रिंकल मित्तल और रविन्द्र बंसल ने कोरोना संक्रमित लोगों के लिए प्लाज़्मा की व्यवस्था की

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रिंकल मित्तल एवं रविन्द्र बँसल ने कोरोना से ग्रसित लोगो को कोविड प्लाज़्मा की व्यवस्था की

 

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते अब अस्पतालों में कई तरह के मेडिकल रिसोर्सेस की मांग हो काफी तेज हो रही है। जहां एक ओर माइल्ड सिम्टम्स वाले लोग अपने घर पर ही आइसोलेशन में रहकर ठीक हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर लाखों लोग हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन (oxygen cylinders), बेड्स और दवाइयों की आपूर्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऑक्सीजन की शॉर्टेज के चलते हजारों लोगों की जान जोखिम में और कइयों की मौत भी हो चुकी है। इसी बीच अब अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी की डिमांग भी काफी बढ़ गई है। देश के कई डॉक्टर्स कोरोना से ठीक हो चुके लोगों से आगे आकर दूसरे संक्रमित पीड़ितों की प्लाज्मा (Plasma) देकर सहायता देने की अपील कर रहे हैं।

 

वहीं उत्तर प्रदेश जिला मथुरा के रिंकल मित्तल एव रविन्द्र बँसल ने  कोविड से ग्रसितो की जान बचाने के लिए सामने आए, ये समाजसेवी व्यक्ति किसी भी संस्था से नही है बल्कि कोविड पेशेंट को बचाने के लिए सेल्फ डिपेंड होकर कोविड एन्टी बॉडी की स्वयं टेस्टिंग करा कर लोगो की जान बचा रहे है।

 

रविन्द्र बँसल ने  स्वयं अपना प्लाज्मा दान करते हुए कहा कि हमारे रक्त में रेड बल्ड सेल्स, व्हाइट बल्ड सेल्स और पीला तरल भाग मौजूद होता है, ब्लड में मौजूद पीले तरल भाग को ही प्लाज्मा कहा जाता है जिसका 92 फीसदी हिस्सा पानी होता है। पानी के अलावा प्लाज्मा में प्रोटीन, ग्लूकोस मिनरल, हार्मोंस, कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद होते हैं। हमारे रक्त में तकरीबन 55 प्रतिशत प्लाज्मा मौजूद होता है।  प्लाज्मा थेरेपी को कायलसेंट प्लाज्मा थेरेपी (Convalescent plasma therapy) भी कहा जाता है। इसमें कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से प्लाज्मा निकालकर संक्रमित व्यक्ति की बॉडी में इंजेक्शन की मदद से इंजेक्ट किया जाता है। बता दें कि कोविड से ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा में एंटीबॉडीज बन जाते हैं जो दूसरे संक्रमित व्यक्ति के लिए भी मददगार हो सकते हैं।

 

वही रिंकल मित्तल ने लोगो को जागरूक करते हुए कहा की प्लाज्मा कौन कौन व्यक्ति प्लाज्मा दे सकते है-

 

जो कोरोना पेशेंट रिकवरी हुए है वे 28-30 दिनों के बाद ही अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। 

 

 जिनकी उम्र 18 साल की हो चुकी है और पूरी तरह से स्वस्थ हैं वे भी प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं।

 

जिन लोगों में बुखार, सर्दी, खांसी, जैसे सिम्टम्स हों वे भी प्लाज्मा का डोनेट कर सकते हैं, क्योंकि उनमें एसिम्प्टोमेट्रिक रोगी (asymptomatic patient) की तुलना में SARS-Cov-2 IgG एंटीबॉडी रखने की अधिक क्षमता होती है।

 

60 साल तक के स्वस्थ व्यक्ति प्लाज्मा दे सकते हैं।

 

जिन व्यक्तियों ने दूसरी डोज वैक्सीन की लगवाई है वह 1 महीने बाद प्लाज्मा दान कर सकते है

 

वो महिलाएं जो इस समय प्रेग्नेंट है उन महिलाओ को प्लाज्मा डोनेट नहीं करना चाहिए।

 

जो लोग हाई डाइबिटीज, कैंसर, हाइपरटेंशन, किडनी, लिवर की समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें भी प्लाज्मा डोनेट नहीं करना चाहिए।

 

रिंकल मित्तल एवं रविन्द्र बँसल दिन रात लोगो को जागरूक कर रहे है ओर अभी तक इन्होंने बहुत लोगो की जान बचा चुके है जिसकी हमे बहुत खुशी है, जिसमे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इनका सहयोग कर रही है। 

जिसमे कल्याण ब्लड बैंक के अमित भारद्वाज ने लोगो से अपील करते हुए कहा कि कोरोना से ग्रसित लोगों के जान बचाने के लिए प्लाज्मा डोनेट करे, प्लाज्मा दान करने से शरीर मे किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी नही आती है, बल्कि प्लाज्मा डोनेट करने के बाद 15 दिन में वह दुबारा से प्लाज्मा डोनेट कर सकते है, उन्होंने रिंकल मित्तल एवं रविन्द्र बँसल को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे समाजसेवी लोग जो  इस कोरोना वैश्विक महामारी में अपना पूर्ण योगदान दे रहे है ये मथुरा जिले के लिए बहुत गौरब की बात है, इस कोविड प्लाज़्मा में कमल गोला, गौरव चतुर्वेदी, सोमनाथ माहेश्वरी, हर्षित सिंह, अमित सक्सेना, पवन वर्मा, नवीन अग्रवाल ने प्लाज्मा दान किया। प्लाज्मा डोनेशन के लिए  रिंकल मित्तल- 9634147315, रविन्द्र बँसल-9997631887

से संपर्क करें।

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