाद अर्पित किया। शास्त्रों के अनुसार दिव्यदेश में नित्य उत्सब की प्रधानता है। श्रीरंग जी मन्दिर में भी वर्ष पर्यंत 384 उत्सब होते हैं। इन उत्सवों के दर्शन कर भक्त वैकुंठ के वैभव का इस धरती पर अनुभव महसूस करते हैं। इन्हीं उत्सवों में से सबसे प्रमुख ब्रह्मोत्सव हैं। जिसके बारे में कहा जाता है कि यह उत्सव स्वयं ब्रह्मा द्वारा बनाया गया हैं।

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